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20 सीमेंट कंपनियों को बंद करने का दिया निर्देश

दंड. ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं लगाया, कार्रवाई रांची : भारत सरकार ने राज्य की 20 सीमेंट कंपनियों को बंद करने का निर्देश दिया है. इसमें 14 कंपनियां रामगढ़ की हैं. वहीं पांच इकाई हजारीबाग की है. भारत सरकार ने 17 उद्योगों को ज्यादा प्रदूषण करनेवाली इकाइयों की श्रेणी में रखा है. इसमें सीमेंट और पावर […]

दंड. ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं लगाया, कार्रवाई
रांची : भारत सरकार ने राज्य की 20 सीमेंट कंपनियों को बंद करने का निर्देश दिया है. इसमें 14 कंपनियां रामगढ़ की हैं. वहीं पांच इकाई हजारीबाग की है. भारत सरकार ने 17 उद्योगों को ज्यादा प्रदूषण करनेवाली इकाइयों की श्रेणी में रखा है. इसमें सीमेंट और पावर प्लांट भी आता है.
पांच फरवरी 2014 को भारत सरकार ने ऐसे सभी उद्योगों को ऑनलाइन इफ्यूलेंट एवं एमीशन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिया था. इससे पीएम, एसओटू, एनओएक्स की मॉनिटरिंग हो पायेगी. झारखंड की सभी कंपनियों को समय-समय पर ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं लगाने के कारण कारण बताओ नोटिस दिया जाता रहा है, लेकिन नोटिस का सही जवाब नहीं देने के कारण इन कंपनियों को तत्काल उत्पादन बंद करने का निर्देश दिया गया है.
आधुनिक को बंद करने का निर्देश वापस लिया
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद (सीपीसीबी) ने राज्य के सरायकेला में स्थित आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसोर्स लिमिटेड (एपीआरएनएल ) सहित 20 सीमेंट कंपनियों को बंद करने का निर्देश दिया था. बोर्ड ने इससे संबंधित आदेश राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन, संबंधित जिलों के उपायुक्त व बिजली बोर्ड के चीफ इंजीनियर को दिया था. प्लांट में ऑन लाइन मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं लगाने के कारण ऐसा किया गया था.
इसके जवाब में आधुनिक पावर ने कंपनी को जानकारी दी है कि एपीआरएनएल एक पावर प्लांट कंपनी है, आयरन और स्टील इंडस्ट्रीज नहीं है. 29 फरवरी 2016 को आधुनिक पावर ने बोर्ड को जानकारी दी थी कि उनके यहां ऑन लाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगा दिया गया है. इसका डाटा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की वेबसाइट पर डाला जा रहा है. इस कारण दो फरवरी को आधुनिक पावर को बंद करने के निर्देश को बोर्ड ने वापस ले लिया.
बोर्ड ने रामगढ़ में छह स्टील और आयरन कंपनियों को भी बंद करने का नोटिस दिया था. इन कंपनियों को भी अधिक प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के दायरे में होने की बात कही गयी थी. इस पर इन कंपनियों ने आपत्ति जतायी थी. आपत्ति पर सुनवाई के बाद बोर्ड ने पाया कि इन कंपनियों के लिए ऑन लाइन मॉनिटरिंग सिस्टम जरूरी नहीं है. ये कंपनियां उन 17 कंपनियों के दायरे में नहीं आती हैं, जो ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं.

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