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जेठा से एनोस के संपर्क की पुलिस ने नहीं की जांच

रांची: पीएलएफआइ के जोनल कमांडर जेठा ने गिरफ्तारी के बाद पूर्व मंत्री एनोस एक्का से संपर्क व विद्या विहार स्कूल के बारे में पुलिस को अहम जानकारी दी थी. जेठा को तुपुदाना इलाके से चार अगस्त 2014 को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस को बताया था कि गत लोकसभा चुनाव में […]

रांची: पीएलएफआइ के जोनल कमांडर जेठा ने गिरफ्तारी के बाद पूर्व मंत्री एनोस एक्का से संपर्क व विद्या विहार स्कूल के बारे में पुलिस को अहम जानकारी दी थी. जेठा को तुपुदाना इलाके से चार अगस्त 2014 को गिरफ्तार किया गया था.
गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस को बताया था कि गत लोकसभा चुनाव में विभिन्न पार्टियों ने पीएलएफआइ संगठन से सहयोग लिया था. संगठन ने टोकरी छाप के समर्थन में भी काम किया था. इसे लेकर पीएलएफआइ उग्रवादियों को राशि भी मिली थी. टोकरी छाप चुनाव चिह्न एनोस एक्का का था. जेठा ने यह भी बताया था कि संगठन की ओर से विद्या विहार स्कूल का संचालन हो रहा है.

स्कूलों का संचालन रनिया, कर्रा, बकसपुर व निधिया में हो रहा है. वहीं तपकरा में जिस स्कूल का निर्माण हुआ है, उसमें भी पीएलएफआइ का सहयोग है. हालांकि पुलिस ने इस दोनों बिंदुओं पर जांच नहीं की. उल्लेखनीय है 18 जुलाई, 2014 को इटकी के सौका जंगल में पीएलएफआइ और पुलिस में मुठभेड़ की घटना घटी थी. इसके बाद पुलिस ने जंगल में सर्च अभियान चलाया था. इस दौरान उग्रवादियों द्वारा छोड़े गये हथियार के साथ कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए थे. दस्तावेज में विद्या विहार स्कूल से संबंधित रसीद भी थे.
उग्रवादी साबित करने तक ही सीिमत रही पुलिस की जांच
पुलिस की जांच गिरफ्तार जेठा कच्छप व उसके सहयोगियों को सिर्फ उग्रवादी साबित करने तक सीमित रह गयी. पुलिस ने जेठा के साथ राजेश गोप, शमशाद उर्फ मौलवी, विमल, लारेंस, दिनेश, विजय , बैलून सिंह, बबलू मुंडा और राजकमल गोप पर भी उग्रवादी होने और तुपुदाना में जेठा कच्छप के साथ होने का आरोप सही पाया. पुलिस ने रिपोर्ट में लिखा कि जेठा कच्छप पीएलएफआइ में जोनल कमांडर था. दिनेश गोप के लिए वह सर्वाधिक प्रभावकारी था. उसके खिलाफ पहले से 52 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं. वह रांची बेड़ो, लापुंग, इटकी, नगड़ी, धुर्वा, तुपुदाना एवं जगन्नाथपुर के अलावा खूंटी के कर्रा, तोरपा, खूंटी व मुरहू और लोहरदगा में सक्रिय था.

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