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एमसीआइ जुलाई में करेगा रिम्स का निरीक्षण
रांची: एमबीबीएस की 150 सीट की मान्यता के लिए जुलाई माह में एमसीआइ की टीम फिर से निरीक्षण करेगी. निरीक्षण में एमसीआइ की टीम यह देखेगी कि सीट के हिेसाब से रिम्स ने आधारभूत संरचना व फैकल्टी पूरी कर ली है या नहीं. अगर निरीक्षण में सब कुछ सही रहा, तो रिम्स को पांच साल […]
रांची: एमबीबीएस की 150 सीट की मान्यता के लिए जुलाई माह में एमसीआइ की टीम फिर से निरीक्षण करेगी. निरीक्षण में एमसीआइ की टीम यह देखेगी कि सीट के हिेसाब से रिम्स ने आधारभूत संरचना व फैकल्टी पूरी कर ली है या नहीं. अगर निरीक्षण में सब कुछ सही रहा, तो रिम्स को पांच साल के लिए स्थायी मान्यता मिल जायेगी.
10 प्रतिशत फैकल्टी है चुनौती: एमबीबीएस के 150 सीट के स्थायी मान्यता के लिए सबसे बड़ी समस्या फैकल्टी की है. एमसीआइ ने रिम्स प्रबंधन को पूर्व में किये अपने निरीक्षण में फैकल्टी की सबसे बड़ी कमी बतायी है. स्थायी मान्यता के लिए इसे सबसे पहले दूर करने का निर्देश दिया है. एमसीआइ के अनुसार रिम्स में 10 प्रतिशत फैकल्टी की कमी है. इसके अलावा कई और कमियां भी हैं, लेकिन यह आसानी से दूर करने लायक है. हालांकि रिम्स प्रबंधन फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए चिकित्सकों की नियुक्ति कर रहा है.
250 सीट की तैयारी करेगा रिम्स: रिम्स प्रबंधन 150 सीट की स्थायी मान्यता मिलने के बाद 250 सीट की तैयारी करेगा. 250 सीट का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है. यह प्रस्ताव जुलाई के बाद भेजा जायेगा.
जुलाई में हमारी अंतिम परीक्षा है, जब एमसीआइ की टीम निरीक्षण करने आयेगी. इसके बाद हमें पांच साल के लिए स्थायी मान्यता मिल जायेगी. इसके बाद हम 250 सीट के लिए प्रस्ताव भेजेंगे.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक, रिम्स
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