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प्राथमिकी में कई लोगों के नाम में गड़बड़ी
नेवरी घटना. बीआइटी के पूर्व ओपी प्रभारी और नुरेशा खातून की शिकायत पर अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज नेवरी के पीपराचौड़ा में नसीम की हत्या के बाद आगजनी हुई. बीआइटी के पूर्व थाना प्रभारी आनंद किशोर के साथ मारपीट की गयी. आगजनी की घटना को लेकर नुरेशा खातून और आनंद किशोर दोनों की शिकायत पर बीआइटी ओपी […]
नेवरी घटना. बीआइटी के पूर्व ओपी प्रभारी और नुरेशा खातून की शिकायत पर अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज
नेवरी के पीपराचौड़ा में नसीम की हत्या के बाद आगजनी हुई. बीआइटी के पूर्व थाना प्रभारी आनंद किशोर के साथ मारपीट की गयी. आगजनी की घटना को लेकर नुरेशा खातून और आनंद किशोर दोनों की शिकायत पर बीआइटी ओपी में अलग-अलग मामला दर्ज है, लेकिन प्राथमिकी में शामिल कई नामों में गड़बड़ी है. वहीं, कुछ लोगों ने खुद को निर्दोष बताया है.
रांची : मृतक नसीम के भाई हसीब ने बताया कि बीआइटी के पूर्व ओपी प्रभारी के साथ मारपीट की घटना को लेकर 29 नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है. ओपी प्रभारी आनंद किशोर की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में 13 नंबर में अस्फाक अंसारी और 14 नंबर में मुस्ताक अंसारी का नाम है. प्राथमिकी में दोनों के पिता का नाम मुख्तार अंसारी है. इसी प्राथमिकी में 28 नंबर पर दिलशाद अंसारी और 29 नंबर पर फिर अस्फाक अंसारी का नाम शामिल है. प्राथमिकी में फिर से दोनों के पिता का नाम मुख्तार अंसारी बताया गया है.
इसी तरह आगजनी की घटना काे लेकर जाकिर की रिश्तेदार नुरेशा खातून की शिकायत पर 41 नामद और अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज है. प्राथमिकी में 13 नंबर पर अस्फाक और 14 नंबर पर सरफराज का नाम है. इसमें भी दोनों के पिता का नाम मुख्तार अंसारी है. इसी प्राथमिकी में 37 नंबर पर दिलशाद अंसारी और 38 नंबर पर फिर से अस्फाक अंसारी का नाम है. हसीब ने बताया कि मुख्तार अंसारी के पुत्र का नाम अस्फाक और मुस्ताक है.
दिलशाद के पिता का नाम रुस्तम है. लेकिन प्राथमिकी में दिलशाद का पिता मुख्तार को बताया गया है. एक ही प्राथमिकी में दो स्थानों पर अस्फाक अंसारी का नाम कैसे हो सकता है. पूर्व ओपी प्रभारी घटना में शामिल उन्हीं 29 लोगों को कैसे पहचानते थे, जिन्हें नुरेशा खातून भी पहचानती थी. नुरेशा खातून और पूर्व ओपी प्रभारी की शिकायत में पहले अंकित एक से लेकर 29 तक नाम एक समान सीरियल में है.
वहीं, दूसरी ओर आनंद किशोर की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी के आरोपी लुकमान अंसारी और मसजिद के इमाम हाफिज अंसारी ने खुद को निर्दोष बताया है. लकुमान का कहना है नसीम की हत्या करनेवाले ने मेरे भाई रजफ पर भी हमला किया था. मैं घटना के बाद उसे साथ लेकर मेदांता इलाज कराने के लिए गया था. वहीं हाफिज अंसारी का कहना है कि घटना के वक्त मैं मसजिद में था. कुछ अन्य लोगों ने भी अपने को निर्दोष बताया है. हसीब ने बताया कि बीआइटी मेसरा में बीबीए में पढ़नेवाले मेरे पुत्र सोनू को भी नुरेशा खातून और पूर्व ओपी प्रभारी की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है, जबकि घटना के वक्त वह अपने घर पर ही था.
नेवरी गांव के लोगों का कहना है कि जाकिर पुलिस के लिए मुखबिरी का काम करता था. गांव के लोगों के बारे में जाकिर के पास ही सबसे अधिक जानकारी थी. इसलिए गांव के लोगों को इस बात पर आशंका है कि जिन 29 लोगों का नाम प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए जाकिर ने नुरेशा को बताया.
उन्हीं लोगों का नाम जाकिर ने पुलिस को बताया होगा. लोगों का यह भी कहना है कि अगर पुलिस खुद आरोपियों को पहचानती थी, तब नामजद प्राथमिकी दर्ज करने में गड़बड़ी कैसे हुई. मामले में दर्ज प्राथमिकी में नाम में गड़बड़ी की जानकारी सदर डीएसपी को मिली है.
मामले में सदर डीएसपी सह रांची पुलिस के प्रवक्ता विकास चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि प्राथमिकी मेें शामिल नाम का सत्यापन करने और अनुसंधान में आरोप सही पाये पर आगे किसी की गिरफ्तारी होगी.
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