बजट में की गयी घोषणाएं तो सही दिख रही हैं, पर सबसे जरूरी है उनका क्रियान्वयन सुिनश्चित किया जाना. विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि यदि घोषणाओं पर सही तरीके से अमल हो जाये, तो राज्य का विकास होगा. चिंता की बात यह रही है कि कागज पर तो योजनाएं तैयार हो जाती है, लेकिन उन्हें धरातल पर उतारने में राज्य का सिस्टम फेल हो जाता है. राज्य सरकार ने इच्छाशक्ति दिखायी है, तो अब इसकी मॉनीटरिंग भी उसी ढंग से की जानी होगी.
उद्योगों को अब 10 साल के लिए दिया जा सकेगा लाइसेंस
रांची : सरकार ने राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को लाइसेंस अब 10 साल तक के लिए करने का निर्णय लिया है. बजट में बताया गया है कि पहले लाइसेंस पांच साल के लिए मिलता था.
सभी प्रकार की अनुज्ञप्ति व निबंधन ऑन लाइन होंगे. श्रम कानूनों में संशोधन कर श्रमिकों को बैंक खाता के माध्यम से वेतन का भुगतान किया जायेगा. सरकार ने तय किया है कि अगले वित्तीय वर्ष (2016-17) में लगभग 50 हजार युवाओं को चिह्नित कर विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जायेगा. राज्य में 49 नव निर्मित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नया ट्रेड शुरू किया जायेगा. इन संस्थानों में कुल सीटों की संख्या बढ़ा कर सात हजार से 17 हजार की जायेगी. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (सामान्य) रांची और बोकारो को मॉडल आइटीआइ के रूप मेें विकसित किया जायेगा. रांची वाले आइटीआइ को केंद्र से प्रायोजित कराया जा रहा है. वहीं बोकारो को राज्य सरकार प्रायोजित करेगी.
देवघर स्थित आइटीआइ को पायलट प्रोजेक्ट के तहत मॉडल के रूप में विकसित किया जायेगा. राज्य में वर्तमान में संचालित कुल 27 सरकारी और 203 गैर सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से 7000 एवं 24500 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सरकार ने उद्योग समूह से आग्रह किया है कि सीएसआर के तहत सरकार आइटीआइ को सहयोग करे. राज्य में उद्योग समूह के प्रतिनिधियों की सहभागिता से व्यवसाय का चयन किया जायेगा.
नयी लाइसेंस व्यवस्था से उद्यमियों को होगा फायदा
10 साल के लिए लाइसेंस की व्यवस्था कर देने से व्यापारियों को सहुलियत होगी. बार-बार विभाग का चक्कर नहीं लगना होगा. लेबर पेमेंट खाते से करना संभव नहीं है, लेकिन प्रयास अच्छा है. बजट संतुलित लग रहा है. स्कील डेवलपमेंट पर विशेष जोर है. इसका असर आगे दिखेगा. आइटीआइ में नये ट्रेड की व्यवस्था अच्छा प्रयास है.
कृषि विभाग में होगा सिंगल विंडो सिस्टम
रांची : कृषि विभाग में अब सिंगल विंडो सिस्टम के तहत काम होगा. राज्य सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग को समग्र कर बजट तैयार किया है. इसे चालू वित्तीय वर्ष से दो गुणा बजट करने की बात मुख्यमंत्री ने कही है. कृषकों को पटवन के लिए अनुदानित दर पर डीजल आपूर्ति करने की बात कही गयी है.
वहीं गांव का पानी गांव में, खेत का पानी खेत में स्कीम के तहत एक लाख डोभा का निर्माण होगा. सरकार ने एक बार फिर जैविक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा की है. सरकार ने तय किया है कि अगले वित्तीय वर्ष में किसानों को ट्रैक्टर के स्थान पर पावर टिलर दिये जायेंगे. खेतों में अच्छी तकनीक के उपयोग के लिए कृषकों तथा संबंधित पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किये जायेंगे. फसल बीमा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा. शीत गृहों की स्थापना भी की जायेगी. एक हजार लिफ्ट इरिगेशन का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से होगा.
वहीं सोलर पंप लगाये जायेंगे. विधायकों को एक करोड़ रुपया सिंचाई सुविधा में खर्च करना होगा. बजट में सरकार ने कृिष तथा संबद्ध क्षेत्रों का विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है. इसके लिए पिछले बजट से सौ फीसदी से भी अधिक राशि खर्च करने का निर्णय लिया है. सरकार ने कृिष को गति देने के लिए विधायक मद में भी एक करोड़ रुपया अधिक राशि देने की घोषणा की है. इससे सिंचाई में खर्च किया जायेगा. बताया जाता है कि इससे कृिष को बढ़ावा मिलेगा. वहीं सरकार की नीति है कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐसे कदम उठाने होंगे. साथ ही उन्हें अत्याधुनिक सुविधाएं दी जायेंगी.
इस बार इको-टूरिज्म पर सरकार का रहेगा फोकस
रांची : आनेवाले वित्तीय वर्ष में सरकार का पूरा फोकस इको-टूरिज्म पर होगा. इसके लिए सरकार व्यापक प्रचार-प्रसार करेगी. सरकार ने बजट में तय किया है कि साहेबगंज फॉसिल पार्क, देवघर के त्रिकूट पहाड़, गिरिडीह में पारसनाथ, हजराबीगा का तिलैया डैम व कैनहरी हिल, पलामू टाइगर रिजर्व, दलमा गज अभ्यारण्य पर काम पहले चरण में होगा. सरकार ने तय किया है कि केंदू पत्ता छोड़ अन्य लघु उपज को बिहार वन उपज व्यापार (विनियमन) अधिनियम-1984 से मुक्त कर दिया गया है.
