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पर्दाफाश: आरटीआइ से हुआ फिटकिरी खरीद में घोटाले का खुलासा, पेयजल सफाई के नाम पर लाखों साफ कर गये

रांची: केंद्रीय गुणवत्ता आश्वासन निदेशालय के पत्र से राज्य में पानी सफाई के नाम पर एलुमिना फेरिक (फिटकिरी) खरीद में लाखों रुपये की लूट का पर्दाफाश हुआ है. सूचना अधिकार अधिनियम के तहत पूछे गये सवालों के जवाब में निदेशालय ने कहा है कि एलुमिना फेरिक की गुणवत्ता जांच के लिए इंजीनियरों की ओर से […]

रांची: केंद्रीय गुणवत्ता आश्वासन निदेशालय के पत्र से राज्य में पानी सफाई के नाम पर एलुमिना फेरिक (फिटकिरी) खरीद में लाखों रुपये की लूट का पर्दाफाश हुआ है. सूचना अधिकार अधिनियम के तहत पूछे गये सवालों के जवाब में निदेशालय ने कहा है कि एलुमिना फेरिक की गुणवत्ता जांच के लिए इंजीनियरों की ओर से कोई पत्र नहीं मिला़ न ही निदेशालय ने गुणवत्ता की जांच की.

विभाग के जमशेदपुर प्रमंडल द्वारा वर्ष 2009-2012 की अवधि में फिटकिरी खरीद के लिए जारी किये गये नौ आपूर्ति आदेशों के सिलसिले में केंद्रीय गुणवत्ता आश्वासन निदेशालय से जानकारी मांगी गयी थी. निदेशालय से कहा गया था कि वह अधीक्षण अभियंता द्वारा भेजे गये पत्रों के आलोक में की गयी जांच के परिणाम की जानकारी दे.

निदेशालय ने अपने दस्तावेज की जांच पड़ताल के बाद भेजे गये अपने जवाब में कहा है कि जमशेदपुर प्रमंडल से संबंधित अनुरोध पत्र संख्या 498, 652, 818, 35, 128, 633, 976, 977 और 52 नहीं मिली है. निदेशालय ने इससे संबंधित फिटकिरी की जांच भी नहीं की है. उल्लेखनीय है कि जमशेदपुर प्रमंडल के तत्कालीन इंजीनियरों ने इन नौ पत्रों के सहारे 25 लाख रुपये की लागत पर 325 एमटी फिटकिरी की खरीद की थी. सभी नौ आपूर्ति आदेश मेसर्स वरचुअल केमिकल एंड एलायड प्रोडक्टस नामक कंपनी से संबंधित है.

क्या है नियम
राज्य सरकार पेयजल की सफाई के लिए सालाना करीब पांच करोड़ रुपये के फिटकिरी, चूना और ब्लीचिंग पाउडर खरीदती है. इसमें फिटकिरी सबसे महंगा है और पानी सफाई की प्रक्रिया में इसका अत्याधिक महत्व है. इस बात के मद्देनजर विभाग ने फिटकिरी की खरीद के लिए खास नियम लागू कर रखा है. इसके तहत फिल्टर प्लांट के अधीक्षण अभियंता द्वारा निर्माता कंपनी को आपूर्ति आदेश देते वक्त ही आदेश की एक प्रति केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन चलनेवाले गुणवत्ता आश्वासन निदेशालय को जांच के लिए भेजा जाता है. गुणवत्ता जांच के बाद ही खरीद की जा सकती है. आपूर्ति कर्ता को जांच रिपोर्ट के बिना भुगतान नहीं किया जा सकता है.
निदेशालय को
नहीं मिला कुछ
पत्रों का ब्योरा
पत्र संख्या तिथि
498 01-08-2009
652 03-08-2010
35 27-09-2010
633 25-07-2011
128 03-03-2012
976 20-10-2012
877 20-01-2012
52 31-01-2012

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