रांची: सरकार की तरफ भूमि हस्तांतरण के लिए एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया तय कर दी गयी है. इसमें संबंधित अंचलों पर खतियान के अनुसार भूमि की जांच कर उसका ब्योरा तैयार कर सरकार को भेजने से लेकर राज्यादेश निर्गत करने के 13 मानक तय किये गये हैं.
उपायुक्त के स्तर पर राज्यादेश निकाल कर सरकारी भूमि तय कंपनी अथवा उद्यम को दी जायेगी. सरकार ने सभी प्रक्रिया को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव, उपायुक्त, अपर समाहर्ता, भूमि सुधार उप समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव, वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग, योजना सह वित्त विभाग और मंत्रिमंडल समन्वय और निगरानी विभाग को जोड़ा है. सरकारी भूमि के हस्तांतरण के लिए प्रस्ताव पर कैबिनेट की सहमति भी जरूरी कर दी गयी है. मंत्रिमंडल की सहमित के बाद जिला स्तर पर संबंधित कंपनी तथा उद्यम के अधिकारियों के बीच जमीन हस्तांतरण को लेकर समझौता करने का प्रावधान किया गया है.
सरकार की तरफ से संबंधित जिलों के उपायुक्त को यह जिमेम्वारी सौंपी गयी है कि वे ली जानेवाली भूमि की अद्यतन दर का मूल्यांकन करें. इस दर को जमा करने का आदेश भी उपायुक्त ही संबंधित कंपनियों को देंगे. जिला स्तर पर हस्तांतरित की जानेवाली भूमि की अनुशंसा प्रमंडलीय आयुक्त करेंगे. योजना सह वित्त विभाग, वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग तथा खान एवं भूतत्व विभाग की अनुशंसा भी जरूरी है.
सरकारी भूमि के हस्तांतरण के लिए तय समय
उठाये जानेवाले कदम जांच अधिकारी तय समय
खतियान के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर भेजना अंचल निरीक्षक, सीओ 30 दिन
एलआरडीसी की अनुशंसा एलआरडीसी कार्यालय 07 दिन
जिला स्तर पर एसी, डीसी की अनुसंसा डीसी, एसी 10 दिन
जमीन की दर का अद्यतन मूल्यांकन डीसी 10 दिन
प्रमंडलीय आयुक्त की अनुशंसा आयुक्त कार्यालय 07 दिन
विभागीय मंत्री का अनुमोदन राजस्व निबंधन विभाग 15 दिन
संबंधित विभागों की सहमति जरूरत पड़ने पर —- 10 दिन
मंत्रिमंडल की स्वीकृति मंत्रिमंडल विभाग 10 दिन
राज्यादेश निकालने की प्रक्रिया राजस्व निबंधन विभाग 03 दिन
जिला स्तर पर समझौता डीसी 10 दिन
राज्यादेश का अनुपालन डीसी 15 दिन