सरकार ने निजी जमीन पर भी वृक्षारोपण की योजना तैयार की है. एक एकड़ पर 445 काष्ठ प्रजाति और 196 फलदार पौधों का रोपण होगा. एक लाभुक न्यूनतम 50 एकड़ पर इस स्कीम का लाभ ले सकता है. सरकार ने तय किया है कि जलवायु परिवर्तन विभाग में एक कार्य इकाई का गठन होगा, जो अन्य विभागों में जलवायु परिवर्तन पर चल रहे कार्यों की समीक्षा करेगा. इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया जायेगा. सरकार ने तय किया है कि ग्राम वन प्रबंधन समितियों को उनके कार्यों के आधार पर पुरस्कृत किया जायेगा.
इन समितियों को प्रोत्साहन स्वरूप परि संपत्तियों के सृजन के लिए राशि उपलब्ध करायी जायेगी. कृिष एवं संबद्ध गतिविधियों के विकास में सरकार ने पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है. सिंचाई योजनाओं से पर्यावरण को होनेवाले नुकसान पर विशेष नजर रखने का निर्णय, स्वर्णरेखा नदी को संरक्षित रखते हुए इसके प्राकृितक सौंदर्य को बढ़ाया जायेगा. इसमें स्थानीय लोगों की मदद ली जायेगी.
निबंधन और राजस्व कार्यालयों का एकीकरण किया जायेगा
रांची : सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में जमीन के मामले को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने का प्रयास किया है. इसके तहत निबंधन कार्यालय व राजस्व कार्यालय को जोड़ा गया है.
यानी जमीन की रजिस्ट्री के समय दस्तावेज प्रस्तुत करते ही ये कागजात अंचल कार्यालय के भी लॉगिंग में चले जायेंगे. इससे गड़बड़ी रुकेगी. साथ ही निबंधन, म्यूटेशन व लगान रसीद की अॉनलाइन व्यवस्था में मदद मिलेगी. वहीं राज्य के 50 अंचल कार्यालयों व दो निबंधन कार्यालयों का जीर्णोद्धार होगा. साथ ही 50 नये तहसील कार्यालय सह हल्का कर्मचारी आवास का निर्माण का भी लक्ष्य रखा गया है. सभी अंचलों में अॉनलाइन म्यूटेशन की व्यवस्था करने की भी घोषणा की गयी है. रांची में मैप (नक्शा) प्रींटिंग प्रेस की स्थापना होगी.
पूरी तरह से भू-अभिलेखों व भू-नक्शों का डिजिटाइजेशन होगा. 134 नये वाहन खरीदे जायेंगे, ताकि राजस्व प्रशासन को सुदृढ़ बनाया जा सके. ये वाहन उपायुक्तों, अपर समाहर्ताअों, अनुमंडल पदाधिकारियों, बंदोबस्त पदाधिकारियों, जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों, भूमि सुधार उप-समाहर्ताअों व अंचल अधिकारियों के लिए खरीदे जायेंगे. उपायुक्त 25 करोड़ व आयुक्त 25 से 50 करोड़ तक की भूमि मुआवजा की इस्टीमेट स्वीकृत कर सकेंगे. सरकार ने भूमि से संबंधित सारे कार्यों को अॉनलाइन करने की दिशा में कार्रवाई कर दी है. इस वित्तीय वर्ष में अंचल कार्यालय में अॉनलाइन म्यूटेशन करने के लिए रांची के नगड़ी अंचल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया था. वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य के सारे अंचलों में यह काम शुरू हो जायेगा.
बजट अच्छा पर क्रियान्वयन देखना होगा
बजट बनाने में सरकार की मंशा ठीक है. बजट तो अच्छा बना है, पर इसका क्रियान्वयन जरूरी है. यानी जो लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, वे हासिल किये जायें. डिजिटाइजेशन होने से आमलोगों का भला होगा. लोगों को सुविधाएं मिलेंगी, पर सही तरीके से पालन हो तभी कोई उम्मीद की जा सकती है अन्यथा कुछ नहीं होगा.
पावर प्लांट ही नहीं, सोलर पावर से भी राज्य होगा रोशन
रांची : ऊर्जा बजट में साफ कर दिया गया है कि राज्य में शत प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण और 24 घंटे बिजली देने के लिए रघुवर सरकार सिर्फ पॉवर प्लांट के भरोसे नहीं रहेगी. ऊर्जा बजट में सोलर पॉवर के माध्यम से राज्य को रोशन करने के प्रावधान किये गये हैं. बजट में इसी वर्ष दिसंबर तक 2,525 गांवों तक बिजली पहुंचाने की घोषणा की गयी है.
