नये पैटर्न पर यह परीक्षा 2016 से ही लागू होगी. उक्त निर्णय गुरुवार को कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित परीक्षा बोर्ड की बैठक में लिया गया. बैठक में एमसीए सेमेस्टर तीन की पेपर आइटी 32 (अरगोरिदिम) की पुनर्परीक्षा लेने का निर्णय लिया है. बोर्ड ने सिलेबस के अनुरूप परीक्षा नहीं लिये जाने के कारण ही पुनर्परीक्षा लेने का निर्णय लिया है. इस बाबत भुक्तभोगी विद्यार्थी कुलपति से मिले भी थे.
बैठक में सीआइटी के एमटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग सेमेस्टर वन के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका की रिटोटलिंग होगी. पूर्णांक 60 की जगह सौ अंक पर मूल्यांकन कर दिया गया था. बोर्ड ने रघुनाथ पांडेय के उस प्रस्ताव को रद्द कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी डिग्री की सत्यता कराने का आग्रह किया था. इसमें पाया गया कि विवि टीआर के अनुसार रोल नंबर व रजिस्ट्रेशन नंबर सही है, लेकिन परीक्षार्थी का नाम अलग है.
इतना ही नहीं प्राप्तांक भी गलत है़ डिग्री के पीछे परीक्षा नियंत्रक के हस्ताक्षर की जगह मुहर लगा हुआ है. बोर्ड ने उक्त डिग्री को फरजी मानने से इनकार नहीं किया है. इसके अलावा अनिता मिश्रा, सुषमा कुमारी, श्वेता कुमारी मिश्रा, निवेदिता वर्मा, आबिदा हसन, सुषमा उरांव, वीरेंद्र कुमार चौधरी, जितेंद्र कुमार प्रधान, मीनाक्षी पांड्या, मुजफ्फर हुसैन, अौरंगजेब खान, समिता गुप्ता, कुमारी ममता, अमित पटनायक, आलोक कुमार सिंह, मीनू कुमारी, सुब्रता चटर्जी व राघवेंद्र ठाकुर के पीएचडी रिजल्ट प्रकाशन करने की स्वीकृति दी गयी. वहीं सोनी कुमारी व पूर्णिमा लकड़ा के पीएचडी के रिजल्ट प्रकाशन को सशर्त स्वीकृति दी गयी. इसके अलावा एम मास कम्यूनिकेशन सेमेस्टर टू पेपर एमजे 206 (2014-16) परीक्षा (2014-15) की उत्तर पुस्तिका की पुनर्मूल्यांकन के बाद रिजल्ट निकालने की स्वीकृति दी गयी. बैठक में प्रतिकुलपति सहित सभी सदस्य उपस्थित थे.