बिहार में स्कूली पाठयक्रम में शामिल था सरहुल एकीकृत बिहार में पाठ्यक्रम में सरहुल के बारे में पढ़ाई होती थी़ झारखंड गठन के बाद से सरहुल स्कूली पाठयक्रम से बाहर हो गया़ झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने कहा कि एकीकृत बिहार के समय प्राथमिक कक्षा में सरहुल पर एक अलग से अध्याय था़ राज्य गठन के बाद झारखंड में सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए अपना पाठयक्रम तैयार नहीं किया गया़ एनसीइआरटी के पाठयक्रम के आधार पर ही झारखंड में कक्षा आठ तक के स्कूली बच्चों के लिए किताब की छपाई होने लगी़ स्कूली पाठयक्रम से झारखंड का इतिहास -भूगोल पाठयक्रम से बाहर हो गया़ वर्ष 2016 में कक्षा एक से पांच के लिए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा नया पाठयक्रम तैयार किया गया़ इस वर्ष नये पाठयक्रम के आधार पर पुस्तक की छपाई की गयी है़ नये पाठयक्रम में सरहुल-करमा त्योहार के बारे में जानकारी दी गयी है़ हालांकि इसके संबंध में अलग से कोई अध्याय पुस्तक में शामिल नहीं किया गया है़ वर्ष 2017 में कक्षा छह से आठ के लिए भी राज्य सरकार द्वारा पाठयक्रम तैयार किया जायेगा़ पाठयक्रम में शामिल करने की होती रही है मांग झारखंड के स्कूली पाठयक्रम में राज्य पर्व त्योहार व इतिहास-भूगोल को शामिल करने की मांग होती रही है़ राज्य सरकार द्वारा इसकी शुरुआत की गयी है़ राज्य गठन के 15 वर्ष बाद सरकार ने अपना पाठयक्रम तैयार किया है़ पाठयक्रम में झारखंड के महापुरुष, खिलाड़ी, खेल, ऐतिहासिक स्थल को शामिल किया गया है़
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बिहार में स्कूली पाठयक्रम में शामिल था सरहुल
बिहार में स्कूली पाठयक्रम में शामिल था सरहुल एकीकृत बिहार में पाठ्यक्रम में सरहुल के बारे में पढ़ाई होती थी़ झारखंड गठन के बाद से सरहुल स्कूली पाठयक्रम से बाहर हो गया़ झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने कहा कि एकीकृत बिहार के समय प्राथमिक कक्षा में सरहुल पर एक अलग से […]
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