घरेलू विद्युतीकरण के लिए सोलर पॉवर पर आधारित योजनाओं के लिए राशि तय की गयी है. पिछड़े इलाकों में 3.2 लाख बच्चों व छात्रों को एलइडी सोलर लैंप वितरण करने की योजना लागू की जायेगी. डोमेस्टिक इफेक्टिव लाइटिंग प्रोग्राम के तहत 16.5 लाख ग्रामीण उपभोक्ताओं के बीच एलइडी बल्ब के वितरण को मंजूरी दी गयी है. इसके अलावा बजट में तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड में अतिरिक्त पॉवर प्लांट स्थापित करने के प्रावधान किये गये हैं.
इसके अलावा 21 गो-लाइव घोषित शहरों में विद्युत वितरण प्रणाली के जीर्णोद्धार को सहमति प्रदान की गयी है. बजट में अगले तीन वर्षों में 54 ग्रिड सब-स्टेशन व 88 संबंधित संचरण लाइनों के निर्माण को सहमति दी गयी है. दीनदयाल, उपाध्याय व ग्राम ज्योति योजना के तहत सभी गांवों व टोलों में विद्युत उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान किया गया है. तेनुघाट विद्युत लिमिटेड में अतिरिक्त पावर प्लांट स्थापित करने को मंजूरी दी गयी है. एनटीपीसी और राज्य सरकार के नये संयुक्त उपक्रम पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को जल्द से जल्द क्रार्यांविंत करने का फैसला लिया गया है. राज्य में बच गये सभी गांवों का विद्युतीकरण इस वर्ष के अंत तक करने के लिए जरूरी प्रावधान किये गये हैं.
अब तक को सबकुछ कागज पर ही रहा है
अब तक झारखंड में सब कुछ कागज पर ही होता रहा है. सरकारें आती-जाती रही हैं, परंतु बिजली विभाग राजनीति के चक्कर में भी फंसा रहा. बजट की योजनाएं धरातल पर लाकर दिखाने की चुनौती है. राज्य में जब तक बिजली की चोरी नहीं रुकेगी और गांव के अंतिम घर तक बिजली नहीं जलेगी, तब तक सभी बातें गौण हैं.
2022 तक हर विस क्षेत्र में कॉलेज होगा
रांची : वित्तीय वर्ष 2016-17 के उच्च शिक्षा व तकनीकी विभाग के बजट में राज्य में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में निजी संस्थानों को आकर्षित करने के लिए टेक्निकल एजुकेशन हब बनाने की घोषणा की गयी है़ बजट में वर्ष 2022 तक विधानसभावार कॉलेज खोलने की बात कही गयी है़
विश्वविद्यालय में कौशल विकास के लिए नया पाठयक्रम लागू करने की घोषणा बजट में की गयी है़ राज्य में 80 नये पॉलिटेक्निक संस्थान खोलने, बीआइटी सिंदरी को नये रूप में विकसित करने की घोषणा की गयी है़ राज्य के सभी प्रमंडलों में एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेज व रामगढ़ में महिला इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की घोषणा की गयी है. राज्य के तकनीकी सस्थानों में इनोवेटिव लर्निंग को बढ़ावा देेने के उद्देश्य से डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना, वाइ-फाइ की सुविधा, डिजिटल नोट, लैपटॉप व टैब संबंधित योजना शुरू की जायेगी. बजट में राज्य के दस जिलों में एक-एक बहुद्देश्यीय परीक्षा भवन बनाने की घोषणा की गयी है़
भवन बनाने का कार्य अगले वित्तीय वर्ष में शुरू हाे जायेगा़ नवनिर्मित पॉलीटेक्निक कॉलेज गोला, पाकुड़, चांडिल में वर्ष 2016-17 से नामांकन शुरू हो जायेगा. इन कॉलेजों में तीन-तीन सौ सीटों पर नामांकन लिया जायेगा. इस प्रकार राज्य में वर्ष 2016-17 से पॉलीटेक्निक कॉलेज में नामांकित होनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 3670 हो जायेगी. अगले वित्तीय वर्ष में सभी राज्यकीय पॉलीटेक्निक कॉलेजों में 200 बेड का महिला छात्रावासों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा.
तकनीकी शिक्षा पर दिया गया है जोर
बजट में तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया गया है़ बजट में किये गये प्रयास से राज्य में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा़ पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने से अधिक विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा से जुड़ सकेंगे़ विश्वविद्यालय में नया पाठयक्रम शुरू करने की आवश्यकता है़ इसके अलावा विश्वविद्यालय व कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति भी आवश्यक है.
िकस िजले को क्या िमला
– प्रखंड मुख्यालयों में कृषकों के लिए कृषि सिंगल विंडो की स्थापना की जायेगी़
– पैन अाइआइटी अल्युमिनी रिसर्च फॉर इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से 25 गुरुकुल की स्थापना.
– प्रखंड मुख्यालयों में कृषकों के लिए कृषि सिंगल विंडो की स्थापना की जायेगी़ कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास का निर्माण किया जायेगा. पैन अाइआइटी अल्युमिनी रिसर्च फॉर इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से 25 गुरुकुल की स्थापना. पश्चिमी सिंहभूम 100 प्रखंड मुख्यालयों में कृषकों के लिए कृषि सिंगल विंडो की स्थापना की जायेगी़
– प्रखंड मुख्यालयों में कृषकों के लिए कृषि सिंगल विंडो की स्थापना की जायेगी़
– निजी एवं सरकारी क्षेत्र में इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित किये जायेंगे.
– पैन अाइआइटी अल्युमिनी रिसर्च फॉर इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से 25 गुरुकुल की स्थापना.
