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विधानसभा: ऊर्जा विभाग की अनुदान मांग पारित, मंत्री ने कहा किसानों का बिजली सरचार्ज माफ करने पर होगा विचार
रांची : विधानसभा में ऊर्जा विभाग के प्रभारी मंत्री सीपी सिंह ने घोषणा की कि दो से तीन माह में ट्रांसफॉर्मर रिप्लेसमेंट पॉलिसी बन जायेगी. इसके बाद खराब ट्रांसफॉर्मर के मामले जल्द निपटाये जा सकेंगे. सरकार सूखे से प्रभावित किसानों को बिजली बिल का भुगतान नहीं करने पर लगनेवाले सरचार्ज माफ करने पर विचार कर […]
रांची : विधानसभा में ऊर्जा विभाग के प्रभारी मंत्री सीपी सिंह ने घोषणा की कि दो से तीन माह में ट्रांसफॉर्मर रिप्लेसमेंट पॉलिसी बन जायेगी. इसके बाद खराब ट्रांसफॉर्मर के मामले जल्द निपटाये जा सकेंगे. सरकार सूखे से प्रभावित किसानों को बिजली बिल का भुगतान नहीं करने पर लगनेवाले सरचार्ज माफ करने पर विचार कर रही है.
स्कूलों और कॉलेजों में उपयोग होनेवाली बिजली को नियामक आयोग ने कॉमर्शियल सूची में रखा है. सरकार इस पर भी विचार करेगी. श्री सिंह शुक्रवार को विधानसभा में ऊर्जा विभाग, मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग, वन पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग, राष्ट्रीय बचत विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे.
डीवीसी मामले की जांच के लिए कमेटी गठित : चर्चा के बाद ध्वनिमत से ऊर्जा विभाग की 22 करोड़ 76 लाख 96 हजार, 47 हजार रुपये की अनुदान मांग पारित हो गयी.
मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि डीवीसी के कारण झारखंड को हो रही राजस्व क्षति का आकलन करने के लिए कमेटी गठित की गयी है. कमेटी में दो अधिकारी झारखंड और दो अधिकारी डीवीसी के हैं. कमेटी एक माह के अंदर रिपोर्ट देगी.
आलमगीर आलम ने अडाणी का मामला उठाया : अनुदान मांग पर चर्चा शुरू होने से पहले आलमगीर आलम ने सरकार से अडाणी द्वारा संताल परगना में लगाये जा रहे पावर प्लांट में 25 फीसदी बिजली नहीं देने का मुद्दा उठाया. सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा कि एमओयू में तय है कि झारखंड को 25 फीसदी बिजली नियामक आयोग द्वारा तय दर पर मिलेगी.
सदन से निकल गये प्रदीप यादव :इसके बाद प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीच में सदन से वाक आउट कर गये. उन्होंने कहा कि पता है कि सरकार संतोषजनक जवाब नहीं देगी. इस कारण वह सदन से वाक आउट करते हैं.
दूसरे सत्र में केवल कांग्रेस, झाविमो, मासस और बसपा के विधायक ही थे. इसमें बसपा के कुशवाहा शिवपूजन मेहता को छोड़ अन्य सदन के बाहर चले गये.
कटौती प्रस्ताव के पक्ष में
सीटिंग जज से करायें भूमि दर निर्धारण मामले की जांच : प्रदीप यादव
प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य में भूमि दर निर्धारण करने का अधिकार उपायुक्त को है. सरकार ने जो हाइपावर कमेटी बनायी है, वह क्या करेगी. सरकार ने अगर मान लिया कि गलती हुई तो अधिकारियों पर क्या कार्रवाई हुई. सरकार को पूरे मामले की जांच हाइकोर्ट के सीटिंग जज से करानी चाहिए. सरकार से कोई उम्मीद नहीं का जा सकती है.
पलामू के कुछ जिलों में आज भी बिहार से मिलती है बिजली : मेहता
कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने कहा कि पलामू के कुछ जिलों में आज भी बिहार से बिजली मिलती है. पूरा झारखंड चमकता है, जबकि पलामू में अंधेरा रहता है. कई इलाकों को आज भी हटिया ग्रिड से नहीं जोड़ा गया है. विद्युतीकरण के नाम पर कई स्थानों पर अनियमितता हो रही है. ठेकेदार तार बेच दे रहे हैं. सरकार अपनी पीठ थपथपाने के बजाय इस पर रोक लगाये.
कटौती प्रस्ताव के विरोध में
क्या हम अपनी विदेश नीति का पालन नहीं करें : राधाकृष्ण किशोर
राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि संताल में लगनेवाला पावर प्लांट हम अपनी विदेश नीति के तहत लगा रहे हैं. बांग्लादेश हमारा पड़ोसी देश है. उससे हमारे संबंध अच्छे हैं. केंद्र ने वहां बिजली देने का आश्वासन दिया है. इसमें झारखंड से सहयोग ली जा रही है. हम देश और राज्य हितों के लिए काम कर रहे हैं. क्या हम अपनी विदेश नीति का भी पालन नहीं करें.
क्यों केवल अधिकारियों का मुद्दा उठाते हैं प्रदीप यादव : बिरंची नारायण
बिरंची नारायण ने कहा कि प्रतिपक्ष की भूमिका से जनता आहत है. 70 साल में हम 2500 गांव में बिजली नहीं दे पाये. बाबूलाल मरांडी ने 32 करोड़ रुपये में पैनम माइंस दे दिया था. इस पर सवाल नहीं उठाये जा रहे हैं. इससे इस राज्य को कुछ नहीं मिल रहा है. यहां से कोयला पंजाब जा रहा है. प्रदीप यादव सदन में केवल अधिकारियों को चिह्नित कर सवाल करते हैं. उनके उद्देश्य को भी समझने की जरूरत है. चर्चा में मनीष जायसवाल, सत्येंद्र नाथ तिवारी, अनंत ओझा, जानकी प्रसाद यादव, राज सिन्हा, योगेंद्र महतो, शिवशंकर उरांव, डॉ जीतू चरण राम, केदार हाजरा ने भी हिस्सा लिया.
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