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जेपीएसी मामले पर जनहित याचिका दायर, एक सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई

रांची :झारखंड हाई कोर्ट ने पांचवी जेपीएसी विवाद पर दायर की गयी जनहित याचिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह जनहित याचिका कैसे है प्रार्थी बताएं. इस मामले में अब अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी. दूसरी तरफ विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की है. आज भी विधानसभा इस […]

रांची :झारखंड हाई कोर्ट ने पांचवी जेपीएसी विवाद पर दायर की गयी जनहित याचिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह जनहित याचिका कैसे है प्रार्थी बताएं. इस मामले में अब अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी. दूसरी तरफ विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की है. आज भी विधानसभा इस मुद्दे को लेकर बाधित रहा और विपक्ष के हंगामे के कारण स्थगित होता रहा
पांचवीं सिविल सेवा परीक्षा में नौ सेवा में कुल 272 पद थे, 269 पदों का रिजल्ट निकला, जिनमें 201 सफल उम्मीदवार झारखंड के निवासी हैं. कुल 164 पद अनारक्षित था, जिसमें झारखंड के 96 उम्मीदवार सफल हुए हैं. वहीं 68 बाहर के राज्यों के़ यूपी, छत्तीसगढ़ व हरियाणा के एक-एक और बंगाल के तीन उम्मीदवार सफल हुए हैं. बिहार के 62 उम्मीदवारों ने सफलता पायी है़ नि:शक्त के तीन पद रिक्त रह गये. अंतिम रूप से प्रकाशित रिजल्ट के मुताबिक अनारक्षित पदों के लिए कट अॉफ मार्क्स 798 अंक रहा. जबकि एसटी के लिए 757 अंक, एससी के लिए 760 अंक, बीसी वन के लिए 785 अंक व बीसी टू के लिए 797 अंक रहा. आयोग ने सभी चयनित उम्मीदवारों की अनुशंसा राज्य सरकार के पास भेज दी है. अब राज्य सरकार दस्तावेज की जांच कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करेगी़.
परीक्षा को लेकर पहले सी-सैट को लेकर विवाद हुआ था. नियमावली से नाखुश कई उम्मीदवारों ने इसकी शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की. हेमंत सोरेन ने मुख्य परीक्षा शुरू होने के एक दिन पहले आयोग को नियमावली की समीक्षा करने और परीक्षा स्थगित करने का आग्रह किया था़ नियमावली की समीक्षा के लिए कार्मिक विभाग को निर्देश भी दिया गया. बाद में रघुवर दास की सरकार में इसकी समीक्षा की गयी. सी-सैट को हटा दिया अौर अायोग को परीक्षा लेने की अनुमति प्रदान कर दी. मुख्य परीक्षा में 844 उम्मीदवार सफल हुए. मुख्य परीक्षा के परिणाम पर फिर से विवाद हो गया़ धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ. मामला कोर्ट में भी पहुंचा. आयोग ने एक से 16 दिसंबर 2015 तक साक्षात्कार लिया. इसके बाद 21 फरवरी को अंतिम परिणाम की घोषणा भी कर दी.
आयोग ने कहा
देश का कोई भी योग्य अभ्यर्थी शािमल हो सकता है परीक्षा में
आयोग के अधिकारियों के अनुसार परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. आयोग परीक्षा आयोजित करनेवाली एक संवैधानिक एजेंसी है. परीक्षा व नियुक्ति राज्य सरकार की नियमावली के आधार पर होती है. आयोग के सचिव के अनुसार ग्रेड टू परीक्षा में देश का कोई भी योग्य उम्मीदवार शामिल हो सकता है. संविधान की धारा 370 लागू नहीं है, जिससे अन्य राज्य के उम्मीदवारों को रोका जा सके. परीक्षा में झारखंड सरकार की आरक्षण नीति के आधार पर ही नियुक्ति की गयी है.
क्या कहते हैं असंतुष्ट उम्मीदवार
फाइनल में कुड़ुख, कुरमाली व पंचपरगनिया आदि भाषा में रिजल्ट ही नहीं है