– करमा गांव में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी.
स्मार्ट सिटी और कोर कैपिटल से बदलेगी रांची
नये बजट में स्मार्ट सिटी और कोर कैपिटल के लिए राशि का प्रावधान किया गया है. इससे लग रहा है कि सभी बड़े सरकारी संस्थान व कार्यालय स्मार्ट सिटी के हिस्से हो जायेंगे. कोर कैपिटल भी इसी का हिस्सा होगा. नया विधानसभा भवन तैयार हो रहा है और कोर कैपिटल में ही नया सचिवालय भवन बनाने का भी प्रावधान किया गया है. इस योजना के क्रियान्वित हो जाने के बाद राजधानी रांची काफी हद तक बदली-बदली सी नजर आयेगी.
उद्यमियों पर नहीं लगाया कोई नया कर, िनबंधन शुल्क घटा
रांची : व्यवसायी वर्ग के लिए बजट खुश करनेवाला है. रघुवर सरकार के बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है. कर प्रणाली की प्रक्रिया को सरल किया गया है. बजट में कर की चोरी रोक कर आंतरिक राजस्व में वृद्धि के लिए काम किया गया है. व्यापारियों की मांग मानते हुए सरकार ने अंगीकृत बिहार वित्त अधिनियम, 1981 एवं केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956 के वर्ष 2005-06 तक के मामलों के समाधान के लिए लागू की गयी योजना को विस्तार करने पर सहमति प्रदान कर दी है.
इसके तहत व्यापारी सरकार को आवेदन देकर बकाया कर भुगतान करने और मुकदमा वापस लेने का आग्रह करते हैं. इसके बाद सरकार व्यापारियों पर लगाये गये दंड की रकम माफ कर देती है. व्यापारी कर की रकम चुकाने के बाद सरकार के खिलाफ दायर मुकदमे को वापस ले लेते हेंैं. बजट में कर समाधान योजना को वित्तीय वर्ष 2016-17 तक का विस्तार करने के लिए प्रावधान किये गये हैं. बजट में छोटे व्यापारियों का भी ध्यान रखा गया है. उनके लिए बजट में लेखा पुस्तक के अंकेक्षण के लिए सकल बिक्री आवर्त की सीमा 40 लाख से बढ़ा कर 60 लाख किया गया है.
इससे लगभग 15,000 छोटे व्यापारियों को लेखा अंकेक्षण की अनिवार्यता से राहत मिलेगी. सरकार ने िनबंधन शुल्क में कमी कर दी है. इससे राज्य के अनिबंधित व्यवसायियों को अपना निबंधन करा कर व्यावसायिक गतिविधि करने में आसानी होगी.
पर्यटन बढ़ाने के लिए अनुदान देगी सरकार
रांची : पर्यटन विकास के लिए बजट में बहुत खास नहीं किया गया है. पुराने ढर्रे पर ही गाड़ी आगे बढ़ाने की कोशिश की गयी है. बजट में जेटीडीसी के माध्यम से पर्यटन स्थलों पर बस चलाने के लिए प्रावधान किये गये हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सहायक अनुदान देने की बात कही गयी है.
सरकार ने होटल प्रबंधन संस्थान, फूड क्राफ्ट संस्थान, झारखंड साहसिक पर्यटन संस्थान, बाबा बैद्यनाथ धाम, बासुकिनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकार व अन्य प्राधिकार के लिए सहायक अनुदान की घोषणा की है. महोत्सव के जरिये पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रयास किया गया है. मलूटी में भादो महोत्सव और सरायकेला में छऊ महोत्सव के आयोजन के लिए प्रावधान किये गये हैं. कुछ पर्यटन स्थलों पर वाइ-फाइ की सुविधा पर सहमति दी गयी है. बजट में झारखंड खेल नीति के प्रारूप को अंतिम चरण में बताया गया है. आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए राशि का प्रावधान किया गया है. खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए सम्मान राशि में वृद्धि की गयी है.
इन सबके अलावा बजट में राज्य के गरीब परिवारों को पर्यटन और धार्मिक स्थल पर ले जाकर सफाई का काम दिखाने और जीवन यापन के नये तरीके अपनाने काे प्रेरित करने के लिए भी प्रावधान किये गये हैं. राज्य के चुिनंदा पर्यटन स्थलों पर वाई-फाई की सुिवधा भी प्रदान की जायेगी. स्थानीय लोगों को पर्यटन से जोड़ने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये गये हैं. स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित कर हॉस्पीटालिटी का विशेषज्ञ बनाया जायेगा. लोगों में राज्य के पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए मेला समारोह आदि आयोजित किये जायेंगे.
छात्रवृत्ति देने की प्रक्रिया सरल होगी, पर्याप्त फंड भी रहेगा
रांची : कल्याण विभाग बीपीएल एससी, एसटी, पिछड़ी जाति व अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को प्री व पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति देती है. छात्रवृत्ति के लिए पर्याप्त फंड नहीं रहने तथा इसकी पारदर्शी प्रक्रिया नहीं होने से विद्याथिर्यों को परेशानी होती है. खास कर पिछड़े वर्ग के विद्याथिर्यों के साथ न्याय नहीं हो पाता. अब सरकार छात्रवृत्ति मद में पर्याप्त राशि का आवंटन करेगी तथा छात्रवृत्ति स्वीकृत करने की प्रक्रिया सरल करेगी. कल्याण विभाग ने अादिम जनजातियों (पीटीजी) के समग्र विकास के लिए आदिम जनजाति विकास प्राधिकार के गठन का भी प्रस्ताव तैयार किया है.
