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झाविमो नेता प्रदीप यादव से तीखे सवाल, किया विलय से इनकार

रांची : छह विधायकों के दल- बदल मामले में मंगलवार को स्पीकर दिनेश उरांव ने खुली इजलास में सुनवाई की़ वादी झाविमो की ओर से मामले मेें गवाही देनेवाले प्रदीप यादव का प्रतिवादी पक्ष की ओर से क्रॉस एक्जामिन किया गया़ प्रतिवादी पक्ष (बागी विधायकों) की आेर से अधिवक्ता राजीव रंजन ने प्रदीप यादव की […]

रांची : छह विधायकों के दल- बदल मामले में मंगलवार को स्पीकर दिनेश उरांव ने खुली इजलास में सुनवाई की़ वादी झाविमो की ओर से मामले मेें गवाही देनेवाले प्रदीप यादव का प्रतिवादी पक्ष की ओर से क्रॉस एक्जामिन किया गया़ प्रतिवादी पक्ष (बागी विधायकों) की आेर से अधिवक्ता राजीव रंजन ने प्रदीप यादव की ओर से न्यायाधिकरण को सौंपे गये दस्तावेजों के आधार पर क्रॉस एक्जामिन किया़ उनसे हजारीबाग में पार्टी के अधिवेशन, पार्टी के संविधान, पार्टी अधिवेशन व बैठकों में तय एजेंडे पर प्रतिवादी पक्ष ने सवाल किये़ प्रतिवादी पक्ष का कहना था कि छह विधायक पार्टी छोड़ कर नहीं, बल्कि पूरी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया है़ इसे याचिकाकर्ता और गवाह के रूप में प्रदीप यादव ने खारिज किया़ .

प्रदीप ने कहा कि उनकी पार्टी का विलय नहीं हुआ है़ झाविमो का अस्तित्व आज भी है़ बहस के दौरान प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता श्री रंजन ने दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि जब पार्टी यह मान रही थी कि उनके छह विधायक विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, तो उन पर पार्टी ने क्या कार्रवाई की़ इस पर श्री यादव का कहना था कि पार्टी अध्यक्ष ने उन्हें नोटिस भेज कर 24 घंटे के अंदर पक्ष रखने को कहा था, लेकिन विधायक नहीं पहुंचे़ प्रतिवादी का कहना था कि फिर आपने क्या कार्रवाई की़ इस पर श्री यादव ने कहा कि जब वह भाजपा में शामिल हो चुके थे, तो फिर कार्रवाई क्या करते़ प्रतिवादी ने कई दस्तावेजों के आधार पर श्री यादव को घेरने की कोशिश की़ प्रदीप यादव भी इस बात पर अड़े थे कि पार्टी का विलय नहीं हुआ है़ विधायकों ने कानून का उल्लंघन किया है़ वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता आरएन सहाय ने भी पक्ष रखा़ इनका कहना था कि टाइम फ्रेम के अंदर सुनवाई पूरी की जाये़.

शपथ पत्र के साथ देने होंगे गवाहों काे दस्तावेज : मंगलवार को स्पीकर के न्यायाधिकरण में सुनवाई शुरू होते ही प्रतिवादी पक्ष से अधिवक्ता राजीव रंजन ने सवाल उठाया कि मामले मेें गवाहों द्वारा दिये जा रहे दस्तावेज शपथ पत्र के साथ देने का प्रावधान है़ वादी पक्ष का कहना था कि दलबदल के मामले मेें आइपीसी या दूसरे उपबंधों का अक्षरश: पालन करने की बाध्यता नहीं है़ इसमें सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी आया है़ दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद स्पीकर ने गवाहों को दस्तावेज शपथ पत्र के साथ दाखिल करने का निर्देश दिया़.
प्रकाश राम ने दी लिखित गवाही
झाविमो विधायक प्रकाश राम की भी सुनवाई के दौरान गवाही हुई़ प्रकाश राम की ओर से लिखित गवाही न्यायाधिकरण को उपलब्ध कराया गया़ स्पीकर का कहना था कि वह मौखिक रूप से भी अपनी बातें रख सकते हैं, लेकिन विधायक का कहना था कि लिखित दस्तावेज को ही उनकी मौखिक गवाही मान ली जाये़ उधर झाविमो की ओर से इस मामले में तीन और गवाह लाये गये थे, लेकिन उनकी गवाही नहीं हो सकी़ प्रतिवादी का कहना था कि वह एक-एक कर गवाहों का क्रॉस एक्जामिन करेंगे़.

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