बलराम सिंह चाय की दुकान के समीप खड़े थे. अचानक उन पर तीन गोली चलायी गयी. गोली लगते ही बलराम सिंह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े. उनके सिर में दो और पेट के ऊपर एक गोली लगी थी. घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर पंच मोड़ व डीआरएम आवास रोड की ओर फरार हो गये. स्टेशन के बाहर भगदड़ मच गयी. लोग इधर-उधर भागने लगे. जिस वक्त गोली चली, पुलिस की गश्ती टीम घटनास्थल से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर थी. गोली की आवाज सुन पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर आनन-फानन में बलराम सिंह को उठा कर रेलवे अस्पताल पहुंचायी.
इलाज के दौरान लगभग आधा घंटे के बाद बलराम सिंह की मौत हो गयी. घटना के बाद डीआइजी शंभु ठाकुर, एसपी एस माइकल राज, प्रशिक्षु आइपीएस पीयूष पांडेय, थाना प्रभारी रतन कुमार घटना स्थल पर पहुंचे. अधिकारियों ने घटना की जांच की. घटनास्थल से पुलिस को गोली का एक खोखा बरामद हुआ. घटनास्थल को पुलिस द्वारा बेरिकेटिंग कर सील कर दिया गया. बलराम सिंह को कौन मारा, क्यों मारा, इसका खुलासा नहीं हो पाया है. दोपहर तीन बजे मृत शरीर को अंत्यपरीक्षण के लिए चाईबासा भेज दिया गया. घटना के बाद बलराम सिंह की पहचान कुछ ठेकेदारों ने की. वे जय मां काली कंस्ट्रक्शन के नाम से ठेकेदारी करते थे. सीनी, आदित्यपुर व राजगांगपुर में उनका लगभग चार करोड़ रुपये का काम चल रहा है. वे सीनी मसजिद के समीप एक किराये के मकान में रहते थे.