रांची: पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री मन्नान मल्लिक ने कहा है कि किसी भी योजना की सफलता समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की होती है, लेकिन सरकार की योजनाओं में बिचौलिये हावी हैं.
इस कारण योजनाओं का लाभ आम लोगों को नहीं मिल पाता है. लोगों को आर्थिक लाभ मिले, इसके लिए सरकार के पास कोई एजेंसी नहीं है, जिससे सही लोगों तक लाभ नहीं पहुंच रहा है. उन्होंने मछली चारा मिल की स्थापना और इसके लिए हर संभव मदद करने की बात कही. श्री मल्लिक सोमवार को राष्ट्रीय मत्स्यजीवी सहकारी संघ लिमिटेड (फिशकौफेड) तथा मत्स्य विभाग झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किसान प्रशिक्षण केंद्र में मछुआरों की सामाजिक सुरक्षा विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में लोगों को रोजगार मिलने के व्यापक अवसर हैं.
समाज से भटके हुए लोगों को इससे जोड़ा जाये, तो पलायन रोका जा सकता है. फिस्कौफेड के प्रबंध निदेशक बीके मिश्र ने कहा कि देश में 41 लाख मछुआरों का सामूहिक दुर्घटना बीमा कराया गया है. इसके लिए उनसे किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है. बीमित व्यक्ति की मृत्यु या स्थायी अपंगता की स्थिति में लाभुक के परिवार को एक लाख रुपये का भुगतान किया जाता है. जागरूकता की कमी एवं सामाजिक बंधनों के कारण मछुआरों द्वारा बीमा का दावा नहीं किया जाता है. इसे बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. निदेशक मत्स्य राजीव कुमार ने बीमा राशि बढ़ाने, महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने, मछुआरे के लिए शौचालय निर्माण, जाल बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की मांग मंत्री से कही. प्रशिक्षण कार्यक्रम में दो दर्जन से अधिक मछुआरे उपस्थित थे.