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अगस्त में हो सकता है स्मार्ट सिटी का शिलान्यास
रांची : अगस्त में स्मार्ट सिटी रांची का शिलान्यास हो सकता है. नगर विकास विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने बताया कि विभाग को तेजी से काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है. सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द काम शुरू हो, ताकि समय से […]
रांची : अगस्त में स्मार्ट सिटी रांची का शिलान्यास हो सकता है. नगर विकास विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने बताया कि विभाग को तेजी से काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है. सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द काम शुरू हो, ताकि समय से स्मार्ट सिटी का निर्माण हो जाये. इसके लिए राशि की कमी नहीं होनी दी जायेगी. मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि विभाग को जितनी राशि की जरूरत होगी, सरकार देगी.
स्मार्ट सिटी के लिए सबसे पहले स्पेशल पर्पस व्हीकल(एसपीवी) का गठन किया जायेगा. एसपीवी निजी निवेश को लाने का काम करेगा. विभाग द्वारा बनाये गये प्रस्ताव में एसपीवी द्वारा 6500 करोड़ रुपये के निवेश लाने का अनुमान है. कुल 375 एकड़ में स्मार्ट सिटी का निर्माण होगा. इनमें से 194 एकड़ में निजी निवेशकों को लाया जायेगा. सिटी डेवलपमेंट के लिए रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड का गठन किया जायेगा. यह एक कंपनी के रूप में काम करेगी. इसके लिए आर्टिकल अॉफ एसोसिएशन बनाया जायेगा.
कॉरपोरेशन में पदेन सदस्यों को ही रखने पर विचार चल रहा है. कॉरपोरेशन को पहले वर्ष राज्य सरकार 300 करोड़ और केंद्र सरकार 300 करोड़ कुल 600 करोड़ रुपये देगी, जिससे काम आरंभ होगा.
2020 तक काम होना है : स्मार्ट सिटी बनाने के लिए वर्ष 2016 से 2020 तक का समय निर्धारित किया गया है. वर्ष 2016 में लैंड डेवलपमेंट से लेकर अन्य कई निर्माण कार्य शुरू किये जाने हैं. यही वजह है कि सरकार चाहती है कि 15 अगस्त या उससे पहले शिलान्यास हो जाये.
सबके सहयोग से मिली सफलता: नगर आयुक्त : रांची. स्मार्ट सिटी के लिए रांची का चयन होने के बाद नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन बुधवार को होटल बीएनआर चाणक्य में किया गया. मुख्य अतिथि नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कर्मचारियों को सम्मानित किया़ नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने कहा कि रांची को सबके सहयोग से ही स्मार्ट सिटी बनाने के लिए चुना जा सका है. मौके पर स्मार्ट सिटी पर निबंध लिखने वालों को भी पुरस्कृत किया गया.
एचइसी से पहले जमीन हस्तांतरित करायेगी सरकार
एचइसी द्वारा 375 एकड़ जमीन के एवज में 500 करोड़ रुपये की मांग की गयी थी, लेकिन सारे आकलन के बाद 485 करोड़ रुपये देने पर सहमति बनी़ इसके बाद जमीन को नगर विभाग के नाम से हस्तांतरित कराया जायेगा. विभाग की आेर से कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.
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