यानी अब राजधानी वासियों को निगम द्वारा सूचीबद्ध आर्किटेक्टों से ही नक्शा पास कराना होगा. इससे पहले जी प्लस टू का नक्शा निगम द्वारा पास किया जाता था, जिससे हमेशा निगम कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगते रहते थे. वहीं, काफी दिनों से आर्किटेक्टों की यह मांग थी कि उन्हें जी प्लस टू के नक्शा पास करने की जिम्मेदारी दी जाये.
नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि आर्किटेक्टों द्वारा अगर नक्शा पास करने में अनियमितता बरती जाती है तो इसके जिम्मेदार वह सीधी तौर पर होंगे. अगर नक्शा पास होने के बाद भवन बन जाता है तो संबंधित आर्किटेक्ट पर कार्रवाई की जायेगी.