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उपायुक्त ने खोजा भ्रष्टाचार खत्म करने का उपाय
रांची : जनसेवा के कार्यक्रमों को प्रभावी व पारदर्शी बनाने में तकनीक बेहतर भूमिका अदा करती है. रामगढ़ उपायुक्त ए डोडे ने भी रामगढ़ जिले में इसे बखूबी आजमाया है. सबसे पहले आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन से छह वर्षीय बच्चों के लिए चल रहे प्री-स्कूल कार्यक्रम के लिए इसे आजमाया गया. एसएमएस अाधारित मॉनिटरिंग सिस्टम […]
रांची : जनसेवा के कार्यक्रमों को प्रभावी व पारदर्शी बनाने में तकनीक बेहतर भूमिका अदा करती है. रामगढ़ उपायुक्त ए डोडे ने भी रामगढ़ जिले में इसे बखूबी आजमाया है. सबसे पहले आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन से छह वर्षीय बच्चों के लिए चल रहे प्री-स्कूल कार्यक्रम के लिए इसे आजमाया गया.
एसएमएस अाधारित मॉनिटरिंग सिस्टम ई-बचपन के तहत आंगनबाड़ी सेविका (1042), सुपरवाइजर (22) और सीडीपीअो (6) को आंगनबाड़ी केंद्रों में अाये बच्चों का आंकड़ा प्रतिदिन देना होता है. हर आंगनबाड़ी केंद्र को एक विशिष्ट संख्या (यूनिक नंबर) दी गयी है.
एसएमएस के जरिये भेजी गयी बच्चों की संख्या संबंधित अांगनबाड़ी के यूनिक नंबर के साथ रिकॉर्ड हो जाती है. यानी जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों की डेली मॉनिटरिंग एडमिनिस्ट्रेटिव लॉग इन के जरिये संभव है.
हालांकि, इस सिस्टम में आंगनबाड़ी से भेजे गये गलत आंकड़े को पकड़ पाना मुश्किल है.इससे निबटने के लिए मोबाइल से आंकड़े के साथ फोटो भेजने के विकल्प पर विचार किया गया है. लेकिन, फंड की कमी के कारण अभी यह व्यवस्था लागू नहीं हो पा रही है. अब राज्य सरकार ने इसके लिए एक नयी योजना शुरू की है, जिसमें फोटो भेजने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर और सीडीपीअो को सौंपी गयी है. इसके लिए राज्य भर की करीब एक हजार सुपरवाइजर व सीडीपीअो को टैब उपलब्ध कराये गये हैं.
रामगढ़ डीसी ने मनरेगा के तहत चलनेवाले कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग के लिए भी एक एंड्रॉयड बेस्ड मोबाइल ऐप डेवलप किया है. दरअसल, इसकी जरूरत कार्यक्रमों की फिल्ड मॉनिटरिंग के दौरान योजना के बारे अक्सर मिलनेवाली गलत जानकारी के बाद पड़ी. खासकर योजनास्थल के बारे में. इससे निबटने के लिए ही एक सॉफ्टवेयर (नरेगासॉफ्ट) तैयार किया गया है, जिसमें प्रखंडों, पंचायतों व गांव के नाम के साथ योजना का विवरण लोड रहता है.
मॉनिटरिंग टीम को ऐप में पहले से निर्धारित कुछ सवालों के जवाब देने होते हैं. किसी कार्ययोजना की तसवीर जीपीएस लोकेशन के साथ कैप्चर व अपलोड होती है. इस ऐप की सहायता से किसी कार्यस्थल या कार्य से संबंधित आंकड़े के बारे में गलत जानकारी मिलनी बंद हो गयी है. वहीं, कार्य प्रगति की जानकारी भी सही समय पर मिल जाती है. इसका बड़ा लाभ यह भी है कि रामगढ़ में मनरेगा से जुड़ा सारा डाटाबेस एक जगह एकत्रित हो जाता है. उपायुक्त के इन प्रयासों से अंतत: जिले के लोग लाभान्वित हो रहे हैं.
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