कल्याण विभाग की इसी कार्यशैली से छात्रवृत्ति मिलने में एक से तीन वर्ष तक का विलंब होता रहा है. इसका खामियाजा राज्य के बच्चे व उनके अभिभावक उठाते हैं. गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 के दौरान कुल 3.47 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के रूप में 334.56 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं. इधर, इन्हीं दोनों वर्ष के करीब 1.12 लाख विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति संबंधी आवेदन विभाग में लंबित हैं. इनके लिए 311.62 करोड़ रुपये के अतिरिक्त रकम की जरूरत है. इधर लंबित आवेदन वाले विद्यार्थी जिला कल्याण पदाधिकारी कार्यालय तथा विभाग का चक्कर लगाते रहते हैं.
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एक लाख से ज्यादा बच्चों को नहीं मिली छात्रवृत्ति
रांची: करीब 1.12 लाख विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का मामला कल्याण विभाग में लंबित है. विभाग के अधिकारियों ने छात्रवृत्ति के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की है. वहीं, छात्रवृत्ति योजना में पारदर्शिता व सहजता बढ़ाने के लिए इसकी प्रक्रिया में सुधार भी होना है, लेकिन इन दोनों मुद्दों से संबंधित फाइलें विभागीय मंत्री […]
रांची: करीब 1.12 लाख विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का मामला कल्याण विभाग में लंबित है. विभाग के अधिकारियों ने छात्रवृत्ति के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की है. वहीं, छात्रवृत्ति योजना में पारदर्शिता व सहजता बढ़ाने के लिए इसकी प्रक्रिया में सुधार भी होना है, लेकिन इन दोनों मुद्दों से संबंधित फाइलें विभागीय मंत्री लुईस मरांडी के पास करीब एक माह से पड़ी हैं.
कल्याण विभाग की इसी कार्यशैली से छात्रवृत्ति मिलने में एक से तीन वर्ष तक का विलंब होता रहा है. इसका खामियाजा राज्य के बच्चे व उनके अभिभावक उठाते हैं. गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 के दौरान कुल 3.47 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के रूप में 334.56 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं. इधर, इन्हीं दोनों वर्ष के करीब 1.12 लाख विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति संबंधी आवेदन विभाग में लंबित हैं. इनके लिए 311.62 करोड़ रुपये के अतिरिक्त रकम की जरूरत है. इधर लंबित आवेदन वाले विद्यार्थी जिला कल्याण पदाधिकारी कार्यालय तथा विभाग का चक्कर लगाते रहते हैं.
प्रक्रिया में सुधार भी लंबित ; वित्तीय वर्ष 2016-17 में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरण योजना की प्रक्रिया में बदलाव के लिए संकल्प का प्रारूप भी मंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा गया है. इसकी फाइल भी वहां से नहीं लौटी है. प्रारूप में केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत विभिन्न शिक्षण संस्थानों का निबंधन, केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत ही भुगतान, विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने में प्राथमिकता का निर्धारण तथा डीबीटी के माध्यम से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान जैसे बदलाव शामिल हैं.
कल्याण विभाग
महीने भर से मंत्री के पास है फाइल, अनुमोदन का इंतजार
विभाग की कार्यशैली से परेशान हैं राज्य के छात्र और अभिभावक
लंबित आवेदनों का विवरण
वित्तीय वर्ष 2014-15
केटेगरी आवेदन कुल रकम
एससी 3175 8.65 करोड़
एसटी 11628 33.71 करोड़
अोबीसी 18950 59.43 करोड़
कुल 33753 101.81 करोड़
वित्तीय वर्ष 2015-16
एससी 8902 23.26 करोड़
एसटी 45950 89.79 करोड़
अोबीसी 23567 96.75 करोड़
कुल 78419 209.80 करोड़
मुख्यमंत्री से हुई है बात
व्यस्तता व अन्य कारणों से करीब 10 दिनों से सचिव से भेंट नहीं हो पा रही है. बकाया छात्रवृत्ति की रकम अधिक है. इसका इंतजाम विभागीय स्तर से नहीं हो पायेगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री जी से भी बात हुई है. हम कैबिनेट नोट भी तैयार करा रहे हैं. छात्रवृत्ति की प्रक्रिया में भी बदलाव हो रहा है. हम अच्छे संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ही ूछात्रवृत्ति का लाभ देंगे.
लुईस मरांडी, मंत्री,
कल्याण व समाज कल्याण
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