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विनय महतो हत्याकांड : दरवाजे पर लगे खून के धब्बे से मिला सुराग

परदाफाश़. राज खुलने लगा, तो पिता के कहने पर शिक्षिका के बेटे ने बतायी विनय हत्याकांड की कहानी फ्लैट से मिला खून लगा वाइपर, परदा व दीवार पर खून के धब्बे रांची : विनय महतो हत्याकांड में पुलिस पूरी तरह अंधेरे में थी. पांच व छह फरवरी को पुलिस के हाथ कोई साक्ष्य नहीं लगा […]

परदाफाश़. राज खुलने लगा, तो पिता के कहने पर शिक्षिका के बेटे ने बतायी विनय हत्याकांड की कहानी
फ्लैट से मिला खून लगा वाइपर, परदा व दीवार पर खून के धब्बे
रांची : विनय महतो हत्याकांड में पुलिस पूरी तरह अंधेरे में थी. पांच व छह फरवरी को पुलिस के हाथ कोई साक्ष्य नहीं लगा था. पुलिस तब तक हत्या के लिए आर्ट टीचर दुर्वानंद को ही जिम्मेदार मान रही थी. इसकी एक बड़ी वजह यह थी कि उसने ही सबसे पहले जख्मी विनय को देखा था.
दूसरी बड़ी वजह दुर्वानंद के फ्लैट से संदिग्ध सामानों का मिलना था. हालांकि दुर्वानंद के पास पुलिस के हर सवाल का तार्किक जवाब था. सात फरवरी को टीचर्स फ्लैट्स की जांच के दौरान पुलिस को महिला टीचर के फ्लैट के दरवाजे पर एक खून का धब्बा मिला. दरवाजे पर यह खून तब लगा था, जब विनय की हत्या करने के बाद महिला टीचर और उसके बेटे विनय को मरा समझ कर कोरिडोर से नीचे फेंकने के लिए रेलिंग तक लेकर आये थे. हालांकि महिला टीचर के परिवार के लोगों ने सावधानी बरतते हुए उन स्थानों को साफ कर दिया था, जहां पर खून के धब्बे थे. लेकिन दरवाजे पर खून का एक धब्बा लगा रह गया था, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा था. आठ फरवरी को ही पुलिस का डॉग एक दूसरी महिला टीचर के फ्लैट में चला जा रहा था. इसी दौरान एक पुलिस पदाधिकारी को नाजिया के फ्लैट के दरवाजे पर लगा खून का धब्बा दिख गया था.
नौ फरवरी को पुलिस ने नाजिया के घर के भीतर की तलाशी ली. जिसके बाद कई साक्ष्य मिले. पुलिस को महिला टीचर के फ्लैट से वाइपर, खून लगा परदा, दीवार पर लगे खून के कुछ धब्बे मिल गये, लेकिन नाजिया और उसके परिवार के लोग पुलिस से लगातार यह बोलते रहें कि विनय की हत्या से उनका कुछ लेना-देना नहीं है. इसी दौरान पुलिस को यह पता चला कि महिला टीचर की बेटी और विनय के बीच कुछ था. इसकी चर्चा स्कूल में भी थी. इसके बाद पुलिस ने नाजिया के परिवार के सभी सदस्यों से अलग-अलग पूछताछ शुरू की. पूछताछ के दौरान महिला टीचर के पति (एक प्रतिष्ठित स्कूल के गणित के शिक्षक) को यह समझ में आ गया कि अब राज खुल चुका है और झूठ बोलने से कुछ फायदा नहीं है. इसके बाद उसने पुलिस अधिकारियों से कहा वह उसके बेटे को सामने लाये. सामने लाने पर पिता ने कहा कि बेटा पुलिस को सब पता चल गया है, इसलिए जो हुआ, वह बता दो. इसके बाद लड़के ने सब कुछ पुलिस के सामने बता दिया.
लड़के ने बताया कि कैसे विनय को बुलाने के लिए उसने दिन में ही उसे सोया-चिली खिलाने का निमंत्रण दिया. वह निश्चित रूप से आये, इसलिए यह भी बता दिया कि वहां पर उसके साथ उसकी बहन भी रहती है. वह जानता था कि विनय उसकी बहन को पसंद करता है. इसलिए रात में उससे भेंट होने की बात कहने पर वह जरूर आयेगा. हुआ भी ऐसा ही. वह रात में सबसे छुपते हुए महिला टीचर के फ्लैट पर पहुंचा. उस वक्त वह उसी का इंतजार कर रहा था. विनय के आने के बाद उसे डाइनिंग स्पेश में ले गया. वहां पर पहले उसे धमकाया, लेकिन जब विनय ने यह कहा कि वह उसकी बहन को पसंद करता है, तब उसने उसकी पिटाई शुरू कर दी. जब विनय ने भागने की कोशिश की, तो उसकी गरदन पकड़ कर उसके सिर को दीवार पर मारा. इसके बाद विनय लहूलुहान होकर फर्श पर गिर पड़ा. फिर उसने अपनी मां व बहन के साथ मिल कर उसे नीचे फेंक दिया. पूरी घटना को अंजाम देने के बाद उसने अपनी मां व बहन के साथ मिल कर खून को साफ किया.
