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पोल गिरे, तार टूटे, राज्य के कई हिस्सों में बिजली संकट
तेनुघाट और इनलैंड से उत्पादन हुआ जीरो, राजधानी में भी लोड शेडिंग कर आपूर्ति हजारीबाग, रामगढ़ और चतरा अंधेरे में डूबे रांची : राज्य में आयी तेज आंधी-तूफान से कई स्थानों पर बिजली के ट्रांसमिशन लाइन क्षतिग्रस्त हो गये हैं. इससे राज्य में दिन के तीन बजे के बाद बिजली आपूर्ति चरमरा गयी. हजारीबाग, कोडरमा, […]
तेनुघाट और इनलैंड से उत्पादन हुआ जीरो, राजधानी में भी लोड शेडिंग कर आपूर्ति
हजारीबाग, रामगढ़ और चतरा अंधेरे में डूबे
रांची : राज्य में आयी तेज आंधी-तूफान से कई स्थानों पर बिजली के ट्रांसमिशन लाइन क्षतिग्रस्त हो गये हैं. इससे राज्य में दिन के तीन बजे के बाद बिजली आपूर्ति चरमरा गयी.
हजारीबाग, कोडरमा, चतरा व रामगढ़ अंधेरे में डूब गये. तेनुघाट-बिहारशरीफ ट्रांसमिशन लाइन का एक टावर तेनुघाट में टूट गया. तेनुघाट -पतरातू लाइन में अर्थ वायर भी टूट गया है. इससे तेज जर्क आया और तेनुघाट के ब्वायलर में तकनीकी खराबी आ गयी. इसके बाद तेनुघाट से उत्पादन ठप हो गया है. तेनुघाट प्रबंधन ने अब 23 मई के बाद ही इसके ठीक होने की संभावना जतायी है. इनलैंड पावर से भी उत्पादन ठप हो गया. इससे करीब 50 मेगावाट बिजली रांची को दी जाती थी.
कई जिले अंधेरे में : बताया गया कि रांची समेत जमशेदपुर, लोहरदगा, सिमडेगा, गुमला, खूंटी, पलामू, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, गिरिडीह में बिजली आपूर्ति चरमरा गयी. देर रात तक इन हिस्सों में लोड शेडिंग कर आपूर्ति हो रही थी. हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़ व चतरा में दिन के तीन बजे के बाद बिजली आपूर्ति ठप है.
हजारीबाग में एनएच 33 व एनएच 100 में कई स्थानों पर बिजली के खंभे टूटगये हैं. रामगढ़ जिले के पतरातू, भुरकुंडा, घाटो, बरकाकाना, रामगढ़ शहरी क्षेत्र, रजरप्पा प्रोजेक्ट में भी खंभे गिरने व तार टूटने से बिजली आपूर्ति ठप है. समाचार लिखे जाने तक रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी थी. इन जिलों में डीवीसी द्वारा बिजली आपूर्ति की जाती है. संताल-परगना के इलाकों में भी आंशिक रूप से बिजली आपूर्ति बाधित हुई.
रांची : राजधानी में दोपहर में लगभग साढ़े तीन बजे के करीब आयी तेज आंधी से बड़े इलाके में बिजली गुल हो गयी. पूरे शहर में लगभग 20 मिनट के लिए बिजली आपूर्ति बंद हो गयी थी. आंधी के कारण 33 केवी हरमू फीडर से सहजानंद चौक के समीप लाइन में खराबी आ जाने से इलाके की बिजली गुल हो गयी. इससे हरमू , हिंदपीढ़ी, हरमू रोड, किशोरगंज सहित बड़े इलाके में बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. 33 केवी अरगोड़ा फीडर में भी खराबी आ गयी.
