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145 चिकित्सकों और 1616 एमपीडब्ल्यू को नियुक्ति पत्र

पहल. एमपीडब्ल्यू के 2215 पद सृजित किये गये मुख्यमंत्री ने किया निदेशालय व आयुष भवन का उदघाटन स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को नामकुम आरसीएच में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 145 विशेषज्ञ चिकित्सकों और 1616 बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं (एमपीडब्ल्यू) को नियुक्ति पत्र सौंपा. रांची : 145 विशेषज्ञ चिकित्सकों […]

पहल. एमपीडब्ल्यू के 2215 पद सृजित किये गये
मुख्यमंत्री ने किया निदेशालय व आयुष भवन का उदघाटन
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को नामकुम आरसीएच में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 145 विशेषज्ञ चिकित्सकों और 1616 बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं (एमपीडब्ल्यू) को नियुक्ति पत्र सौंपा.
रांची : 145 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र देने के बाद अलग-अलग जिलों में पदस्थापित कर दिया गया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए एमपीडब्ल्यू के 2215 पद सृजित किये गये हैं. 2008 में नियुक्त मलेरिया कार्यकर्ताओं को इसमें नियुक्त किया गया है. इनकी सेवा पूर्व में समाप्त कर दी गयी थी. एमपीडब्ल्यू को पूर्व में छह हजार रुपये मासिक वेतन मिलता था, जिसे बढ़ा कर 15301 रुपये कर दिया गया है.
नैपकिन वितरण योजना शुरू मुख्यमंत्री द्वारा कक्षा छह से 12वीं तक की सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाली छात्राओं के लिए नि:शुल्क सैनिटरी नैपकिन वितरण योजना आरंभ की गयी. इस योजना के तहत सखी नाम का नैपकिन प्रतिमाह शिक्षकों द्वारा छात्राओं के बीच वितरित किया जायेगा.
30 दिनों में ड्रग लाइसेंस
विभाग के औषधि नियंत्रण निदेशालय द्वारा दवा विक्रेताओं के लिए अॉनलाइन लाइसेंस की प्रक्रिया का उदघाटन भी किया गया. इसके तहत आवेदन करनेवालों को 30 दिनों में दवा दुकान का लाइसेंस मिलेगा. भविष्य में मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस को भी अॉनलाइन निर्गत करने की योजना है.
दवा वितरण की ऑनलाइन मॉनिटरिंग : विभाग द्वारा दवा वितरण की अॉनलाइन मॉनिटरिंग की जायेगी. इसके लिए ड्रग एंड वैक्सीन डेवलपमेंट मैनेजमेंट सिस्टम को भारत सरकार की संस्था सी-डैक ने विकसित किया है.
इसके लिए भी सोमवार को एनएचएम निदेशक आशीष सिंहमार और सीडैक के बीके शर्मा के बीच एमओयू हुआ. इस सॉफ्टवेयर से सभी अस्पतालों में दवाओं का प्रबंधन किया जायेगा. दो वर्षों तक सीडैक इसमें तकनीकी सहयोग करेगा. इस पर 2.50 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं.
डायलिसिस यूनिट की स्थापना के लिए एमओयू
स्वास्थ्य विभाग की ओर से आठ जिलों में डायलिसिस यूनिट की स्थापना के लिए डीसीडीसी हेल्थ सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ भी एमओयू किया गया. विभाग की ओर से निदेशक प्रमुख डॉ प्रवीण चंद्रा और कंपनी की ओर से असीम गर्ग ने एमओयू पर साइन किया. प्रारंभ में बोकारो, चाईबासा, धनबाद, दुमका, गुमला, हजारीबाग, जमशेदपुर और पलामू में पीपीपी मोड पर डायलिसिस सेंटर की स्थापना की जायेगी. यहां बीपीएल मरीजों एवं 72 हजार सालाना आयवालों की नि:शुल्क जांच होगी और सामान्य लोगों की कम दर पर जांच होगी.
निदेशालय बना, तो एक ही जगह से होंगे काम
स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि स्वास्थ्य निदेशालय के बन जाने से सभी कार्य एक जगह से हो पायेगा. मंत्री ने कहा कि एमसीआइ ने मेडिकल की सीट बढ़ा दी है. 2015-16 में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में राज्य का रैंक 18 था, जो अब तीसरा हो गया है. सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि नवनिमित भवनों में शीघ्र ही अस्पताल अारंभ किया जाना चाहिए.
जिलों में ही ऑपरेशन करें चिकित्सक
अपर मुख्य सचिव के विद्यासागर ने कहा कि आज विभाग ने जरूरत की 80 प्रतिशत दवाई अस्पतालों में उपलब्ध करा दी है. अन्य दवाई अगले तीन महीनों में उपलब्ध करा दी जायेगी. विशेषज्ञ चिकित्सकों के बारे में कहा कि जिलों में ही अॉपरेशन करें, रिम्स में रेफर न करें. सारी सुविधाएं सरकार जिलों में ही उपलब्ध करा देगी. उन्होंने कहा कि इस साल चार अाइसीयू बनाये जा रहे हैं.
पीएमसीएच, चाईबासा और गुमला में गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों के इलाज के लिए एसएनएचयू बनाये जायेंगे. कार्यक्रम में खिजरी विधायक रामकुमार पाहन ने भी विचार रखे.

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