मालूम हो कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2003 में ही मॉडल जेल मैनुअल तैयार कर सभी राज्यों को अपनी परस्थिति के अनुसार संशोधन कर लागू करने को कहा था. बिहार ने साल 2012 में मॉडल जेल मैनुअल तैयार कर लागू कर दिया, जबकि झारखंड में अब तक जेल मैनुअल नहीं बन पाया है. झारखंड में 1925 का जेल मैनुअल लागू है. जेल मैनुअल ब्रिटिशकालनी प्रिजनर्स एक्ट 1894 व प्रिजनर्स एक्ट 1900 पर चल रहा है.
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जल्द होगा राज्य का अपना जेल मैनुअल : जेल आइजी
रांची/जमशेदपुर : झारखंड का जेल मैनुअल बन गया है. मंजूरी के लिए जल्द ही राज्य सरकार के पास भेजा जायेगा. उक्त बातें जेल आइजी सुमन गुप्ता ने सोमवार को घाघीडीह सेंट्रल जेल परिसर में बातचीत के क्रम में कही. कक्षपाल पद पर बहाली को लेकर जमशेदपुर पहुंची जेल अाइजी सुमन गुप्ता ने कहा कि राज्य […]
रांची/जमशेदपुर : झारखंड का जेल मैनुअल बन गया है. मंजूरी के लिए जल्द ही राज्य सरकार के पास भेजा जायेगा. उक्त बातें जेल आइजी सुमन गुप्ता ने सोमवार को घाघीडीह सेंट्रल जेल परिसर में बातचीत के क्रम में कही. कक्षपाल पद पर बहाली को लेकर जमशेदपुर पहुंची जेल अाइजी सुमन गुप्ता ने कहा कि राज्य का अपना जेल मैनुअल नहीं होने से कई दिक्कतें आ रही थीं.
सुधारात्मक गृहकारा से होगी जेल की पहचान : जेल आइजी सुमन गुप्ता ने कहा कि जेलों का नया नाम अब बदल कर सुधारात्मक गृह कारा होगा. जेल को लेकर जो बातें आती हैं, उसे बदलना होगा. जेल से छूटने के बाद बंदी अपराध की दिशा में नहीं जायें, इसके लिए कुशल कौशल की आवश्यकता है. जेल से छूटने के बाद वे रोजगार कर सकें. अगर कोई आदतन अपराधी नहीं है, तो उन्हें सुधारने की जिम्मेवारी समाज की है.
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