इससे अरगोड़ा, अशोकनगर सहित बड़े इलाके में उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिली. कुसई सब-स्टेशन के 11 केवी डोरंडा फीडर से शाम 4.40 बजे तक बिजली नहीं मिली. जैप वन के समीप 11 केवी का तार आपस में सट गया था. रांची को आधी बिजली : समाचार लिखे जाने तक रांची के हटिया ग्रिड को 120 की जगह 60 मेगावाट व नामकुम ग्रिड को 90 की जगह 60 मेगावाट बिजली मिल रही थी. जमशेदपुर को 235 की जगह 150 मेगावाट बिजली मिल रही थी. झारखंड ऊर्जा विकास निगम द्वारा सेंट्रल पूल से 200 मेगावाट के करीब ओवर ड्रॉ किया गया.
कई जगह मार्ग हुए अवरुद्ध
हजारीबाग
जिले में शनिवार को महज 22 मिनट की आंधी और तूफान ने तबाही मचा दी. दोपहर करीब तीन बजे आयी आंधी से सैकड़ों पेड़ गिर गये. एनएच पर सैकड़ों पेड़ गिरने से वाहनों की कतार लग गयी. आंधी से बिजली के खंभे उखड़ गये और जगह-जगह तार गिर गये. आंधी और तूफान से लाखों रुपये की संपत्ति का नुकसान का अनुमान है.
गढ़वा
करीब तीन बजे क्षेत्र में आयी भीषण आंधी से एक युवक की मौत हो गयी तथा एक महिला सहित आधा दर्जन अन्य लोग घायल हो गये़ भीषण आंधी-तूफान में विभिन्न क्षेत्रों में पोल एवं तार टूट कर गिर गये हैं. विशुनुपरा प्रखंड में आयी आंधी-तूफान में सैकड़ों पेड़ एवं दर्जनों की संख्या में घर उजड़ गये़ कई घरों पर पेड़ गिर जाने से वे लोग बेघर हो गये हैं.
मझिआंव में मोटरसाइकिल सहित उड़ गया युवक : मझिआंव के पूरहे गांव में प्यारे साव का झोपड़ीनुमा होटल एवं सामान तूफान में उड़ गया़ करूई गांव में मुखिया दिनेश सिंह के अॉफिस का छत उजड़ गया़ श्रवण सिंह का टेंपो उड़ कर खेत में चला गया़ इस दौरान मेराल निवासी सुनील साव अपने घर जाने के दौरान मोटरसाइकिल सहित आंधी में उड़कर खेत में जा गिरे़ इससे वे आंशिक रूप से घायल हो गये़
चतरा
जिले में शनिवार को आयी आंधी -तूफान ने भारी तबाही मचायी. कई जगहों पर पेड़ गिरे, तो कई जगहों पर मकान के छप्पर उड़ गये. सिमरिया-बगरा रोड में गुड्डू आलम के घर के पास पेड़ गिरने से दो घंटे तक आवागमन बाधित रहा. दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी.
गुमला
गुमला, रायडीह व चैनपुर प्रखंड में आंधी-पानी से भारी तबाही हुई है. ठनका ने भी कहर बरपाया है. चैनपुर प्रखंड में वज्रपात की चपेट में आने से एक बच्चे की मौत हो गयी, जबकि तीन बच्चे झुलस गये, जिनका इलाज चल रहा है.