इसकी सहायता से राज्य के कुल 77 हजार आदिम जनजातीय लोगों के स्वास्थ्य व शिक्षा के साथ-साथ आर्थिक विकास के कार्य किये जायेंगे. साथ ही सभी पीटीजी परिवारों को अब फिर से प्रतिमाह 35 किलो अनाज मुफ्त दिये जायेंगे. पहले भी अनाज मुफ्त मिलता था, पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद इन्हें एक रुपये प्रति किलो की दर से अनाज मिल रहा था. संताल परगना इलाके में पहाड़िया इसका विरोध भी कर रहे हैं. अब सरकार ने सभी पीटीजी के हित में यह फैसला किया है.
अनुसूचित जनजातियों के लिए कला व सांस्कृतिक केंद्र जैसे मांझी, परगना, पराहा, मानकी मुंडा व धुमकुड़िया हाउस भी बनाये जायेंगे. राज्य के सभी जिलों में पैन, आइआइटी, एलुमनी रीच फॉर इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से राज्य में 25 गुरुकुल की स्थापना की जा रही है. यहां अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के बेरोजगार युवक-युवतियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के िलए विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया जायेगा.
विधानसभा और कोर कैपिटल भी होंगे स्मार्ट सिटी के हिस्से
रांची : नगर विकास विभाग की ओर से एचइसी की 341 एकड़ जमीन पर रांची स्मार्ट सिटी की स्थापना की जायेगी. राज्य सरकार ने यह योजना बनायी है. इसी स्मार्ट सिटी में विधानसभा और कोर कैपिटल भी बसाये जायेंगे. अमृत योजना के तहत राज्य के सात शहरों का विकास होगा. इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना में सभी नगर निकायों को शामिल किया जायेगा. अभी 14 शहरी निकायों में 16416 आवासीय इकाई की स्वीकृति दी गयी है. इसके अलावा धनबाद, रांची एवं चास में 3931 आवासों पर कार्य किये जा रहे हैं. विभाग की ओर से शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय करनेवाले सभी स्ट्रीट वेंडरों का सर्वेक्षण कराया जायेगा. इनके परिचय पत्र तैयार किये जायेंगे. साथ ही वेडिंग जोन भी बनाये जायेंगे, ताकि वे निर्धारित स्थान पर ही वेंडर व्यवसाय कर सकें.
झारखंड शहरी विकास निधि नामक एक कोष का गठन होगा. इससे नगर निकायों में वृहद तथा जनोपयोगी योजना एवं आधारभूत संरचना के क्रियान्वयन के लिए तत्काल राशि उपलब्ध करायी जायेगी. निर्धारित समय समाप्त होने पर नगर निकाय उक्त राशि को राजकोष में जमा भी करा करेंगे. स्वच्छ भारत मिशन के तहत 36 नगर निकायों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए परियोजनाएं आरंभ की जायेगी. राज्य के सभी शहरों में सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम निर्माण के लिए आवश्यक प्रावधान किया गया है. रांची नगर निगम में यह अगले वित्तीय वर्ष से आरंभ हो जायेगा. शहरी गरीबी उन्मूलन एवं समाज कल्याण योजना के तहत योग्य लोगों का चयन किया जायेगा. उनके लिए राशि का प्रावधान किया गया है.
कोर कैपिटल एरिया में ही सचिवालय भवन बनेगा
रांची : आनेवाले वित्तीय वर्ष में सरकार की जोर पुराने भवनों या योजनाओं को पूरा करने पर है. सरकार ने बजट में कोई नये भवन के निर्माण का प्रस्ताव नहीं रखा है. सरकार ने तय किया है कि रांची कोर कैपिटल एरिया में नये सचिवालय भवन का निर्माण शुरू होगा. राजधानी में अत्याधुनिक कंवेंशन सेंटर का निर्माण होगा. रांची में ही रवींद्र भवन निर्माण की योजना है. चालू योजना में से विधानसभा भवन के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने की योजना सरकार की है. झारखंड उच्च न्यायालय के नये बन रहे भवन का भी जिक्र किया गया है.
सरकार ने सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने की घोषणा की है. सभी सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप पैनल की स्थापना की बात बजट में कही गयी है. नयी दिल्ली में नये झारखंड भवन की बात कही गयी है. उप-राजधानी दुमका में भी आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य किया जायेगा. सरकार ने तय किया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में भवन का निर्माण, जीर्णोद्धार किया जायेगा. धनबाद, गिरिडीह, सरायकेला, पलामू, साहेबगंज व बोकारो में न्याय सदन का निर्माण किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने खेलगांव में आयोजित बंगभाषी साहित्य सम्मेलन में राजधानी में रवींद्र भवन बनाने की घोषणा की थी.
2016-17 के बजट में इसे शामिल कर लिया गया है. इसका निर्माण राजधानी में कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जायेगा. अगले वित्तीय वर्ष में दिल्ली में हुए झारखंड भवन के शिलान्यास के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा. इसके िलए भी राशि का प्रावधान इस बजट में कर दिया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में बने भवनों की साज-सजावट भी करायी जायेगी.
