रांची: माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में शासन के नाम पर आतंक है. रघुवर शासन में लोग भय के साये में जी रहे हैं. एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. बालूमाथ और चान्हो की घटना इसके उदाहरण हैं.
चान्हो में पुलिस ने पशु व्यापार करने के नाम पर एक युवक की पिटाई कर दी, जबकि वह युवक किसी तरह के व्यापार में शामिल नहीं था. पुलिस ने एक भी पशु को नहीं जब्त किया. श्री भट्टाचार्य ने उक्त बातें सोमवार को माले कार्यालय में प्रेस वार्ता में कही़ श्री भट्टाचार्य सोमवार को चान्हो व रिम्स गये थे. चान्हो में शनिवार को पुलिस ने अमजद कुरैशी नामक युवक की पिटाई की थी़ वह रिम्स में भरती है़ श्री भट्टाचार्या ने कहा कि बालूमाथ घटना ने राज्य में सरकार के होने या नहीं होने पर सवाल खड़ा कर दिया है. सीएम पीड़ित परिजनों से भी मिलने नहीं गये़ 12 साल के युवक की कीमत एक लाख रुपये लगा दी. इस मामले की जांच न्यायिक आयोग से करानी चाहिए.
30 को कार्यक्रम : माले के राज्य महासचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि 30 मार्च को सभी जिलों में रघुवर दास शर्म करो कार्यक्रम होगा. राजधानी रांची में राजभवन के सामने कार्यक्रम होगा. 22 व 23 अप्रैल को देवघर में माले का राज्य सम्मेलन होगा.
सरकार की बड़ी साजिश का परदाफाश हुआ
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार संताल परगना में अडाणी को सस्ती दर पर जमीन देना चाहती थी. विरोध के कारण सरकार की एक बड़ी साजिश का भंडाफोड़ हुआ. सरकार आदिवासियों को सीएनटी व एसपीटी एक्ट के रूप में मिले अधिकार को भी खत्म करना चाहती है. अडाणी और अंबानी से झारखंड का भला नहीं होने वाला है.
केंद्र सरकार ने संविधान की धज्जी उड़ा दी
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि उत्तराखंड में केंद्र सरकार ने संविधान की धज्जी उड़ा दी. डॉ अांबेडकर की सराहना का दिखावा करनेवाली केंद्र सरकार नियम-कानून का पालन नहीं कर रही है. माले व एसयूसीआइ बंगाल में मिल कर 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. तमिलनाडु में 12, पांडिचेरी में तीन तथा केरल में दो सीट पर चुनाव लड़ेगी.