चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने उक्त फैसला सुनाया. खंडपीठ ने जेपीएससी की भूमिका पर कड़ी नाराजगी जताते हुए एकल पीठ के आदेश को खारिज कर दिया. अपील याचिका को स्वीकृत करते हुए प्रार्थी मुशरत जिया तारा को न्यायिक सेवा में नियुक्ति करने का आदेश दिया.
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हाइकोर्ट: प्रार्थी मुशरत जिया तारा की नियुक्ति का आदेश, जेपीएससी पर एक लाख रु का जुर्माना
रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को झारखंड ज्यूडिशियल (जूनियर डिवीजन) कैडर में नियुक्ति को लेकर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाने का आदेश दिया. जुर्माने की राशि रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा किया जाये, जो प्रार्थी को […]
रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को झारखंड ज्यूडिशियल (जूनियर डिवीजन) कैडर में नियुक्ति को लेकर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाने का आदेश दिया. जुर्माने की राशि रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा किया जाये, जो प्रार्थी को भुगतान किया जायेगा.
इसके अलावा उम्मीदवार चंचल कुमार की नियुक्ति को रद्द करने का भी खंडपीठ ने आदेश दिया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मुशरत जिया तारा ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती दी थी. एकल पीठ ने जेपीएससी के निर्णय को सही ठहराया था. चंचल कुमार, जो बीसी-टू कैटेगरी के उम्मीदवार थे, उन्होंने न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा-2015 में बीसी-वन कैटेगरी में आवेदन किया था. उसी कैटेगरी में उन्होंने परीक्षा दी थी. बाद में जेपीएससी ने सुधार करते हुए उन्हें बीसी-टू कैटेगरी का बताया. बीसी-टू कैटेगरी की मुशरत जिया तारा ने जेपीएससी के निर्णय को चुनाैती दी थी.
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