कल्याण विभाग की तरफ से बच्चों के लिए आवासीय सुविधाएं भी दी गयी है. इसके अतिरिक्त प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक से लेकर कक्षा पांचवीं तक की पढ़ाई अनिवार्य की गयी है. राज्य भर में एकलव्य और आश्रम विद्यालयों की स्थापना सभी उग्रवाद प्रभावित जिलों में की गयी है. केंद्र सरकार द्वारा इन विद्यालयों की स्थापना के लिए राज्य सरकार को अनुदान दिया गया है.
कंपनियों के लिए यह शर्त रखी गयी है कि उनका पिछले तीन वर्षों का वित्तीय रिकार्ड बेहतर हो. कंपनियों और स्वयंसेवी संस्थानों के लिए एक करोड़ रुपये का वित्तीय कारोबार करने के कागजात भी प्रस्तुत करने को कहा गया है. इतना ही नहीं कंपनियों को विद्यालय चलाने के लिए शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों की संख्या के बारे में भी बताना जरूरी किया गया है. आवेदन के साथ तकनीकी और शैक्षणिक विशेषताओं का जिक्र भी करना जरूरी है.