चिंता. रिम्स के ब्लड बैंक में दिन-प्रतिदिन खून की कमी होती जा रही है
रांची : राजधानी के सबसे बड़े ब्लड बैंक रिम्स में खून की कमी का मुख्य कारण ब्लड यूनिट का ज्यादा खर्च होना है़ मरीज के परिजन रक्तदान कर खून लेने के बजाय नि:शुल्क खून के जुगाड़ में ज्यादा रहते है़ं नतीजा यह होता है कि ब्लड बैंक में जितना खून आता है, उससे ज्यादा खर्च हो जाता है़ ब्लड बैंक के जानकारों की मानें, तो प्रतिदिन करीब 70 यूनिट ब्लड आता है और 100 यूनिट खून प्रतिदिन मरीजों को देना पड़ता है. यह स्थिति रिम्स के ब्लड बैंक में करीब एक माह से है़
परिजनों को करना पड़ रहा है इंतजार : रिम्स में खून के लिए मरीजों के परिजनों को दो से तीन घंटे इंतजार करनापड़ रहा है़ गंभीर मरीजों को इंतजार करने के बाद ही खून मिलता है़ खून आने के बाद क्राॅस मैचिंग करने व अन्य प्रक्रिया में यह समय लगता है़ मरीज के परिजनों द्वारा रक्तदान करने के बाद भी इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि खून है ही नही़
रक्तदान ही है सही विकल्प : खून की कमी को दूर करने के लिए रक्तदान ही सही विकल्प है़ विशेषज्ञ बताते हैं कि खून तो किसी फैक्टरी में तैयार नहीं हाेता है़ रक्तदान कर ही ब्लड यूनिट तैयार की जाती है़ इसलिए लोगों को रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए़ अगर हर कोई मुफ्त में खून लेगा, तो खून कहां से आयेगा़
90 दिन में कर सकते हैं रक्तदान :
स्वस्थ व्यक्ति तीन माह में रक्तदान कर सकता है़ यानी साल में एक व्यक्ति चार बार रक्तदान कर सकता है़ रक्तदान करने से व्यक्ति के शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है़ रक्तदान करनेवाला व्यक्ति ज्यादा स्वस्थ रहता है़ हार्ट अटैक का खतरा नहीं होता है़ नये रक्तकण लगातार बनते रहते है़ं व्यक्ति में हमेशा स्फूर्ति बनी रहती है़
रांची : स्टेट ऑफ मॉडल ब्लड बैंक और लाइफ सेवर संस्था की ओर से रविवार को टेंडरग्राम स्थित झारखंड जगुआर में रक्तदान शिविर लगाया गया. इस अवसर पर झारखंड जगुआर के आइजी आरके मल्लिक, डीआइजी साकेत सिंह, एसपी संजय रंजन सिंह, रिम्स के चिकित्सक डॉ केके सिंह, डॉ कविता और लाइफ सेवर संस्थान के अतुल गेरा आदि उपस्थित थे.
यह जानकारी डीआइजी साकेत कुमार सिंह ने दी. डीआइजी ने बताया कि झारखंड जगुआर के जवानों और अफसरों ने शिविर में कुल 109 यूनिट रक्तदान किया. डीआइजी ने बताया कि रिम्स में स्टॉक ब्लड यूनिट में कमी होने की वजह से रक्तदान शिविर लगाया गया. डीआइजी ने बताया कि हम सबको रक्तदान के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए. विशेष कर पुलिस सेवा से जुड़े लोगों की यह नैतिक जिम्मेवारी है कि वे रक्तदान करें. अतुल गेरा ने बताया कि रक्तदान से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है.
25 यूनिट खून मुफ्त में देना पड़ता है
रिम्स ब्लड बैंक से करीब 25 यूनिट ब्लड प्रतिदिन नि:शुल्क देना पड़ता है़ थैलेसिमिया, हिमोफिलिया व जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) के मरीजों को खून देना पड़ता है़ इसके अलावा कई ऐसे मरीज आते हैं, जिनका कोई नहीं होता है़ ऐसे मरीज भी होते हैं, जो खून देने में असमर्थ होते है़ं ऐसे मरीजों को ब्लड बैंक द्वारा खून देना पड़ता है़
रक्तदान से 350 यूनिट खून एकत्र, खर्च 750 यूनिट
रिम्स ब्लड बैंक इंचार्ज आरके श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले माह रिम्स ब्लड बैंक द्वारा 15 रक्तदान शिविर लगाया गया, लेकिन मात्र 350 यूनिट खून ही एकत्र हो पाया़ वहीं थैलेसिमिया, हिमोफिलिया, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, गंभीर मरीज, आदि को पिछले माह 750 यूनिट खून मुफ्त में देना पड़ा़
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