गार्ड और शिक्षक को चकमा देकर टीचर्स फ्लैट तक पहुंचा था विनय
रांची : छात्र विनय महतो सफायर स्कूल के ब्वाॅयज हॉस्टल में रहता था. छात्रों के लिए हॉस्टल की दो बिल्डिंग है. एक ब्वॉयज व दूसरा गर्ल्स हॉस्टल. दोनों हॉस्टल के मेन गेट पर एक-एक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. दोनों के बीच करीब 100 मीटर की दूरी है. हॉस्टल से निकल कर स्कूल, मेस या टीचर्स क्वार्टर जाने का एक ही रास्ता है. प्राचार्य आवास के तुरंत बाद बैरियर लगा है.
जहां पर 24 घंटे गार्ड रहता है. लेकिन कोई चाहे तो गार्ड को चकमा देने के लिए फील्ड, प्राचार्य का आवास या अन्य भवनों के बगल से होते हुए टीचर्स फ्लैट्स तक पहुंच सकता है. विनय ने भी यही किया. रात के करीब 1.00 बजे विनय अपने हॉस्टल से निकला. चलने की आवाज नहीं हो, इसलिए उसने चप्पल या जूता नहीं पहना. यह सीसीटीवी में दिखता है.
इसके बाद वह प्राचार्य आवास के निकट पहुंचा, तो देखा कि सामने से आर्ट टीचर दुर्वानंद समेत अन्य लोग आ रहे हैं. यह देख कर वह दौड़ कर प्राचार्य आवास के सामने से होते हुए टीचर्स हॉस्टल के फ्लैट तक पहुंच गया.
बैरियर पर तैनात गार्ड और नजदीक में ही दूसरे शिक्षकों से बात कर रहे आर्ट टीचर दुर्वानंद को इसकी भनक नहीं लगी. प्राचार्य आवास के पास लगे सीसीटीवी फुटेज में विनय दौड़ता हुआ दिखा है. टीचर्स फ्लैट्स पहुंचने के बाद विनय ने पहले गेट खोला. इसके बाद महिला शिक्षिका के फ्लैट में गया. कुछ देर बाद मारपीट कर उसे पहले तल्ले से फेंक दिया गया.
इसके बाद कोरिडोर में लगे खून को वाइपर से साफ किया गया. टीचर्स फ्लैट्स में लगे एंड्रायड फोन की रिकॉर्डिंग के सुनने से भी पुलिस को यही पता चला है कि पहले ग्रील के खुलने की आवाज हुई. फिर कुछ देर बाद धप्प की आवाज हुई, जो विनय का शरीर जमीन पर गिरने की वजह से हुई थी. इसके बाद वाइपर की आवाज सुनायी देती है. इस वाइपर से महिला टीचर व उसके बेटे द्वारा कोरिडोर में लगे खून को साफ किया जा रहा था.
तथ्य
– ब्वाॅयज हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज में विनय वहां से निकलता दिखता है.
– प्राचार्य के घर के पास लगे सीसीटीवी में दौड़ता दिखता है.
– टीचर्स फ्लैट्स में हुए आवाज की रिकॉर्डिंग में पहले ग्रील खुलने, फिर धप्प की आवाज और अंत में वाइपर की आवाज सुनायी देती है.
सिर्फ 20-25 मिनट के अंदर हुई विनय की हत्या
पुलिस की जांच में यह बात साफ होता है कि विनय की हत्या करने और शव को पहले तल्ले से फेंकने में महिला टीचर व उसके बेटे को करीब 20-25 मिनट लगे थे. रात 1.00 बजे के सीसीटीवी फुटेज में विनय हॉस्टल से निकलता दिख रहा है और रात के करीब 1.38 बजे टीचर्स फ्लैट पहुंचे थे, तब उन्होंने विनय को खून से लथपथ देखा था. जांच से जुड़े अधिकारी के मुताबिक विनय को अपने हॉस्टल से टीचर्स फ्लैट तक पहुंचने में करीब आठ से 10 मिनट लगा होगा.
क्योंकि दोनों की दूरी करीब 600 मीटर है. मतलब वह रात के करीब 01.10 बजे टीचर्स हॉस्टल पहुंच गया था. 1.38 बजे आर्ट टीचर अपने फ्लैट पर पहुंचे थे. करीब 1.00 बजे वह प्राचार्य आवास के पास अन्य लोगों से बात कर रहे थे. बात समाप्त करने के बाद फ्लैट्स तक पहुंचने में उन्हें भी करीब आठ से 10 मिनट लगा होगा. इस तरह पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि हत्या करने और शव को फेंकने के बीच महिला शिक्षक और उसके बेटे को करीब 20-25 मिनट का समय लगा था.