किडनी रोगियों का रांची में होगा इलाज
रांची : स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्यमंत्री नि:शुल्क डायग्नोस्टिक जांच योजना आरंभ की गयी है. इस योजना के तहत बीपीएल व 72 हजार वार्षिक आय वाले परिवारों की नि:शुल्क पैथोलॉजिकल एवं रेडियलॉजिकल जांच होगी. 108 इमरजेंसी मेडिकल एंबुलेंस सर्विस के माध्यम से 330 एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध करायी जायेगी. पलामू, हजारीबाग, चाईबासा, बोकारो एवं दुमका में नये मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे. सिकल सेल एनिमिया की जांच सभी जनजातीय क्षेत्रों में आरंभ की जायेगी. कंप्रेहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस योजना के तहत चिह्नित लोगों को दो लाख रुपये तक सेकेंडरी एवं टर्शियरी केयर की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. आदिम जनजाति के लिए विशेष स्वास्थ्य सुरक्षा पैकेज योजना आरंभ की जायेगी. किडनी रोगियों के इलाज के लिए रांची के ब्रांबे में सुपर स्पेशियालिटी न्यूरोलॉजी एवं नेफ्रोलॉजी केंद्र की स्थापना की जायेगी.
ब्रांबे में ही डायबिटीज के इलाज के लिए राष्ट्रीय स्तर पर डायबिटीज केयर सेंटर स्थापित किया जायेगा. कोडरमा के करमा गांव में अवस्थित केंद्रीय श्रम मंत्रालय के अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाया जायेगा. एमजीएम जमशेदपुर में 500 बेड के अस्पताल का निर्माण होगा. आइपीएच भवन नामकुम में सामुदायिक स्वास्थ्य विषय पर तीन वर्षीय स्नातकस्तरीय पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जायेगा. राज्य के सभी अस्पतालों में हॉस्पीटल मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जायेगा. रांची में सेंट्रल बाॅयोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल यूनिट की स्थापना की जायेगी.
िकस िजले को क्या िमला
– प्रखंड मुख्यालयों में कृषकों के लिए कृषि सिंगल विंडो की स्थापना की जायेगी़
– वृद्धाश्रम का निर्माण कराया जायेगा.
– पैन अाइआइटी अल्युमिनी रिसर्च फॉर इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से 25 गुरुकुल की स्थापना. गंगा नदी पर चार लेन के पुल का निर्माण किया जायेगा.
– न्याय सदन का निर्माण कराया जायेगा.
– प्रखंड मुख्यालयों में कृषकों के लिए कृषि सिंगल विंडो की स्थापना की जायेगी़ कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास का निर्माण किया जायेगा.
– पैन अाइआइटी अल्युमिनी रिसर्च फॉर इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से 25 गुरुकुल की स्थापना.
– न्याय सदन का निर्माण कराया जायेगा.
– प्रखंड मुख्यालयों में कृषकों के लिए कृषि सिंगल विंडो की स्थापना की जायेगी़
– पैन अाइआइटी अल्युमिनी रिसर्च फॉर इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से 25 गुरुकुल की स्थापना.
– एमजीएम मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर के परिसर में 500 शैय्यावाले अस्पताल का निर्माण.
खाद्य आपूिर्त व्यवस्था में टेक्नोलॉजी का उपयोग
इस बार बजट में जो बातें आयी है उससे साफ हो रहा है कि खाद्य आपूर्ति व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने काफी कुछ सोच रखा है. व्यवस्था में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके भ्रष्टाचार को रोकने की कोिशश की गयी है. योजना के लाभ से छुट गये लाभुकों को नये सिरे से जोड़ने की भी बात हो रही है. गांवों और पंचायतों में लोगों को कैसे रोजगार मिले, इसे लेकर भी सरकार ने इच्छाशक्ति दिखायी है. अब इनका क्रियान्वयन सुिनश्चित करना होगा.
गांवों, पंचायतों के लिए अब बनेगा श्रम बजट
रांची : राज्य के सभी 32 हजार गांवों और 4402 पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए मनरेगा योजनाअों का चयन कर श्रम बजट बनाने की कार्रवाई चल रही है. ग्रामीण विकास विभाग के तहत सरकार योजना बनाअो कार्यक्रम संचालित हो रही है. इसका मकसद स्थानीय लोगों की जरूरतों के मुताबिक विकास कार्य का चयन करना है.
इसके तहत ग्रामसभा में चर्चा कर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन व आजीविका में वृद्धि के दृष्टिकोण से गांव में ही छोटी-छोटी योजनाअों का चयन हो रहा है. इन योजनाअों में भूमि समतलीकरण, मेढ़बंदी, डोभा, पोखर, तालाब, कुआं और अन्य संरचनाओं का निर्माण शामिल है.
