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जांच में न धर्म गुरु की हत्या की योजना साबित हुई और न ही नक्सलियों की संलिप्तता की

रांची: राजधानी में धर्मगुरु को मारकर दंगा भड़काने की योजना बनाने के आरोप में पुलिस की टीम ने नौ अक्तूबर, 2015 को मो तबरेज आलम और इमरान को गिरफ्तार किया था. जांच के क्रम में पुलिस को इस बात से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिले. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान दोनों अपराधियों के खिलाफ धर्मगुरु […]

रांची: राजधानी में धर्मगुरु को मारकर दंगा भड़काने की योजना बनाने के आरोप में पुलिस की टीम ने नौ अक्तूबर, 2015 को मो तबरेज आलम और इमरान को गिरफ्तार किया था. जांच के क्रम में पुलिस को इस बात से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिले. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान दोनों अपराधियों के खिलाफ धर्मगुरु की हत्या की योजना तैयार करने और नक्सलियों के संबंध होने के आरोप को साबित नहीं कर सकी.

तैयार योजना में किसी नक्सली के शामिल होने से संबंधित बात की भी पुष्टि नहीं हुई. पुलिस की जांच सिर्फ गिरफ्तार अपराधियों को अवैध हथियार के साथ पकड़े जाने तक सीमित रही. अवैध हथियार के साथ पकड़े जाने के आरोप में पुलिस दोनों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.


दोनों की गिरफ्तारी पुदांग ओपी क्षेत्र के राठौर कांप्लेक्स के समीप से हुई थी. पुलिस ने दोनों के पास से एक पिस्टल और दो गोली भी बरामद की थी. दोनों की गिरफ्तारी को लेकर 10 अक्तूबर को तत्कालीन कोतवाली एएसपी अंशुमान कुमार ने बताया था कि धर्म गुरु को मारने की योजना सोनू इमरोज ने तैयार की थी. दोनों गिरफ्तार अपराधी सोनू इमरोज गिरोह के सहयोगी हैं. सोनू इमरोज ने दोनों को हत्या की सुपारी दी थी. कोतवाली एएसपी ने यह भी बताया था कि गिरफ्तार दोनों के संबंध हजारीबाग जेल में बंद नक्सली डेविड और उसके सहयोगी डब्ल्यू से भी है. उल्लेखनीय है कि तबरेज के खिलाफ पूर्व में पुदांग ओपी क्षेत्र में एक ऑटो चालक की हत्या को लेकर भी केस दर्ज हुआ था. मो तबरेज आलम, इलाहीनगर दीपाटोली पुदांग और इमरान उर्फ शाहरुख खान, आजाद बस्ती पत्थलकुदवा का रहने वाला है.
पुलिस ने दी थी सुरक्षा : जब पुलिस को इस बात की सूचना मिली थी कि एक धर्मगुरु की हत्या होनेवाली है और इसकी योजना अपराधी सोनू इमरोज ने तैयार की है, तब रांची पुलिस द्वारा संबंधित धर्मगुरु को सुरक्षा भी दी गयी थी. पुलिस उसे स्कॉर्ट भी करती थी. दोनों अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद भी संबंधित धर्मगुरु को लेकर पुलिस एलर्ट थी.
गिरफ्तार अपराधियों के खिलाफ पुलिस आर्म्स एक्ट के केस में न्यायालय में पूर्व में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. पुलिस को जांच में दोनों के खिलाफ किसी धर्मगुरु की हत्या करने की योजना तैयार करने या घटना में किसी नक्सली की संलिप्तता होने से संबंधित साक्ष्य नहीं मिले हैं.
आनंद कुमार सिंह, पुदांग ओपी प्रभारी

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