रांची; घरों से कूड़ा कलेक्शन के एवज में सफाई शुल्क में वृद्धि किये जाने के मुद्दे को लेकर बुधवार को निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने हंगामा किया.
पार्षदों ने कहा कि राजधानी की सफाई व्यवस्था दिनों दिन गर्त में जा रही है. वहीं सरकार ने सफाई शुल्क में दो गुना वृद्धि कर दी है. इस पर तत्काल रोक लगायी जाये. अगर सरकार इस पर पुनर्विचार नहीं करती है, तो शुल्क लेनेवाली एजेंसी स्पैरो सॉफ्टटेक के किसी भी सुपरवाइजर को मोहल्ले में यूजर चार्ज वसूलने नहीं दिया जायेगा. पार्षदों के समर्थन में मेयर आशा लकड़ा व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय भी उतर आये. बैठक में तय हुआ कि पूर्व की भांति यूजर चार्ज वसूले जाने को लेकर नगर निगम सरकार के पास प्रस्ताव भेजेगा. ज्ञात हो कि पूर्व में घरों से 40 रुपये सफाई शुल्क लिये जाते थे़ उसे बढ़ा कर 80 रुपये कर दिया गया है.
वहीं व्यावसायिक भवन, दुकान व होटल के भी यूजर चार्ज बढ़ा दिये गये हैं. मेयर व डिप्टी मेयर ने कहा कि सफाई शुल्क के रूप में सरकार ने जो दर तय की है, वह त्रुटिपूर्ण है. सरकार इसमें सुधार करे, उसके बाद ही इसे लागू किया जाये. इधर, सरकार के आदेश का हवाला देते हुए अपर नगर आयुक्त विद्यानंद शर्मा पंकज ने कहा कि नगर निगम सरकार से ऊपर नहीं है. हम सरकार के आदेश को मानने के लिए बाध्य हैं. इस पर पार्षदों ने कहा कि हमें जनता ने वोट देकर चुना है. इसलिए हमारा यह दायित्व बनता है कि हम जनता से ज्यादा टैक्स न लें.
सिर्फ एक्सटेंशन मांग रही कंपनी : डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि एसेल इंफ्रा का चयन शहर की सफाई व्यवस्था के लिए हुआ है. परंतु यह कंपनी सिर्फ एक्सटेंशन मांग रही है. कंपनी को चेतावनी दी जाये कि अगर उसने 15 सितंबर तक शहर की सफाई व्यवस्था का काम अपने हाथों में नहीं लिया, तो निगम उस पर कानूनी कार्रवाई करेगा़.
सिटी बसों के परिचालन का जिम्मा बेरोजगार युवाओं काे दें राजधानी की सड़कों पर दौड़ रही सिटी बसों के परिचालन का जिम्मा शहर के बेरोजगार युवाओं को देने की मांग निगम के पार्षदों ने की है. बुधवार को बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने मांग की गयी कि वर्तमान में जिस एजेंसी को इसका परिचालन का जिम्मा दिया गया है, उस एजेंसी से भी बहुत ज्यादा राशि नगर निगम को नहीं मिल रहा है. इसलिए निगम आने वाले समय में इन बसों के परिचालन का जिम्मा शहर के बेरोजगार युवाओं को दे. पार्षदों ने कहा कि इसके लिए पूर्व में जो टेंडर निकाला गया था, उसमें बहुत सी त्रुटियां थीं. इसलिए इस टेंडर में बदलाव किया जाये.
टैंकर से पानी मंगाना हुआ महंगा : शादी विवाह या अन्य कार्यक्रमों में पानी का टैंकर मंगाने पर लोगों को अब ज्यादा राशि जमा करनी होगी. बैठक में इस प्रस्ताव को सहमति प्रदान कर दी गयी. अपर नगर आयुक्त विद्यानंद शर्मा पंकज ने कहा कि वर्तमान दर 10 साल पुरानी है. इसलिए इसमें बढ़ोतरी जरूरी है.