इनकी सहायता से जल संचय तथा बकरी व मुर्गी शेड निर्माण जैसी आजीविका मूलक कार्यों पर बल दिये जा रहे हैं. इसके अलावा राज्य में व्याप्त सुखाड़ की स्थिति तथा इसके प्रभाव से कृषि कार्य पर पड़नेवाले विपरित प्रभाव के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पारिश्रमिक रोजगार (वेज इंप्लॉयमेंट) की मांग में वृद्धि की संभावना के मद्देनजर जल संरक्षण व जल संचयन जैसी योजनाअों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
वित्तीय वर्ष 2016-17 में दो हजार किमी ग्रामीण पथ निर्माण का लक्ष्य है. इन सड़कों के बन जाने से ढाइ सौ से अधिक आबादीवाले लगभग 700 बसावट और 500 से अधिक आबादी वाले लगभग 200 बसावट, मतलब कुल 900 बसावटों को सड़क से जोड़ा जा सकेगा. पीएमजीएसवाई योजना के तहत भी 4500 किमी नयी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है. इनके बन जाने से 2266 बसावट पक्की सड़कों से जुड़ जायेंगी.
खुले में शौच से मुक्त होगा झारखंड
रांची : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के बजट में ज्यादा इजाफा तो नहीं किया गया है. पर सरकार ने यह संकेत जरूर दिया है कि इस साल खुले में शौच से मुक्त मिल जायेगी. कहा गया है कि कम से कम एक जिले को खुले में शौच से मुक्त किया जायेगा. साथ ही 75 प्रखंडों की 700 पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त किया जायेगा.
राज्यभर में 50 फीसदी इलाके को स्वच्छता से पूर्ण किया जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. विभाग द्वारा नमामि गंगे परियोजना के तहत साहिबगंज जिले में बाढ़ प्रभावित पांच गांवों के साथ-साथ कुल 78 गांवों में यूएनडीपी द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम किया जायेगा. वर्तमान में राज्यभर के 22.86 प्रतिशत इलाकों में पाइप जलापूर्ति योजना है. इसे बढ़ाकर 25 से 30 प्रतिशत तक किया जाना है. बचे हुए 19 प्रखंड मुख्यालयों में पाइप जलापूर्ति योजना का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में किया जायेगा. पलामू, खूंटी, चतरा, सिमडेगा, गोड्डा, जामताड़ा, गढ़वा व पाकुड़ जिलों में पाइप जलापूर्ति 10 फीसदी से भी कम है. यहां प्राथमिकता के आधार पर काम करने की प्रतिबद्धता सरकार ने जतायी है.
सभी विधानसभा एवं संसदीय क्षेत्रों में एक पाइप जलापूर्ति योजना ली जायेगी. साथ ही एससी-एसटी आबादी वाले पंचायतों में हर जिले के कम से कम एक पंचायत में पाइप जलापूर्ति योजना आरंभ की जायेगी. आदिम जनजाति के टोलों में सौर ऊर्जा या बिजली चालित पाइप जलापूर्ति योजना आरंभ की जायेगी. आर्सेनिक-फ्लोराइड प्रभावित टोलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के िलए 800 डीफ्लोराइजेशन यूिनट लगाने की योजना सरकार ने स्वीकृत कर ली है.
छह माह में 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का है प्रावधान
रांची : वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में राज्य के उच्च विद्यालय में 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की गयी है़ बजट में मदरसों के आधुनिकीकरण व सुदृढ़ीकरण करने की घोषणा हुई है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के बजट में बजटीय परामर्श के तहत मिले सुझावों को शामिल किया गया है़
हाई स्कूल की आधारभूत संरचना को मजबूत करने, कंप्यूटर शिक्षा व स्मार्ट क्लास शुरू करने की बात बजट में कही गयी है़ स्कूलों में बेंच-डेस्क, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, बिजली की सुविधा व राज्य के जिला स्कूलों के सुदृढ़ीकरण की घोषणा भी हुई है.
सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को एलइडी सोलर स्टडी लैंप नि:शुल्क दिये जायेंगे. स्कूलों में अतिरिक्त पोषण कार्यक्रम के तहत जो बच्चे अंडा नहीं लेते हैं, उन्हें पौष्टिक दूध दिये जायेंगे. प्रथम चरण में इस योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तहत रांची में होगी. वर्ष 2016-17 में सभी विद्यालयों में बेंच-डेस्क समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी. स्कूलों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय एवं अन्य आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की जायेगी. कक्षा नौवीं से 12वीं तक की सभी कोटि की छात्राओं को नि:शुल्क पोषाक, किताब, कॉपी देने की योजना को स्वीकृति दी गयी है. इससे राज्य में बालिका शिक्षा को बढावा मिलेगा. कस्तूरबा बालिका विद्यालय में कक्षा आठ की छात्राओं को टैब दिया गाय है. स्कूलों में व्यायामशाला बनेगी. 57 प्रखंडों में कस्तूरबा विद्यालय की तर्ज पर बालिका आवासीय स्कूल खोलने की योजना है.
कंप्यूटराइज्ड होगी आपूर्ति व्यवस्था, पैसे जायेंगे खाते में
रांची : खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग ने पीडीएस सिस्टम को दुरुस्त करने पर ध्यान दिया है. पूरी तरह से सिस्टम को कंप्यूटरीकृत करने का प्रयास है. अंत्योदय के तहत इस वर्ष छूटे हुए परिवारों को श्वेत राशन कार्ड दिये जायेंगे. इन्हें केरोसिन भी मिलेगा. केरोसिन वितरण में लिकेज रोकने के लिए छह जिलों (चतरा, गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, हजारीबाग व पश्चिमी सिंहभूम) में राशि सीधे लाभुकों के बैंक खातों में जायेगी.
