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झाविमो कार्यसमिति की बैठक: बाबूलाल मरांडी ने कहा, झामुमो ने कर लिया है सत्ता के साथ समझौता

रांची : झाविमो कार्यसमिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झामुमो पर निशाना साधा़ श्री मरांडी ने कहा कि झामुमो जल, जमीन, जंगल और स्थानीयता पर बात करती रही है, लेकिन झामुमो अब खामोश है़. झामुमो की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है़ं झामुमो सत्ता के साथ समझौता कर चुकी है़ सत्ता […]

रांची : झाविमो कार्यसमिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झामुमो पर निशाना साधा़ श्री मरांडी ने कहा कि झामुमो जल, जमीन, जंगल और स्थानीयता पर बात करती रही है, लेकिन झामुमो अब खामोश है़. झामुमो की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है़ं झामुमो सत्ता के साथ समझौता कर चुकी है़ सत्ता के साथ इसका पैक्ट हो गया है़. मुख्यमंत्री रघुवर दास शिबू सोरेन से मिलने दिल्ली जाते हैं, तो शिबू उनकी पीठ थपथपाते है़ं .मुख्यमंत्री भी शिबू सोरेन के आवास के लिए पत्र लिखते है़ं झामुमो अपने मुद्दे से भटक गया है़ सदन में भी चुप रहती है़ राज्य में आज झाविमो विपक्ष की भूमिका में है़.
विधानसभा सभागार में आयोजित बैठक में श्री मरांडी ने कहा कि हम जनमुद्दों पर संघर्ष कर रहे है़ं संघर्ष के कारण ही झाविमो आज दूसरे दलों के टारगेट पर है़ झाविमो के छह विधायक तोड़ कर पार्टी को समाप्त करने की कोशिश की गयी़ पैसे और पद का प्रलोभन देकर विधायक तोड़े गये, लेकिन झाविमो के साथ जनता खड़ी है. श्री मरांडी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है़ . लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली और बिहार चुनाव में सबने भाजपा का हश्र देखा है़ जुमलेबाजी अधिक दिन नहीं चलती है़ श्री मरांडी ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि वर्ष 2016 संघर्ष का वर्ष होगा़
उधर कार्यसमिति की बैठक में विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, डॉ सबा अहमद, विधायक प्रकाश राम, पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन, सुनील साहू, रामचंद्र केशरी, प्रणव वर्मा, केके पोद्दार, खालीद खलील, रमेश राही, संतोष कुमार सहित कार्यसमिति सदस्य और जिलाध्यक्ष शामिल हुए़
स्थानीयता के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे
झाविमो कार्यसमिति आंदोलन के एजेंडे तय कर रही है़ पार्टी खाद्य सुरक्षा गारंटी के तहत मिलने वाले राशन में अनियमितता को मुद्दा बनायेगी़ गरीबों को राशन और केरोसिन तेल मिलने में हो रही परेशानी काे लेकर आंदोलन करेगी़ इसके साथ कार्यसमिति ने स्थानीयता के सवाल को पूरी मजबूती के साथ उठाने का फैसला किया है़ इस मुद्दे को लेकर राज्य स्तरीय आंदोलन किया जायेगा़ अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले, विधि-व्यवस्था के सवाल को लेकर भी जनता के बीच जायेंगे़ झाविमो पलायन और विस्थापन को भी मुद्दा बनायेगा.
जनमुद्दों से कभी समझौता नहीं किया : प्रदीप
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि झाविमो ने जनमुद्दों से कभी समझौता नहीं किया है़ इंतेजार अली का मामला हो या फिर स्थानीयता का मुद्दा, पार्टी ने संघर्ष किया़ दूसरे दलों की इसमें भूमिका नहीं दिख रही है़ विधानसभा चुनाव के बाद झाविमो के विधायकों को पद और पैसा का प्रलोभन दे कर तोड़ा गया़ यह केवल झाविमो का मामला नहीं था़ खरीद-फरोख्त की राजनीति का किसी दूसरे दलों ने विरोध नहीं किया़ यह मसला कांग्रेस और झामुमो का भी था़.
बैठक में पहुंचे इंतेजार अली : आतंकी के कथित आरोप में किता स्टेशन से पकड़े गये इंतेजार अली बैठक के दौरान विधानसभा सभागार पहुंचे़ इंतेजार अली ने झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी और विधायक दल के नेता प्रदीप यादव से मुलाकात की़.
पंचायत चुनाव में हुई प्रत्याशियों की खरीद-फरोख्त
झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में पैसे का प्रभाव दिखाया़ खरीद-फरोख्त की राजनीति को भाजपा ने बढ़ाने का काम किया है़ यह लोकतंत्र के लिए घातक है़ पंचायत और जिला परिषद के चुनाव में ऐसा लगा कि यह चुनाव नहीं हाट-बाजार में खरीद-बिक्री हो रही है़ प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में बोली लगी़ श्री मरांडी ने कहा कि पंचायत चुनाव भी दलीय आधार पर होना चाहिए़ जिस तरह का खेल जिला परिषद के चुनाव में हुआ है, वह सही नहीं है. यहां पर पद बेचे गये हैं. इसमें कई बड़े दलों की भूमिका रही है.
बाबूलाल का आरोप बेबुनियाद : झामुमो
रांची . झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा झामुमो को भाजपा का सहयोगी बताये जाने पर झामुमो ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि बाबूलाल मरांडी का आरोप बेबुनियाद और आधारहीन है. बाबूलाल सुलझे हुए नेता हैं और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं. उनके मुंह से ऐसा कहना शोभा नहीं देता. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उनकी पार्टी के महासचिव प्रदीप यादव द्वारा अनुपूरक बजट के दौरान कटौती प्रस्ताव लाया गया था. सरयू राय के आश्वासन के बाद उन्होंने कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया. विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि प्रस्ताव वापस लिया गया. अब बाबूलाल बतायें कि भाजपा का सहयोगी कौन है. वह आरोप लगा रहे हैं, जबकि उनकी पार्टी के अधिकतर विधायक भाजपा को मजबूत करने के लिए भाजपा में शामिल हो गये. अब जनता तय करेगी की भाजपा की बी टीम झामुमो है या झाविमो. श्री पांडेय ने कहा कि झामुमो विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है. झामुमो सड़क से लेकर सदन तक भाजपा और सरकार के गलत कार्यों को विरोध करता आया है और अागे भी करते रहेगा.

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