जानकारी के मुताबिक स्व शीलवंती मोरसा के कोकर पाहन टोली स्थित मकान पर फादर रंजीत (स्वतंत्र बाइबल प्रशिक्षण संस्थान इलाहाबाद) अौर शांति लकड़ा नामक महिला किरायेदार की हैसियत से रहते थे. शीलवंती मोरसा के निधन के बाद फादर रंजीत ने नोटरी पब्लिक से फरजी वसीयतनामा के आधार पर जमीन व मकान पर कब्जा करने की कोशिश की, जिसका शीलवंती के रिश्तेदारों ने विरोध किया. फादर रंजीत ने फरजी वसीयत के आधार पर न्यायालय में प्रोबेट केस 105/2004 दर्ज किया, पर न्यायालय में निर्धारित तिथि पर न तो फादर रंजीत अौर न ही उनके अधिवक्ता ने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा.
2014 में एजेसी मोहन चौबे की अदालत ने मामले में फादर रंजीत के दावे को खारिज करते हुए मुकदमा बंद कर दिया. इसके बावजूद फादर रंजीत ने मकान व जमीन पर से कब्जा नहीं छोड़ा है. आरोप है कि जमीन पर वे जबरन निर्माण कार्य करा रहे हैं. इस मामले की सूचना सदर थाना की पुलिस को दी गयी है. इधर फादर रंजीत अौर उसके बेटे पर शीलवंती के रिश्तेदार ने जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है.