लाभुक परिवार को एक रुपये किलो डबल फोर्टिफाइड आयोडीन युक्त नमक मिलेगा. वहीं मोबाइल किचेन का भी संचालन होगा. पीडीएस दुकानों को डिजिटल वेइंग मशीन दी जायेगी. धान अधिप्राप्ति योजना को भी कंप्यूटरीकृत किया जायेगा. माप-तौल के कार्य कंप्यूटरीकृत होंगे.
खाद्यान्नों के परिवहन के लिए प्रयुक्त वाहनों में जीपीएस ट्रेकिंग की व्यवस्था होगी. आवश्यक उपभोक्ता सामग्री में अनापेक्षित मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए 20 करोड़ रुपये की एक कोष की स्थापना होगी. उपभोक्ता जागरुकता व सुरक्षा के लिए 10 करोड़ के कंज्यूमर वेलफेयर फंड की स्थापना की जायेगी. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित परिवारों को अनुमानित दर पर प्रति परिवार एक किलो चना व चना दाल की व्यवस्था की जायेगी. अंत्योदय अन्न योजना एवं योग्य लाभुक परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने के अलावा आगामी वित्तीय वर्ष में शेष परिवारों को सफेद राशन कार्ड उपलब्ध कराने की योजना है. सफेद राशन कार्ड उपभोक्ताओं को दो लीटर केरोिसन देने की सरकार की योजना है.
राजधानी रांची में लोगों को मिलेगी वाइ-फाइ की सुविधा
रांची : वित्तीय वर्ष 2016-17 के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के बजट में रांची काे वाइ-फाइ सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की गयी है़ बजट में राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों को वीडियो कांफ्रेसिंग से जोड़ा जायेगा़ वित्तीय वर्ष 2016-17 में कार्य एवं लेखा प्रबंधन सूचना प्रणाली (डब्लूएएमआइएस) प्रणाली को ग्रामीण कार्य, जल संसाधन, पेयजल स्वच्छता, पथ निर्माण व वन पर्यावरण विभाग में लागू किया जायेगा़
ई-मुलाकात योजना को वीडियो कांफ्रेसिंग माध्यम से सुदृढ़ किया जायेगा़ सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को ई-ऑफिस बनाने के बाद अन्य विभागों में इस योजना की शुरुआत की जायेगी. बजट में रांची में इनोवेशन सेंटर खोलने की घोषणा की गयी है़
राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विद्यार्थियों के प्रशिक्षण एवं कोचिंग के लिए डिजिटल लाइव स्मार्ट क्लासेस परियोजना के तहत देने की बात बजट में कही गयी है़ बजट में राज्य काे डिजिटल झारखंड बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकतम प्रयोग पर जोर देने की घोषणा की गयी है़ स्टार्टअप वेनचर कैपिटल फंड संपोषित परियोजना के तहत युवाओं को कंपनी स्थापित करने एवं उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सहायता दी जायेगी़ डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत उड़ान नाम से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी़ झारनेट नेटवर्क से सभी जिला मुख्यालय, 37 अनुमंडल और 214 प्रखंडों को जोड़ा गया है. मेन इन इंिडया कार्यक्रम के तहत ईज अॉफ डुइंग बिजनेस के क्षेत्र में झारखंड में आइटी, आइटीइएस इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन को बढ़वा दिया जायेगा.
खुलेगा विशेष शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज
रांची : राज्य सरकार अब 40 वर्ष या अधिक उम्रवाली सभी विधवाअों को प्रति माह 600 रुपये पेंशन देगी. इसके लिए राज्य योजना मद से राज्य विधवा सम्मान पेंशन योजना संचालित करने का प्रस्ताव है. इसी तरह अब राज्य के सभी एचअाइवी पॉजिटिव (एड्स) लोगों को भी हर माह 600 रुपये पेंशन दिये जायेंगे. एचआइवी पॉजिटिव लोगों का संघ इसके लिए प्रयासरत था. बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी आर्थिक सहायता की मांग की जा रही थी. इसके अलावा नि:शक्त (दिव्यांग) कल्याण योजना के तहत रांची में एक विशेष शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय सह विशिष्ट नि:शक्त (दिव्यांग) केंद्र खोलने की योजना है. नि:शक्त बच्चों को दसवीं के बाद आगे पढ़ने में कठिनाई होती है. इसके लिए सरकारी मूक-बधिर व नेत्रहीन विद्यालयों को प्लस-टू स्तर तक उत्क्रमित किया जायेगा.
महिला व बाल विकास प्रक्षेत्र के तहत देवघर में नारी निकेतन तथा ट्रैफिकिंग से मुक्त कराये गये बच्चों के लिए अोपेन शेल्टर बनाने की योजना है. वहीं साहेबगंज व जामताड़ा में वृद्धा अाश्रम बनाया जायेगा. दुमका, बोकारो, हजारीबाग, देवघर, सरायकेला व पलामू में कामकाजी महिलाअों के लिए छात्रावास बनाने की भी योजना है.
किशोर न्याय बोर्ड में बाल बंदियों के उपस्थापन व सुनवाई के लिए सभी किशोर न्या बोर्ड एवं प्रतिप्रेषण गृहों में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराये जाने की योजना है. विभाग के अधीन झारखंड जनजातीय विकास सोसाइटी के माध्यम से 14 टीएसपी जिलों के 138 प्रखंडों, 164 पंचायतों व 1330 गावों में आजीविका योजना चलेंगे.