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टीवी-कंप्यूटर तो हैं, पर बिजली नहीं

रांची: अनुसूचित जनजाति (एसटी) आवासीय विद्यालयों के 15-36 प्रतिशत छात्र मैट्रिक फेल कर रहे हैं. ड्रॉप आउट रेट 41 प्रतिशत तक है. हॉस्टल में छात्रों के मुकाबले बिस्तर नहीं है. कई हॉस्टल में छात्र जमीन पर सो रहे हैं. कई स्कूलों के छात्र एक-दो किलोमीटर दूर से पीने का पानी ला रहे हैं. कुछ स्कूलों […]

रांची: अनुसूचित जनजाति (एसटी) आवासीय विद्यालयों के 15-36 प्रतिशत छात्र मैट्रिक फेल कर रहे हैं. ड्रॉप आउट रेट 41 प्रतिशत तक है. हॉस्टल में छात्रों के मुकाबले बिस्तर नहीं है. कई हॉस्टल में छात्र जमीन पर सो रहे हैं.

कई स्कूलों के छात्र एक-दो किलोमीटर दूर से पीने का पानी ला रहे हैं. कुछ स्कूलों में टीवी और कंप्यूटर है, लेकिन बिजली नहीं है. इससे इन आवासीय स्कूलों के संचालन का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है. यहां सप्लायर को बिना टैक्सवाली चीजों पर भी टैक्स दिया जा रहा है. प्रधान महालेखाकार (पीएजी) ने एसटी आवासीय विद्यालयों के ऑडिट के बाद इन तथ्यों की जानकारी सरकार को दी है.

जमीन पर सोते हैं छात्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि धमधमिया और कर्मा पहाड़ एसटी आवासीय विद्यालय के हॉस्टल में बिस्तर नहीं है. यहां के छात्र जमीन पर सो रहे हैं. सखुआपानी व झोबीपाट हाइ स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. यहां के छात्र एक-दो किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाते हैं. कंडापाट, चापा टोली, घाघरा, सखुआपानी और झोबीपाट हाइ स्कूल में बिजली की व्यवस्था नहीं है. फिर भी 16.70 लाख रुपये की लागत से इन पांचों स्कूलों को एक-एक टीवी और एक-एक कंप्यूटर खरीद कर दिया गया है. इन स्कूलों में सब्जी और मटर सप्लाइ करनेवालों को वैट का भुगतान किया गया है. जबकि सब्जी और मटन पर वैट नहीं लगता है.

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