रांची : अर्पणा मरांडी और उनका पुत्र आलोक आज दुमका जेल से पांच माह बाद रिहा हो गये. अर्पणा को हटिया रेलवे स्टेशन से उस वक्त गिरफ्तार किया गया था, जब वे एक कार्यक्रम में भाग लेने उडीसा जा रहीं थी.
बाद में उन्हें दुमका पुलिस ले गयी थी. पुलिस सूत्रों का कहना है कि अर्पणा मरांडी बहुचर्चित काठीकुंड मामले में अभियुक्त हैं और उनके विरुध्द मामला (कांड संख्या 52/12 दिनांक 30.1.11) दर्ज है.
अर्पणा मरांडी के साथ ही हिरासत में ली गयीं हजारीबाग के मानवाधिकार कार्यकर्ता दिलीप तूरी की पत्नी सुशीला एक्का, सतीश मरांडी, बेबी देवी आदि को छोड़ दिया गया. एक प्रेस बयान में इन्होंने कहा कि वे लोग तपस्विनी एक्सप्रेस ट्रेन से भुवनेश्वर जा रहे थे, जहां से उन्हें हैदराबाद एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जाना था.