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कस्टडी में नाबालिग की मौत, परिजन बोले : पुलिस ने पीट-पीट कर मार डाला
डीजीपी डीके पांडेय ने हाल ही में वीडियाे कांफ्रेंसिंग कर सभी सीनियर पुलिस अफसराें काे हिदायत दी थी कि पुलिस ऐसी काेई कार्रवाई नहीं करे, जिससे बदनामी हाे. जीटी राेड पर एक चालक काे पुलिस द्वारा गाेली मारने आैर थाना परिसर में एक पुलिस इंस्पेक्टर की माैत के बाद यह निर्देश दिया गया था. इस […]
डीजीपी डीके पांडेय ने हाल ही में वीडियाे कांफ्रेंसिंग कर सभी सीनियर पुलिस अफसराें काे हिदायत दी थी कि पुलिस ऐसी काेई कार्रवाई नहीं करे, जिससे बदनामी हाे. जीटी राेड पर एक चालक काे पुलिस द्वारा गाेली मारने आैर थाना परिसर में एक पुलिस इंस्पेक्टर की माैत के बाद यह निर्देश दिया गया था. इस आदेश के उलट नक्सली हाेने का आराेप लगा कर एक नाबालिग लड़के काे दुकान से उठा कर इतनी पिटाई की गयी कि उसकी माैत हाे गयी. कुछ पुलिसकर्मियाें के ऐसे ही रवैये से सरकार की बदनामी हाेती है.
रांची/बुंडू: बुंडू के आदर्श नगर निवासी रूपेश स्वांसी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गयी. घटना शुक्रवार की है. रूपेश की उम्र मात्र 17 साल थी. वह बुंडू में एक कपड़ा दुकान में काम करता था. परिजनों का आरोप है कि पुलिस रूपेश को नक्सली बता कर ले गयी थी. इसके बाद उसकी बंदूक के कुंदे से पिटाई की. उसे इतना मारा कि उसकी मौत हो गयी. परिजनों ने राहे, दशम फॉल और बुंडू एसडीपीओ पर आरोप लगाये हैं. एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने राहे ओपी प्रभारी अशोक कुमार और दशम फॉल थाना प्रभारी पंकज तिवारी को निलंबित कर दिया है. ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.
एसडीपीओ के कार्यालय में हुई पिटाई : भूषण स्वांसी का बेटा रूपेश स्वांसी गुरुवार को शाम चार बजे कपड़ा दुकान से खाने घर आया था. शाम 5.30 बजे वह वापस दुकान लौटा. इस बीच किट्टू सोनार नामक युवक सिविल ड्रेस में पुलिस को लेकर दुकान पहुंचा.
परिजनों का आरोप है कि किट्टू के कहने पर पुलिस रूपेश को दुकान से ले गयी. बहन सुनीता स्वांसी के अनुसार, रूपेश को बुंडू एसडीपीओ के कार्यालय में ले जाया गया और उसकी पिटाई की गयी. पुलिस ने घरवालों को नहीं बताया कि रूपेश को कहां रखा गया है. बहन सुनीता के अनुसार शुक्रवार सुबह बताया गया कि रूपेश की तबीयत खराब हो गयी है. उसे सदर अस्पताल रांची भेजा गया है. सदर अस्पताल में बताया गया कि उसे रिम्स भेज दिया गया है.
पहले ही मौत हो चुकी थी
परिजनों का आरोप है कि रूपेश की पिटाई के कारण पहले ही मौत हो चुकी थी. पिता भूषण स्वांसी ने बताया कि रूपेश का शव बर्फ पर रखा गया था, जिससे पूरा शरीर कड़ा हो गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि मारपीट के दौरान रूपेश की गंजी खून से लाल हो गयी थी. इस कारण पुलिस ने उसे नयी गंजी पहना दी. उसके शरीर पर मारपीट व जख्म के निशान हैं. भूषण का कहना है कि पुलिस ने नक्सली बता कर मेरे बेटे की हत्या कर दी.
बुंडू एसडीपीओ का दावा : बीमार था, खुदाई के दौरान बिगड़ी तबीयत
बुंडू एसडीपीओ पवन कुमार का दावा है कि रूपेश को दो पिस्तौल और 12 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार, वह उग्रवादी संगठन जेएलटी को हथियारों की सप्लाई करता था. गुरुवार को उसकी निशानदेही पर पुलिस ने कई ठिकानों पर छापे मारे थे. उसने पुलिस को किसी स्थान पर हथियार रखे होने की बात बतायी थी. पुलिस उस स्थान पर रूपेश से खुदाई करवा रही थी. इसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गयी. रूपेश को सोनाहातू अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं था. कंपाउंडर ने इंजेक्शन देकर रांची रेफर कर दिया. रिम्स में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हुआ पोस्टमार्टम
दिन के करीब दो बजे मेडिकल टीम गठित कर रूपेश के शव को पोस्टमार्टम किया गया. इस दौरान मजिस्ट्रेट राजेश सिंह भी मौजूद थे. सूत्रों के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रूपेश की चोट से मौत होने की बात कही गयी है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
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