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प्रकृति संरक्षण से जुड़ा है सरहुल महोत्सव

रांची : रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडे ने कहा कि पूरे विश्व का आदिवासी समाज प्रकृति का संरक्षक है. सरहुल महोत्सव भी प्रकृति संरक्षण से ही जुड़ा है. मैं वनस्पति शास्त्र से जुड़ा हूं अौर स्वाभाविक रूप से मुझे भी प्रकृति से लगाव है. अपनी संस्कृति से जुड़े रहें अौर उसे बचायें. […]

रांची : रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडे ने कहा कि पूरे विश्व का आदिवासी समाज प्रकृति का संरक्षक है. सरहुल महोत्सव भी प्रकृति संरक्षण से ही जुड़ा है. मैं वनस्पति शास्त्र से जुड़ा हूं अौर स्वाभाविक रूप से मुझे भी प्रकृति से लगाव है. अपनी संस्कृति से जुड़े रहें अौर उसे बचायें. अगले वर्ष यह महोत्सव अौर वृहद रूप से हो, ऐसा मेरा प्रयास होगा.
डॉ रमेश कुमार पांडे शनिवार को मोरहाबादी स्थित दीक्षांत मंडप में आयोजित सरहुल पूर्व संध्या समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. समारोह का आयोजन सरना नवयुवक संघ के तत्वावधान में किया गया था. मौके पर सरना नवयुवक संघ के संरक्षक डॉ करमा उरांव ने कहा कि पूर्वजों के दिये संस्कार को बचाकर रखें. रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी ने कहा कि आदिवासी संस्कृति में कोई भी पर्व त्योहार व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामूहिक होता है. संघ के सचिव महेश भगत ने कहा कि इस समारोह का उद्देश्य भाषा संस्कृति का संरक्षण अौर विकास है. डॉ हरि उरांव, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने भी लोगों को संबोधित किया. अमेरिका से आयी डॉ रामदयाल मुंडा की पहली पत्नी हेजेल भी कार्यक्रम में पहुंची थी.
इस अवसर पर 26 आदिवासी छात्रावासों के छात्र-छात्राअों ने मुंडारी, कुड़ुख व हो नृत्यों की विभिन्न शैलियों को प्रस्तुत किया. ये नृत्य सरहुल के गीतों पर आधारित थे. ऐदेर पुपन ऐदेर पुपन निमरी भला भगजुगनी…
इस कुड़ुख गीत का आशय था क्या फूल को लगाकर आ रही हो जुुगुनू की तरह चमक रही हो.., इसके बाद मुंडारी गीत बा दोपे बा ताना मुंडा को बा दोरे कापे अोमेय…पर सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति हुई. एकल गीतों में भी प्रकृति से जुड़े विभिन्न भावों को पेश किया गया. समारोह के अंत में विजेताअों को पुरस्कृत किया गया. सामूहिक नृत्य में पहला स्थान कार्तिक उरांव आदिवासी छात्रावास को मिला. दूसरे स्थान पर भगीरथी आदिवासी बालिका कॉलेज छात्रावास रहा जबकि तीसरा स्थान झारखंड इंडीजिनस पीपुल्स फोरम एक्शन की टीम को मिला. एकल गीत में पहला स्थान निबाय हासा को मुंडारी गीत के लिए दूसरा स्थान सुनीता कुमारी को कुड़ुख गीत के लिए व तीसरा स्थान अमित कुमार भगत को मिला.

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