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बाइपास सर्जरी 85 हजार रुपये में भी संभव : सर्राफ
स्वास्थ्य के क्षेत्र में नैतिक प्रथाएं’ और ‘आम नागरिकों के लिए स्वीकार्य स्वास्थ्य सुविधा’ विषयक सेमिनार रांची : बाइपास सर्जरी 85 हजार रुपये में भी संभव है, पर कई अस्पतालों में इसके लिए तीन-चार लाख रुपये लिये जाते है़ं उनका अस्पताल इसी फीस पर काम करता है और कल्याणार्थ अस्पताल होने के बावजूद मुनाफा भी […]
स्वास्थ्य के क्षेत्र में नैतिक प्रथाएं’ और ‘आम नागरिकों के लिए स्वीकार्य स्वास्थ्य सुविधा’ विषयक सेमिनार
रांची : बाइपास सर्जरी 85 हजार रुपये में भी संभव है, पर कई अस्पतालों में इसके लिए तीन-चार लाख रुपये लिये जाते है़ं उनका अस्पताल इसी फीस पर काम करता है और कल्याणार्थ अस्पताल होने के बावजूद मुनाफा भी कमाता है़ यह बात आनंदलोक अस्पताल, कोलकाता के सचिव डीके सर्राफ ने कही़ वह ‘स्वास्थ्य के क्षेत्र में नैतिक प्रथाएं’ और ‘आम नागरिकों के लिए स्वीकार्य स्वास्थ्य सुविधा’ विषयक सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे़ यह आयोजन झारखंड नागरिक प्रयास द्वारा शनिवार को एक्सआइएसएस सभागार में किया गया़
श्री सर्राफ ने कहा कि सभी अस्पतालों से नि:शुल्कस्वास्थ्य सेवा की मांग करना उचित नहीं है़ इसकी जगह निजी अस्पतालों से सस्ती सेवा की मांग करनी चाहिए़ तब सरकारी और निजी अस्पतालों की प्रतिद्वंद्विता का लाभ आम लोगों तक पहुंचेगा़ सरकार लोगों को सुविधाएं देना चाहती है, पर कर्मचारी काम नहीं करते़ झारखंड नागरिक प्रयास जैसे संगठनों को ऐसे सरकारी कर्मचारियों पर अंकुश लगाने का काम करना चाहिए़ उन्होंने आम नागरिकाें के लिए अस्पताल विषय पर विस्तार से विचार रखे़
ईमानदारी और लोगों के प्रति संवेदना महत्वपूर्ण
विशिष्ट अतिथि डॉ भीमराव अंबेडकर मल्टी स्पेशियालिटी हॉस्पिटल, नोएडा के पूर्व सीएमओ डॉ आरएनपी मिश्रा ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में ईमानदारी और लोगों के प्रति संवेदना महत्वपूर्ण है़
सरकारी डॉक्टरों का सम्मान घट रहा है क्योंकि ऊपर से अच्छी व्यवस्था नहीं बनायी गयी़ डॉक्टरों को ही सुधार का बीड़ा उठाना होगा़ चिकित्सा की जरूरत वाले सबसे बड़े वर्ग की अपेक्षाओं की अनदेखी नहीं होनी चाहिए़ सांप के काटने, सड़क दुर्घटना जैसे आम मामलों में सरकारी अस्पतालों की बड़ी भूूमिका है़ यदि डॉक्टर्स व्यवस्था दुरुस्त करने का निश्चय कर लें, तो यह संभव है़
गरीब के स्वस्थ हो जाने की खुशी सबसे बड़ी कमाई
डॉ एसपी मुखर्जी ने कहा कि इलाज के क्रम में गरीबों के ठीक होने पर जो खुशी मिलती है, उससे बढ़ कर कोई फीस नही़ं वह विगत 50 वर्षों से मरीजों का इलाज पांच रुपये की फीस पर कर रहे है़ं जो सक्षम नहीं, उनसे वह भी नहीं लिया जाता़ डॉ सिद्धार्थ मुखर्जी ने स्वास्थ्य की देखभाल और नैतिक प्रथाएं विषय पर अपने विचार रखते हुए डॉक्टरों द्वारा ली जाने वाली हिप्पोक्रेटिक ओथ (शपथ) का हवाला दिया़
उत्कृष्ट सेवा के लिए डॉक्टर्स सम्मानित
इस मौके पर झारखंड नागरिक प्रयास द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में नैतिक प्रथाओं के आधार पर राज्य के चुनिंदा डॉक्टर्स को सम्मानित किया गया़ इनमें डॉ अबू रेहान, डॉ केनेथ सोय मुरुम, डॉ एके सिंह, डॉ परितोष प्रसाद, डॉ राजेंद्र प्रसाद चौधरी, डॉ प्रकाश कुमार, डॉ आरएस दास, डॉ सिस्टर आइलीन कुजूर, डॉ गीता साइम्स, डॉ एसपी मुखर्जी शामिल थे़ डॉ वीरेंद्र कुमार गुप्ता व डॉ एसके मिश्रा अपरिहार्य कारणों से उपस्थित नहीं हाे पाये़ आयोजन में झारखंड नागरिक प्रयास के संयोजक पीपी वर्मा, अमृतेश पाठक, कुमार वरुण, डाॅ सुनीत, डॉ करुणा झा, शंभु महतो, जियाउल्लाह, अरशद खान, अरुण बुधिया, चंद्रभूषण चौधरी, डॉ एलेक्स एक्का, स्टेन स्वामी, अरविंद अविनाश, केया डे, विपिन कुमार सिंह, अजय सिंह, हिमांशु भूषण, सच्चिदानंद मिश्र, समीर दास व अन्य ने अहम योगदान दिया़
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