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एनसीसी की दो यूनिट बंद की गयी
रांची : राज्य भर में वर्तमान में एनसीसी के 13 बटालियन चल रहे है़ं एक बटालियन में छह से आठ कंपनी होती है़ एक कंपनी अथवा यूनिट में 160 कैडेट होते है़ं कॉलेज में एक कंपनी कैडेट होते हैं, जबकि स्कूल में 100 कैडेट की एक टुकड़ी(ट्रुप) हाेती है़ किसी प्रकार का क्रियाकलाप व रुचि […]
रांची : राज्य भर में वर्तमान में एनसीसी के 13 बटालियन चल रहे है़ं एक बटालियन में छह से आठ कंपनी होती है़ एक कंपनी अथवा यूनिट में 160 कैडेट होते है़ं कॉलेज में एक कंपनी कैडेट होते हैं, जबकि स्कूल में 100 कैडेट की एक टुकड़ी(ट्रुप) हाेती है़ किसी प्रकार का क्रियाकलाप व रुचि नहीं दिखाने के कारण एनसीसी की दो यूनिट बंद कर दी गयी है, उनमें जेवीएम श्यामली और सेंट्रल यूनिवर्सिटी शामिल है़ं जेवीएम श्यामली की यूनिट 2009 में ही बंद कर दी गयी है, यह जानकारी लेफ्टिनेंट कर्नल निर्भय कुमार ने दी़ उन्हाेंने बताया कि और किसी भी यूनिट को हमलोगों ने बंद नहीं किया है़ किसी यूनिट के ऑफिसर को अनुशासनहीनता और अन्य कारणों से वार्निंग दी जाती है, लेकिन वर्तमान में ऐसा किसी यूनिट के साथ नहीं हुआ है़.
राज्य में एनसीसी के 13 बटालियन हैं
राज्य में एनसीसी के 13 बटालियन हैं, उनमें टू एयर स्क्वाड्रन बटालियन, थ्री झारखंड ब्वॉयज, थ्री झारखंड गर्ल्स, थ्री सीटीसी (कंपोजिट टेक्निकल कैडेट्स) बीआइटी मेसरा, 4 झारखंड बटालियन दुमका, 36 झारखंड बटालियन धनबाद, 5 झारखंड गर्ल्स कंपनी धनबाद, 19 झारखंड बटालियन रांची, 37 झारखंड बटालियन जमशेदपुर, 22 झारखंड बटालियन हजारीबाग, 45 झारखंड बटालियन कोडरमा और 46 झारखंड बटालियन गुमला शामिल है़ं काेडरमा और गुमला का बटालियन नया खोला गया है़ वहां लश्कर (कनीय अधिकारी ) व क्लर्क की पोस्टिंग नहीं होने के कारण काम नहीं हो रहा है़ कोडरमा की ट्रेनिंग, हजारीबाग बटालियन के द्वारा संचालित की जा रही है़.
एनसीसी ऑफिसर बनने में रुचि नहीं
विभिन्न स्कूल-कॉलेज में एनओ(एनसीसी ऑफिसर) की कमी है़ कई स्थानों पर स्कूल, कॉलेज में एनओ बनने के लिए रुचि नहीं है. कई स्कूल-कॉलेजों में एनओ के पद सेवानिवृत्त के बाद खाली हो गये है़ं लेफ्टिनेंट कर्नल निर्भय कुमार ने बताया कि हालांकि जिन स्कूल कॉलेज के शिक्षक सह एनओ सेवानिवृत्त हो गये हैं,वहां केयर टेकर रखने की प्रक्रिया जारी है़ एनओ को अच्छा वेतन दिया जाता है़ केयर टेकर एनओ जो अंशकालिक रूप से कार्यरत रहते हैं, उनमें स्कूल के केयर टेकर को 12 सौ रुपये और कॉलेज के केयर टेकर को 15 सौ रुपये प्रति माह दिये जाते है़ं, जबकि कॉलेज के एनसीसी ऑफिसर को रैंक पे दिया जाता है़ कॉलेज के एनसीसी ऑफिसर में मेजर रैंक 22,600 रुपये, कैप्टन को 18, 600 रुपये, लेफ्टिनेंट को 16000 रुपये, चीफ ऑफिसर को 13,200 रुपये दिये जाते है़ं इनके वेतन में 25 प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार का होता है़ कैंप के दौरान उन्हें यात्रा भत्ता, भोजन भत्ता भी दिया जाता है़.
झारखंड में हो एनसीसी का स्वतंत्र निदेशालय
एनसीसी के ऑफिसर राज्य सरकार से हमेशा एनसीसी का झारखंड में स्वतंत्र निदेशालय बनाने की मांग करते रहे है़ं उनका कहना कि राज्य गठन के 15 साल बीत गये हैं, लेकिन एनसीसी निदेशालय अब भी बिहार में है़ वह झारखंड-बिहार निदेशालय कहलाता है़ झारखंड एनसीसी भी वहीं से संचालित होता है़ .
किसी भी यूनिट के बंद होने की जानकारी नहीं
एनसीसी की किसी कंपनी अथवा यूनिट के बंद होने की जानकारी हमें नहीं है़ एनसीसी केंद्र व राज्य के समन्वय से चलता है़ एनसीसी के स्वतंत्र निदेशालय के लिए मुख्यमंत्री ने एनसीसी के डीजी से बात की है़ राज्य में एनसीसी के स्वतंत्र निदेशालय खुलने से राज्य को भी लाभ होगा़
अविनाश कुमार, सचिव (कला, संस्कृति व खेल विभाग)
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