शिक्षिका के बेटे के घूंसे से विनय का लीवर फटा, नीचे फेंकने पर आयीं चोटें
महिला टीचर नाजिया के बेटे ने विनय महतो के पेट में कई पंच (घूसा) मारा था. इस कारण उसका लीवर फट गया था. गरदन पकड़ कर सिर को दीवार पर भी कई बार पटका गया था. इस कारण उसके सिर में चोटें आयीं. साथ ही उसके दो दांत भी टूट गये. एक दांत को पुलिस ने बरामद भी किया है. फ्लैट के भीतर विनय अधमरा होकर फर्श पर गिर गया था.
इसके बाद उसे पहले तल्ले से नीचे फेंक दिया गया. यही कारण था कि पोस्टमार्ट में उसके शरीर केसिर्फ दाहिने हिस्से में चोटें आयी थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद छह फरवरी को ही पुलिस इन नतीजे पर पहुंच गयी थी कि विनय की हत्या की गयी है, लेकिन जिस जगह पर उसका शव पड़ा मिला, वहां उसे जख्मी नहीं किया गया था.
क्योंकि घटनास्थल पर उतना खून नहीं पसरा मिला था, जितनी हत्या करने पर अक्सर घटनास्थल पर मिलता है. पुलिस इस नतीजे पर भी पहुंची थी कि उसे ज्यादा ऊंचाई से नहीं फेंका गया है. अगर उसे 20 या 25 फीट की ऊंचाई से नीचे फेंका जाता, तो उसके शरीर की कई हड्डियां टूट गयी होती. इन वजहों से पुलिस इस नतीजे तक पहुंची थी कि विनय को अधिकतम 10-15 फीट ऊपर से फेंका गया है. यहां उल्लेखनीय है कि फ्लैट्स की ऊंचाई लगभग 10 से 12 फीट होती है.
मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ में टूटा परिवार
विनय महतो की हत्या का राज खोलने में रांची पुलिस, सीआइडी और एफएसएल की टीम ने लगातार पांच दिनों तक मेहनत की. इसके बाद नौ फरवरी की देर रात महिला शिक्षिका व उसके परिवार वाले टूट गये. पुलिस ने यह कदम तब उठाया, जब सात फरवरी को पुलिस ने महिला शिक्षिका के घर से जो ब्लड का सैंपल एकत्र किया था, उसकी रिपोर्ट पुलिस को मिल गयी.
यह रिपोर्ट आने में करीब 48 घंटे का वक्त लगता है. रिपोर्ट आने के बाद यह तथ्य स्पष्ट हो गया कि जो खून का नमूना महिला शिक्षिका के घर के परदे, दीवार व अन्य जगहों से लिया गया था, वह विनय महतो का ही था. इसके बाद पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया.
फिर एक साथ सभी से पूछताछ की जाने लगी. लेकिन सभी हत्या की बात से इनकार करते रहे. जब पुलिस ने सभी को अलग-अलग करके मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करनी शुरू की और साक्ष्य दिखाया जाने लगा, तब सबसे पहले आरिफ गुमसुम हो गया. उधर, उसकी पत्नी महिला शिक्षिका भी समझ चुकी थी कि अब बचना मुश्किल है.
तब दोनों के बेटे को बुलाया गया. आरिफ के कहने पर उसने पूरी कहानी पुलिस को बता दी. इस मामले को सुलझाने में रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, सिटी एसपी किशोर कौशल, हटिया एएसपी प्रशांत आनंद, सीआइडी के डीएसपी केके रॉय, धुर्वा थाना के इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र सिंह, तुपुदाना थाना के इंस्पेक्टर, सीआइडी के इंस्पेक्टर अनिमेष गुप्ता, फोटोग्राफर चतुर्वेदी, एफएसएल के हृदयेश कुमार सिंह आदि ने कठिन मेहनत की.
विनय के घर नहीं पहुंची एनसीपीसीआर की टीम
रांची : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की तरफ से गठित टीम बुधवार को सफायर इंटरनेशनल स्कूल के छात्र विनय महतो के घर जांच के लिए नहीं पहुंच पायी. रांची और खूंटी बंद बुलाये जाने की वजह से आयोग की टीम विनय के घर नहीं जा सकी़ टीम को विनय के परिजनों से बातचीत कर राष्ट्रीय आयोग को अपनी रिपोर्ट भेजनी थी. इसकी एक प्रति राज्य के मुख्य सचिव राजीव गौवा को भी दी जानी थी. अब टीम के सदस्य गुरुवार को विनय के घर जायेंगे.
वहां विनय के पिता मनबहाल महतो और उनके बेटों से इस मामले में बातचीत की जायेगी़ इस संबंध में टीम की ओर से राष्ट्रीय आयोग को पत्र भी भेजा गया है. आयोग के सदस्य यशवंत जैन और प्रियांक ने अपने रांची दौरे के क्रम में झारखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ मनोज कुमार और पूर्व सदस्य संजय मिश्रा को जांच कर बुधवार की दोपहर 12 बजे तक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था.

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