संचिकाओं के निष्पादन का कार्य भी धीमा हो गया है. पुरानी संचिकाएं जो पहले से अधिकारियों के पास हैं, उन्हीं संचिकाओं पर सिर्फ काम हो रहा है. वहीं दूसरी ओर कर्मचारी झारखंड राज्य अनुसचिवीय कर्मचारी संघ के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं.
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रांची: समाहरणालय संवर्ग के कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही. कर्मचारियों की हड़ताल का असर समाहरणालय के कामकाज पर दिख रहा है. हड़ताल की वजह से न मृत्यु प्रमाण पत्र बन रहा है, न जन्म प्रमाण पत्र. दूर-दराज से आये जरूरतमंद लोगों को बिना काम कराये घर लौटना पड़ रहा है. समाहरणालय के […]
रांची: समाहरणालय संवर्ग के कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही. कर्मचारियों की हड़ताल का असर समाहरणालय के कामकाज पर दिख रहा है. हड़ताल की वजह से न मृत्यु प्रमाण पत्र बन रहा है, न जन्म प्रमाण पत्र. दूर-दराज से आये जरूरतमंद लोगों को बिना काम कराये घर लौटना पड़ रहा है. समाहरणालय के अधिकतर कार्यालयों की कुर्सियां खाली पड़ी हुई हैं.
अपनी मांगों को लेकर दो दिनों से राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. हड़ताल में समाहरणालय संवर्ग के लिपिक, लेखा लिपिक शामिल हैं. इधर, संघ के नेताओं का कहना है कि सरकार जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं करती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. नेताओं का कहना है कि संघ के 18 सूत्री मांगों के आलोक में गठित उच्चस्तरीय समिति ने सितंबर 2014 में अनुशंसा कर दी थी, जिस पर सरकार का भी अनुमोदन है, पर सरकार अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है.
क्या कहते हैं आमलोग
इंदिरा आवास के लिए कुछ दिन पहले आवेदन किये थे. उसके बारे में पता लगाने समाहरणालय आया था, पर कोई बतानेवाला नहीं है. एक कर्मचारी ने बताया कि बाबू लोग हड़ताल पर चले गये हैं. हड़ताल खत्म होने के बाद आना.
विष्णुचरण स्वांसी, खुदीमधुकम, बुंडू
इंदिरा आवास के लिए आवेदन लेकर आये थे, पर आवेदन लेनेवाला कोई नहीं है. पूछने पर कुछ लोगों ने बताया कि कर्मचारी हड़ताल पर हैं, इसलिए अभी काम नहीं होगा.
महेश महतो, चामगुरू कांके
मांगें पूरी करे सरकार : महासंघ
रांची. झारखंड राज्य अनुसचिवीय कर्मचारी संघ अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर है. इस संबंध में झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नवीन चौधरी व महामंत्री रामाधार शर्मा ने कहा कि सरकार मांगे पूरी करे. इसके बाद हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया जायेगा।
क्या हैं मांगें
समाहरणालय संवर्ग का सेवा शर्त नियमावली बने.
निम्नवर्गीय व उच्चवर्गीय लिपिक का समायोजन कर समाहरणालय लिपिक बनाया जाये.
सीमित सेवा के माध्यम से 25 प्रतिशत पदाें पर सचिवालय सेवा में जाने की अनुशंसा को अविलंब लागू किया जाये.
राजभाषा के उर्दू कर्मियों की भी सेवा नियमावली बने.
वर्ष 1956 के स्वीकृत बल से ही काम लिया जा रहा है, वर्तमान स्वीकृत बल के हिसाब से कर्मचारियों की नियुक्ति हो
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