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फोन पर हुआ प्यार, करायी पति की हत्या

कहते हैं नाजायज रिश्ते कई जिंदगियां बरबाद कर देते हैं. ऐसा ही कुछ दो साल पहले धनबाद में हुआ. एक युवक ने अपनी प्रेमिका के कहने पर उसके पति की हत्या कर दी. अब दोनों जेल में हैं. वह और उसकी प्रेमिका दोनों तो सलाखों के पीछे चले गये, लेकिन दो मासूम बच्चों के सिर […]

कहते हैं नाजायज रिश्ते कई जिंदगियां बरबाद कर देते हैं. ऐसा ही कुछ दो साल पहले धनबाद में हुआ. एक युवक ने अपनी प्रेमिका के कहने पर उसके पति की हत्या कर दी. अब दोनों जेल में हैं. वह और उसकी प्रेमिका दोनों तो सलाखों के पीछे चले गये, लेकिन दो मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया.
अभय कुमार
kumar.abhay3333@gmail.com
दीपक वर्मा अपने सात साल के बेटे को लेकर ससुराल से लौट रहा था. कुछ देर बाद ही गिरिडीह-धनबाद रोड में सड़क किनारे वह लहूलुहान पड़ा मिला. सिर पर चोट लगने से उसकी मौत हो चुकी थी. पास में बैठा सात साल का मासूम लगातार रो रहा था. घटना की सूचना पर पुलिस पहुंची. दीपक वर्मा की पत्नी के बयान पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की. पत्नी ऊपर से तो रो रही थी, लेकिन अंदर ही अंदर इस बात से खुश थी कि अब उसके रास्ते का कांटा खत्म हो गया.

दीपक वर्मा की हत्या ने उसके परिवार को हिला कर रख दिया था. परिवार के लोगों को ऐसी कोई घटना याद नहीं थी, जिसके आधार पर वे वह बता सकें कि दीपक की किसी से कभी दुश्मनी भी रही थी. दीपक का कारोबार भी मामूली था. केरोसिन तेल का कारोबार था. इसको लेकर कभी किसी से विवाद नहीं हुआ था. पुलिसिया जांच में चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा दिख रहा था. जांच के दौरान पुलिस ने दीपक वर्मा और उनकी पत्नी के मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला. पत्नी मुनीता के मोबाइल से लगातार एक नंबर पर बात होने की बात सामने आयी. पुलिस को इस बात पर भी शक हुआ कि मुनीता का सिम नंबर न तो उसके नाम से है और न ही उसके पति या परिवार के किसी अन्य सदस्य के नाम से. जिस नंबर पर वह लगातार बात करती थी, वह धनबाद के ही लोदना मोड़ निवासी शहजादा का निकला. पुलिस को मुनीता पर शक बढ़ता गया. पुलिस ने शहजादा को बुलाकर उससे पूछताछ शुरू की. शहजादा ने मुनीता से बात होने की बात तो स्वीकार कर ली, पर दीपक वर्मा की हत्या करने की बात से मुकरता रहा. पर अंतत: वह टूट गया और पुलिस को मुनीता से अपने प्रेम-संबंध की बात बतायी. यह भी बताया कि मुनीता के कहने पर ही उसने दीपक वर्मा के साथ मारपीट की थी. उसका इरादा दीपक वर्मा की जान लेने का नहीं था, लेकिन सिर पर चोट लग जाने की वजह से दीपक वर्मा की मौत हो गयी. पूछताछ के बाद जो कहानी सामने आयी, उससे यह साफ हो गया कि दीपक वर्मा की हत्या पत्नी के अनैतिक संबंधों के कारण की गयी थी.

