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इस वर्ष केंदू पत्ता मजदूरों के बीच 90 करोड़ रुपये बांटे जायेंगे, बैंक खाते से होगा मजदूरों को भुगतान
रांची: राज्य में पहली बार केंदू पत्ता तोड़नेवाले मजदूरों को बैंक खाते के माध्यम से भुगतान किया जायेगा. इनके खाते को डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर स्कीम (डीबीटी) से जोड़ा जा रहा है. केंदू पत्ता तोड़नेवाले मजदूरों से आग्रह किया गया है कि वे जल्द से जल्द अपना खाता खुलवा लें. इसके लिए वन विकास निगम ने […]
रांची: राज्य में पहली बार केंदू पत्ता तोड़नेवाले मजदूरों को बैंक खाते के माध्यम से भुगतान किया जायेगा. इनके खाते को डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर स्कीम (डीबीटी) से जोड़ा जा रहा है. केंदू पत्ता तोड़नेवाले मजदूरों से आग्रह किया गया है कि वे जल्द से जल्द अपना खाता खुलवा लें.
इसके लिए वन विकास निगम ने इसके लिए एक्सिस बैंक सहित कई राष्ट्रीयकृत बैंकों से बात की है. चालू वित्तीय वर्ष में केंदू पत्ता मजदूरों के बीच करीब 90 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. इस कार्य में करीब एक लाख मजदूर लगे हैं. इसके लिए सरकार ने केंदू पत्ता संग्रहण नीति में बदलाव किया है. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में केंदू पत्ता मजदूरों को खाते के माध्यम से भुगतान किया जाता है.
चालू वित्तीय वर्ष में 280 लॉट बिक चुका केंदू पत्ता
चालू वित्तीय वर्ष में 280 लॉट केंदू पत्ते की बिक्री हो चुकी है. इससे करीब 58 करोड़ रुपये का लाभ वन विकास निगम को हुआ है. 50-50 केंदू पत्ते का एक-एक बंडल बनाया जाता है. इसे एक पोला कहा जाता है. एक हजार पोला का एक मानक बोरा तैयार किया जाता है. राज्य में करीब अाठ लाख मानक बोरा केंदू पत्ता तैयार होता है. इसमें करीब पौने आठ लाख मानक बोरा केंदू पत्ते की बिक्री हो चुकी है. एक मानक बोरे पर 1120 रुपये मजदूरी के रूप में दी जाती है. ज्ञात हो कि इस कार्य में महिलाएं ज्यादा लगी हैं.
समिति के माध्यम से होगी खरीदारी
वन विकास निगम ने तय किया है कि इस बार केंदू पत्ता की खरीदारी समिति के माध्यम से होगी. जहां-जहां केंदू पत्ता है, वहां-वहां सहकारी समिति बनायी जा रही है. समिति में ग्रामीणों को रखा गया है. मजदूरी की राशि समिति के खाते में भेजी जायेगी. समिति इसे मजदूरों के खाते में ट्रांसफर करेगी. इससे करीब सात लाख मानव दिवस का सृजन होगा. केंदू पत्ता तोड़ने के काम में ज्यादातर महिलाएं लगी हैं.केंदू पत्ता तोड़ने का काम अप्रैल माह के अंत से बारिश शुरू होने से पहले तक होता है.
केंदू पत्ता संग्रहण में लगे सभी मजदूरों का एकाउंट इस बार खोला जायेगा. उनके एकाउंट में ही मजदूरी का पैसा भेजा जायेगा. गांव-गांव में इसके लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. इससे मजदूरों को फायदा होगा. बिचौलिया इसमें हावी नहीं हो पायेंगे.
एलआर सिंह, एमडी, वन विकास निगम
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