हजारीबाग, रांची, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, पलामू,बोकारो व दुमका के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक तथा पलामू व्याध्र परियोजना डालटेनगंज के मुख्य वन संरक्षक को इससे संबंधित पत्र लिखा गया है. पत्र में लिखा गया है कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत समर्पित प्रस्तावों के संबंध में क्षतिपूरक वनरोपण को लेकर उपलब्ध करायी गयी गैर वन भूमि की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है.
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राज्य गठन के बाद 1400 हेक्टेयर भूमि पर हुआ क्षतिपूरक वनरोपण
रांची: राज्य गठन के बाद करीब 1400 हेक्टेयर भूमि पर क्षतिपूरक वनरोपण (कैम्पा) हुआ है. इस जमीन को वन भूमि के रूप में चिह्नित कर अधिसूचित करने का आदेश वन विभाग ने सभी जिलों को दिया है. वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक बीसी निगम ने विभाग के प्रमंडलीय कार्यालयों को इस दिशा में […]
रांची: राज्य गठन के बाद करीब 1400 हेक्टेयर भूमि पर क्षतिपूरक वनरोपण (कैम्पा) हुआ है. इस जमीन को वन भूमि के रूप में चिह्नित कर अधिसूचित करने का आदेश वन विभाग ने सभी जिलों को दिया है. वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक बीसी निगम ने विभाग के प्रमंडलीय कार्यालयों को इस दिशा में काम करने को कहा है.
सरकार के पास 31 जुलाई 2002 तक विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध करायी गयी गैर वन भूमि की सूचना है. इसे अब तक वन भूमि के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है. वन भूमि के रूप में अधिसूचित करने का प्रस्ताव नक्शा के साथ संबंधित पदाधिकारी के पास जमा करायें. इससे संबंधित सूचना 15 दिन के अंदर देने का निर्देश दिया गया है.
कितनी जमीन दी गयी
क्षेत्र भूमि (हेक्टेयर में)
हजारीबाग 829.67
सिंहभूम 150.38
रांची 395.37
पलामू 19.83
सीसीएफ (वन्य प्राणी) 8.0
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