रांची: झारखंड सरकार ने केंद्र से कहा कि नदियों को जोड़ने की अंतरराज्यीय योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर होनेवाला खर्च राज्य सरकार वहन नहीं करेगी. डीपीआर पर होनेवाले खर्च पर केंद्र सरकार को पुनर्विचार करना चाहिये. उक्त बातें राज्य के जल संसाधन, पेयजल तथा स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कही़ श्री चौधरी सोमवार को दिल्ली में नदियों को जोड़ने की योजना को लेकर हुई विशेष समिति की बैठक में बोल रहे थे़ बैठक में केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती मुख्य रूप से मौजूद थीं.
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि अंतरराज्यीय नदी जोड़ने की योजना बनाने पर खर्च करना झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के हित में नहीं है. उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राशि की उपलब्धता को लेकर स्पष्ट नीति बनाने का आग्रह किया. इस तरह की योजनाओं को राष्ट्रीय योजनाओं का दर्जा दिया जाना चाहिए. साथ ही केंद्र सरकार को योजना पर होने वाले खर्च का 90 प्रतिशत वहन करना चाहिए.
उन्होंने दक्षिण कोयल-स्वर्णरेखा व भांख-दक्षिण कोयल लिंक योजना का डीपीआर तैयार करने के पहले रूड़की स्थित एनआइएच से चार माह में योजनाओं का जलीय अध्ययन करने के फैसले पर खुशी जतायी़ मालूम हो कि दक्षिण कोयल नदी को स्वर्णरेखा नदी से, भांख नदी को दक्षिण कोयल नदी से तथा दामोदर व बराकर नदी को स्वर्णरेखा नदी से जोड़ने की योजना बनायी गयी है. नदियों को आपस में जोड़ने से 3050 क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध होगा. लगभग 50 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी. इसके अलावा 653 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी हो सकेगा. बैठक में देश के कई राज्यों के जल संसाधन मंत्री, अधिकारी व विशेषज्ञ शामिल हुए.