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एसीबी ने दोषी पाया, सरकार ने भी माना, पर कार्रवाई नहीं
रांची : रांची में पदस्थापित दो डीएसपी (मुकेश कुमार और सुदर्शन आस्तिक) के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. डीएसपी सुदर्शन आस्तिक पर हथियार के साथ पकड़े गये लोगों को छोड़ने और एक भू-माफिया को मदद करने का आरोप है. डीएसपी मुकेश कुमार पर महर्षि निखिलेश सेवा संस्था के अध्यक्ष ज्योति […]
रांची : रांची में पदस्थापित दो डीएसपी (मुकेश कुमार और सुदर्शन आस्तिक) के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. डीएसपी सुदर्शन आस्तिक पर हथियार के साथ पकड़े गये लोगों को छोड़ने और एक भू-माफिया को मदद करने का आरोप है. डीएसपी मुकेश कुमार पर महर्षि निखिलेश सेवा संस्था के अध्यक्ष ज्योति स्वरूप को गलत मामले में फंसा कर जेल भेजने का आरोप है.
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने दोनों पर लगे आरोपों की जांच की थी. जांच के बाद एसीबी इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि पुलिस पदाधिकारियों और भू-माफियाओं के बीच सांठगांठ है. एसीबी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज दी थी.
जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद मार्च के अंतिम सप्ताह में तत्कालीन मुख्य सचिव राजीव गौबा ने दोनों डीएसपी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की थी. इससे पहले 14 मार्च को विधानसभा में भी सरकार ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता को दिया था. दोनों डीएसपी पर कार्रवाई को लेकर महर्षि निखिलेश सेवा संस्था के अध्यक्ष ज्योति स्वरूप ने मुख्य सचिव को आवेदन दिया है.
आठ को पकड़ा, सात को छोड़ा : 19 सितंबर 2015 को कांके के हॉटलिप्स के पास जमीन पर कब्जा को लेकर दो गुट के लोग हथियार के साथ आमने-सामने थे. शहर डीएसपी सुदर्शन आस्तिक ने आठ लोगों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया, लेकिन केस सिर्फ दो पर किया. सात को छोड़ दिया गया.
भू-माफिया के साथ पुलिस की सांठगांठ
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने जांच में यह पाया कि पुलिस द्वारा लड्डू खान को मदद पहुंचाने के लिए बबलू खान को फंसा कर जेल भेज दिया गया. साथ ही जमीन पर 144 लागू होने के बाद भी लड्डू खान गुट द्वारा लगातार जेसीबी से कार्य किया जाता रहा. जांच में यह भी सामने आया है कि पुलिस ने बबलू खान के अलावा जिन सात लोगों को पकड़ा, उन्हें छोड़ दिया. एसीबी ने अपनी रिपोर्ट में भू-माफिया के साथ पुलिस के सांठगांठ होने की बात कही है.
सरकार ने दिया था कार्रवाई का आश्वासन
14 मार्च 2016 को विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने कांके थाना में दर्ज कांड संख्या-114-2015 को लेकर सवाल उठाये थे. इसके जवाब में सरकार ने विधानसभा में कहा था कि डीएसपी मुख्यालय-एक और शहर डीएसपी पर लगे आरोप सही थे. साथ ही यह भी माना था कि एसीबी की जांच में पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप सही पाये गये हैं. कार्रवाई के सवाल पर सरकार ने कहा था कि एसीबी की जांच की समीक्षा के बाद दोषी पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
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