शहजादा ने पुलिस को बताया कि मिस्ड कॉल के कारण पहली बार उसकी बात मुनीता से हुई थी. जिसके बाद मोबाइल पर लगातार बातचीत होने लगी. धीरे-धीरे उसे पता चला कि मुनीता का ससुराल धनबाद के मनईटांड में है और मायका गिरिडीह के शीतलपुर में. वह उम्र में उससे चार साल बड़ी है और दो बच्चों की मां भी है. मिस्ड कॉल से हुई यह दोस्ती एक दिन अंतरंग बातचीत में बदल गयी. फिर दोनों का मिलना-जुलना शुरू हो गया. दोनों अक्सर धनसार के जोड़ा फाटक रोड में मिलते थे. घंटों बातें करते थे. दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे. अभी तक दोनों के संबंध के बारे में किसी को पता तो नहीं चला था, पर पति के कारण मुनीता को हमेशा डर लगा रहता था. वह शहजादा को भी खोना नहीं चाहती थी. मुनीता शहजादा के साथ ही रहना चाहती थी और दीपक से पीछा छुड़ाना चाहती थी. वह चाहती थी कि कुछ ऐसा हो कि उसके और शहजादा के मिलने में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो. धीरे-धीरे मुनीता की दीवानगी बढ़ती गयी. मुनीता ने शहजादा पर शादी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था. शहजादा भी शादी तो करना चाहता था, पर मुनीता के पति से डरता भी था. दूसरी तरफ मुनीता उसे अब धमकी भी देने लगी थी कि शादी नहीं की, तो वह किसी केस में उसे फंसा देगी. एक दिन मुनीता ने शहजादा से कहा कि वह मायके जा रही है.

10 दिन में लौटेगी. इसी दौरान तुम दीपक वर्मा काे मारपीट कर उसके हाथ-पैर तोड़ दो. फिर दोनों ने मिल कर दीपक के साथ मारपीट करने का प्लान तैयार किया. मुनीता ने शहजादा से कहा कि वह अपने मायका से लौट रही है, उसका पति उसे लेने आया है. वह खुद तो बस से आयेगी, लेकिन दीपक बाईक से लौटेगा. फिर बस स्टैंड में उसे रिसिव कर घर लेकर जायेगा. 28 मई को दीपक ने गिरिडीह में मुनीता और अपने छोटे बच्चे को बस में बैठा दिया और खुद बाईक से धनबाद के लिए निकला. दीपक के निकलते ही मुनीता ने शहजादा को फोन कर इस बात की जानकारी दे दी. इसके बाद शहजादा अपने पांच दोस्तों रंजीत सिंह, राकेश कुमार हांडी, आशिक अहमद, शैलेंद्र पासवान और भोलु कुमार के साथ गिरिडीह मेला देखने के लिए निकला. अपनी बाइक में उसने एक रड बांध लिया था. उसने जब रास्ते में दीपक और उसके बड़े बेटे को बाइक से लौटते देखा, तो वह भी बराकर पुल के पास से लौटने लगा. दोस्तों ने पूछा तो कुछ बहाना बना दिया. रास्ते में कमलपुर के पास उसने ओवरटेक कर दीपक को रोका.

फिर रड से दीपक पर वार कर दिया. वह दीपक के हाथ-पैर तोड़ना चाहता था, ताकि वह कुछ महीनों तक बिस्तर पर पड़ा रहे. उसके और मुनीता के बीच वह नहीं आये, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. अचनाक हुए हमले से दीपक घबरा गया था. बचने की कोशिश में रड उसके सिर पर लगा और वह वहीं सड़क पर गिर पड़ा. शहजादा ने जब देखा कि दीपक का सिर फट गया है और खून तेजी से निकल रहा है, तो वह वहां से भाग निकला. इधर, सड़क पर शव पड़े होने की जानकारी पुलिस ने दीपक वर्मा की पत्नी मुनीता के मोबाइल पर दी. उसे बताया गया कि कमलपुर में उसके पति का एक्सीडेंट हो गया है.

उस वक्त वह बस में ही थी, लेकिन वह कमलपुर में नहीं रुकी. वह धनबाद गयी और वहां बस स्टैंड पर उतर कर अपने ससुराल चली गयी. बाद में टुंडी पुलिस ने मनईटांड़ स्थित दीपक के घर जाकर मुनीता का बयान दर्ज किया. अनुसंधान के दौरान मुनीता ने थानेदार पर ही गलत हरकत करने का आरोप लगा दिया था. पुलिस पर फंसाने का आरोप लगाते हुए अनशन पर बैठ गयी थी. हालांकि शहजादा के दोस्तों की गवाही एवं मुनीता और शहजादा के कॉल डिटेल से मिले तथ्यों के कारण पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने दोनों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की. सुनवाई के बाद अदालत ने मुनीता और शहजादा को उम्रकैद की सजा सुनायी. अभी दोनों हजारीबाग स्थित जय प्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में बंद हैं.

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