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एमओयू पर विवाद, ऊर्जा सचिव गये छुट्टी पर
रांची: अडाणी पावर के एमओयू को लेकर चल रहे विवाद के चलते ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे एक माह की छुट्टी पर चले गये हैं. उनकी छुट्टी भी सरकार ने मंजूर कर ली है. सूत्रों ने बताया कि ऊर्जा विभाग में िकसी नये सचिव को प्रभार दिया जा सकता है. वेरिएबल कॉस्ट पर […]
रांची: अडाणी पावर के एमओयू को लेकर चल रहे विवाद के चलते ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे एक माह की छुट्टी पर चले गये हैं. उनकी छुट्टी भी सरकार ने मंजूर कर ली है. सूत्रों ने बताया कि ऊर्जा विभाग में िकसी नये सचिव को प्रभार दिया जा सकता है.
वेरिएबल कॉस्ट पर बिजली नहीं देना चाहता अडाणी : अडाणी पावर द्वारा गोड्डा में 1600 मेगावाट के पावर प्लांट के लिए एमओयू फरवरी में किया गया था. कंपनी अब एमओयू में संशोधन की मांग सरकार से कर रही है. कुछ शर्तों को लेकर सरकार और अडाणी कंपनी में जिच चल रहा है. सूत्रों ने बताया कि झारखंड में जितनी भी पावर कंपनियों के साथ एमओयू हुआ है, उसमें शर्त रखी गयी है कि 25 फीसदी बिजली झारखंड को देनी होगी. 25 फीसदी में से 12 फीसदी बिजली नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ पर और 13 प्रतिशत वेरिएबल कॉस्ट पर देने की शर्त है.
अडाणी को 13 प्रतिशत वेरिएबल कॉस्ट पर बिजली देने की शर्त मंजूर नहीं है. वह 25 प्रतिशत बिजली नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ पर देना चाहती है, लेकिन विभाग नियमों का हवाला देकर इसमें संशोधन नहीं करना चाहता. पिछले दिनों मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने इस मुद्दे को लेकर बैठक भी की थी, पर इस विवाद का कोई हल नहीं निकला. अडाणी द्वारा यह कहा गया था कि गोड्डा से उत्पादित बिजली का पूरा हिस्सा बांग्लादेश को जायेगा. पर शर्त के तहत 25 प्रतिशत यानी 400 मेगावाट बिजली अडाणी अपने अन्यत्र स्थित प्लांट से झारखंड को देगी, बशर्ते झारखंड सरकार उसे नियामक आयोग की टैरिफ पर बिजली देने की सहमति दे.
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