इसके बाद फिर इसे संशोधित करते हुए 1.79 हेक्टेयर जमीन के विचलन का प्रस्ताव दिया गया. डीएफसीसीआइएल के इस प्रस्ताव पर वन प्रमंडल पदाधिकारी ने कुछ आपत्तियां की है. इन आपत्तियों पर डीएफसीसीआइएल की ओर से अब तक कोई जवाब राज्य सरकार को नहीं मिला है. गिरिडीह वन प्रमंडल में 20.22 हेक्टेयर जमीन के हस्तांतरण का प्रस्ताव दिया है. इस सिलिसले में भी वन प्रमंडल पदाधिकारी द्वारा उठायी गयी आपत्तियों का जवाब नहीं मिला है.
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फ्रेट कॉरिडोर में रेलवे ओवरब्रिज 50-50% की हिस्सेदारी पर बनेगा
रांची: इस्टर्न स्टेट जोनल काउंसिल की बैठक में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण पर चर्चा हुई. केंद्र की इस योजना पर राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि धनबाद वन प्रमंडल में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर काॅरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) ने 1.98 हेक्टेयर वन भूमि के विचलन का प्रस्ताव मार्च 2015 में दिया […]
रांची: इस्टर्न स्टेट जोनल काउंसिल की बैठक में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण पर चर्चा हुई. केंद्र की इस योजना पर राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि धनबाद वन प्रमंडल में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर काॅरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) ने 1.98 हेक्टेयर वन भूमि के विचलन का प्रस्ताव मार्च 2015 में दिया था.
कॉरिडोर में झारखंड क्षेत्र में नौ रेलवे ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव है. डीएफसीसीआइएल ने राज्य सरकार को 50-50 प्रतिशत की आर्थिक भागीदारी पर रेलवे ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव दिया था. राज्य सरकार ने इस पर सहमति दे दी है. मल्टी सेक्टरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसडीपी) पर हुई चर्चा के दौरान राज्य सरकार की ओर से यह जानकारी दी गयी कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट की अनुशंसाओं के आलोक में शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट, स्वास्थ्य, सफाई आदि से जुड़े काम किये जाते हैं. केंद्र सरकार द्वारा दिये गये दिशा-निर्देश के आलोक में राज्य के 16 जिलों के वैसे 44 प्रखंडों में इसे क्रियान्वित किया जा रहा है, जहां अल्पसंख्यकों की आबादी 25 प्रतिशत से अधिक है. भारत सरकार से इस योजना के तहत 11वीं पंचवर्षीय योजना में 142. 19 करोड़ और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 50.32 करोड़ रुपये मिले थे. इस तरह राज्य को दोनों पंचवर्षीय योजना में कुल 192.51 करोड़ रुपये मिले थे. इसमें से 123.23 करोड़ रुपये खर्च कर लिया गया है और भारत सरकार को 69.2 करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी दे दिया गया है.
सांप्रदायिक समस्याओं पर चर्चा : बैठक में पूर्वोत्तर राज्यों में सांप्रदायिकता से संबंधित मामलों पर चर्चा हुई. इसमें राज्य सरकार की ओर से यह कहा गया कि केंद्र ने सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिए वर्ष 2008 में सभी राज्यों को निर्देश जारी किया था. झारखंड में इस दिशा-निर्देश को लागू कर दिया गया है.
बैठक में ये हुए शामिल : बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की. बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री आशीष बनर्जी, ओड़िसा के वित्त मंत्री प्रदीप कुमार अमाट के अलावा सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव व भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे.
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