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वेद प्रकाश भाटिया नहीं रहे, अंतिम संस्कार आज

रांची : पंजाब स्वीट्स समेत कई नामी प्रतिष्ठानों के संस्थापक वेद प्रकाश भाटिया का निधन शनिवार को हुआ. उन्होंने अंतिम सांस मेडिका अस्पताल में शाम 5.45 बजे ली. वे लगभग 80 साल के थे. पिछले 20 दिनों से काफी बीमार चल रहे थे. सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में उन्हें भरती कराया […]

रांची : पंजाब स्वीट्स समेत कई नामी प्रतिष्ठानों के संस्थापक वेद प्रकाश भाटिया का निधन शनिवार को हुआ. उन्होंने अंतिम सांस मेडिका अस्पताल में शाम 5.45 बजे ली. वे लगभग 80 साल के थे. पिछले 20 दिनों से काफी बीमार चल रहे थे. सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में उन्हें भरती कराया गया था. शनिवार को उनकी तबीयत काफी बिगड़ गयी.
बताया जाता है कि छाती में इंफेक्शन अधिक बढ़ने, किडनी फेल होने से उनकी मृत्यु हो गयी. अपने पीछे वे अपने तीन पुत्र अश्विनी भाटिया, आशीष भाटिया व संदीप भाटिया के साथ भतीजा संजय भाटिया व आशु भाटिया व भाई केजी भाटिया व विजय भाटिया को छोड़ गये हैं.
उन्होंने पंजाब स्वीट्स, कावेरी रेस्टूरेंट, कैपिटल हिल, कैपिटल रेसीडेंसी, काव्स, नॉवेल्टी स्वीट्स, मानसरोवर सहित कई प्रतिष्ठानों की स्थापना की थी. रविवार को उनका अंतिम संस्कार हरमू स्थित मुक्तिधाम में किया जायेगा. शव यात्रा निवास स्थान निर्मल विला, फ्लावर्स लेन, पीपी कंपाउंड से हरमू मुक्तिधाम के लिए सुबह 11 बजे निकलेगी.
सामाजिक कार्य में भी थी रुचि : वे पंजाबी-हिंदू बिरादरी से भी जुड़े हुए थे. कई लोगों को रोजगार दिया. बड़े ही साइलेंट रह कर कई लड़कियाें की शादी भी करायी. वे बस काम में विश्वास रखते थे.
कामयाबी की मिसाल थे भाटिया जी
पंजाब स्वीट्स के मालिक वेद प्रकाश भाटिया के निधन से रांची के व्यवसायी मर्माहत हैं. व्यवसायियों का कहना है कि वे किसी भी काम को बड़े आसानी से पूरा करते थे. उनसे आज के लोगों को प्रेरणा लेने की जरूरत है.
– मेन रोड व्यवसायी समिति के अध्यक्ष सुरेश मल्होत्रा ने कहा कि अपनी मेहनत, इच्छाशक्ति व लगन से उन्हाेंने रांची में बड़ा साम्राज्य खड़ा किया. रांची शहर में उनकी मिसाल मिलना मुश्किल है. यूं कहें कि कामयाबी की मिसाल थे. समिति उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है.
– फिरायालाल के गणेश मुंजाल ने कहा कि वे काफी मृदुभाषी थे. सौम्य व्यवहार था. उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है.
नॉवेल्टी के प्रोपराइटर दीपक किंगर ने कहा कि रांची शहर के वे एक स्तंभ थे. उनकी जितनी भी तारीफ की जाये, वह कम है़ वे काम के धुनी थे.
– जीइएल चर्च कांप्लेक्स के अध्यक्ष रोशन लाल भाटिया ने कहा कि वे काम में विश्वास रखते थे. मेहनत से उन्होंने साबित किया कि कोई भी काम कठिन नहीं है. हमने एक बेहतर व्यक्ति खो दिया है.
चाय, पकौड़ी की दुकान से हुई थी शुरुआत
वेद प्रकाश भाटिया 1948 में पेशावर से रांची आये थे. शुरुआत में वे चर्च रोड में रहा करते थे. इसके बाद वे हिंदपीढ़ी में रहने लगे. आम के पेड़ के पास, जहां अभी पंजाब स्वीट्स है. उन्होंने पंजाब स्वीट्स के नाम से दुकान खोली. शुरुआत में वहां पर चाय, पकौड़ी व बर्रा की बिक्री होती थी.
स्वाद बढ़िया होने के कारण लोग बड़े चाव से वहां आकर चाय, पकौड़ी खाते थे. गोस्सनर स्कूल व बगल में सैनिक थियेटर होने के कारण बिक्री ने काफी जोर पकड़ा. इसके बाद उन्होंने दूसरी दुकान हैव मोर के नाम से खोली, जो अभी काठी कवाब के नाम से चल रहा है. धीरे-धीरे व्यवसाय काफी बढ़ता गया. इसके बाद उन्होंने डेली मार्केट के पास पैराडाइज होटल खोला, जहां पर खाने का सामान मिलता था.
व्यवसाय में उनकी रुचि बढ़ती गयी. इसके बाद चर्च कॉम्पलेक्स में कावेरी रेस्टूरेंट खोला, यह भी लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हुआ. दूर-दूर से लोग खाने के लिए यहां आने लगे. उन्होंने कैपिटल हिल, कैपिटल रेसीडेंसी, हरमू रोड स्थित काव्स बैंक्वेट हॉल खोला.

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