मुख्य परीक्षा में सम्मिलित 2085 उम्मीदवारों में से 618 को तकनीकी गलती के आधार पर रिजेक्ट कर दिया गया है. मैन्युअली टैबुलेशन करा रिजल्ट प्रकाशन पर विचार नहीं हुआ
रिजल्ट में एक सीरीज के कई रोल नंबर लगातार पाये गये
एक ही विषय से और एक ही कोचिंग संस्थान से अधिकतर उम्मीदवारों का चयन हुआ
मुख्य परीक्षा एक वर्ष से अधिक समय पहले छापे गये प्रश्न पत्रों से हुई. एक खास संस्थान पर प्रश्न पत्र लीक करने का आरोप
साक्षात्कार से पहले ही मुख्य परीक्षा का कट ऑफ मार्क्स जारी कर दिया गया़ इससे परीक्षा प्रक्रिया में गोपनीयता भंग हुई
परीक्षा पुराने नियमों के अनुसार संचालित हुई, नियमावली में कहीं नहीं लिखा गया है कि छात्रों को रिजेक्ट किया जायेगा
जेपीएससी ने प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ मुख्य परीक्षा का कट अॉफ मार्क्स जारी नहीं किया. पहली बार पांचवीं परीक्षा का कट अॉफ मार्क्स साक्षात्कार से पहले जारी कर दिया गया है. जबकि मुख्य परीक्षा अौर साक्षात्कार दोनों एक-दूसरे से जुड़े होते हैं.
पूर्व में आयोजित चार सिविल सेवा मुख्य परीक्षाअों की उत्तर पुस्तिकाअों को रिजेक्ट नहीं किया गया था, लेकिन आयोग ने इस बार उत्तर पुस्तिका रिजेक्ट कर दिया. ताकि अन्य राज्यों के बाहरी छात्रों को पास कराया जा सके.
मुख्य परीक्षा में 320 छात्र, जो केटेगरी में पास हुए थे, वे फाइनल रिजल्ट में बाहर कर दिये गये
जेपीएसी ने अभी तक फाइनल रिजल्ट का अौपचारिक कट अॉफ मार्क्स तक जारी नहीं किया है
जेपीएससी ने अपना फाइनल रिजल्ट केवल रोल नंबर के आधार पर जारी किया है, जबकि फाइनल रिजल्ट छात्रों के नाम व रोल नंबर के साथ जारी होता है
कट अॉफ मार्क्स पर ध्यान दिया जाये, तो सारे रिजल्ट जेनरल केटेगरी के 504 रिजल्ट से हैं. अब अगर इसमें से कुछ लड़के तकनीकी गड़बड़ी अौर इंटरव्यू के लिए निर्धारित न्यूनतम मार्क्स के कारण बाहर कर दिये गये, तो साफ है इन लड़कों का किसी से कोई प्रतियोगिता हुई ही नहीं. कितनी चालाकी से इन्हें फाइनल रिजल्ट में चयन किया गया.
जेपीएससी़: पांचवीं सिविल सेवा के रिजल्ट पर सड़क से सदन तक हंगामा
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही झामुमो, कांग्रेस और झाविमो के विधायकों ने परीक्षा की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर सदन में हंगामा शुरू कर दिया़ झामुमो, कांग्रेस के विधायक अपनी-अपनी टी-शर्ट पर मांगे लिख कर सदन में आये थे़ झाविमो के विधायक खुद को बैनर से ढंक कर पहुंचे थे़ हो-हल्ला के बीच जेंडर बजट सदन में रखा गया़ कल्याण विभाग की अनुदान मांग पारित करायी गयी़ हंगामे को देख स्पीकर ने विपक्ष से सदन की गरिमा बनाये रखने की अपील की़ वहीं संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने विपक्ष को चर्चा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया़ पर विपक्ष नहीं माना़ सदन की कार्यवाही दिन भर नहीं चल सकी़
पुलिस ने िकया लाठीचार्ज : उधर, असफल अभ्यर्थियों ने जेल चौक के पास जम कर हंगामा किया़ दिन के एक से तीन बजे तक रोड जाम रखा़ टायर जला कर विरोध प्रदर्शन किया़ कुछ दो पहिये वाहनों में तोड़फोड़ की़ अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम रद्द करने की मांग कर रहे थे़ पुलिस ने जाम हटाने के लिए अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया़ इसके बाद रोड जाम समाप्त हुआ़ .पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है़ इससे पहले अभ्यर्थियों ने रांची विवि से जेपीएससी मुख्यालय तक मार्च किया़

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