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कस्टमर से आगे की सोचें

सीसीएल व एनआइपीएम की कार्यशाला रांची : नेशनल अल्युमिनी लिमिटेड कंपनी (नाल्को) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक टीके चांद ने कहा कि बाजार में टिके रहने के लिए कस्टमर से आगे सोचना होगा. जिस तरह अपने घर की शादी के आयोजन को सफल बनाने में घर का एक-एक सदस्य लग जाता है, उसी तरह कंपनी […]

सीसीएल व एनआइपीएम की कार्यशाला
रांची : नेशनल अल्युमिनी लिमिटेड कंपनी (नाल्को) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक टीके चांद ने कहा कि बाजार में टिके रहने के लिए कस्टमर से आगे सोचना होगा. जिस तरह अपने घर की शादी के आयोजन को सफल बनाने में घर का एक-एक सदस्य लग जाता है, उसी तरह कंपनी के लक्ष्य को पूरा करने में एक-एक सदस्य को लगना चाहिए. किसी भी कंपनी का उद्देश्य केवल कस्मटर नहीं होता है.
कस्टमर के माध्यम से समाज के नीचे तबके तक पहुंचना भी होता है. श्री चांद शनिवार को सीसीएल के जवाहर नगर सभागार में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट (एनआइपीएम) के क्षेत्रीय कार्यशाला में बोल रहे थे.
इसका विषय पारंपरिक पर्सनल मैनेजमेंट से कस्टमर आधारित मानव संसाधन था. इसका आयोजन सीसीएल के सहयोग से किया गया. श्री चांद ने कहा कि एक मानव संसाधन देखने वाले अधिकारी का काम कंपनी के विश्वास को बनाये रखना है. इसके लिए एक लक्ष्य तय कर काम करना चाहिए.
10 हजार से अधिक सदस्य : एनआइपीएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमेश दासगुप्ता ने कहा कि संस्था का विकास हो रहा है. आज 51 चैप्टर में 10 हजार सदस्य हैं. संस्था एचआर के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए काम कर रही है. कई विदेशी संस्थाओं के साथ भी मिलकर काम हो रहा है.
उन्होंने आग्रह किया कि आनेवाले एक-दो साल में रांची में राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन करें. इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए सीसीएल के निदेशक कार्मिक आरएस महापात्र ने बताया कि रांची चैप्टर ने 113 नये लाइफ सदस्य बनाये हैं. 15 स्टूडेंट सदस्य भी बनाये गये हैं. इस मौके पर संस्था का ई-मैगजीन भी लांच किया गया. संस्था के पूर्व अध्यक्ष यूके चौबे ने भी विचार रखे.
एचआर का काम हमेशा इनोवेशन को बढ़ाना
एक्सएलआरआइ, जमशेदपुर के वरीय फैकल्टी डॉ गौरव वल्लभ ने कहा कि आज मानव संसाधन (एचआर) का काम बहुत बदल गया है. अब एचआर का काम केवल कर्मियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग और आकड़ा रखना नहीं है.
एचआर का काम प्रोडक्ट को बाजार में बेचने के लिए इनोवेशन को बढ़ावा देना भी है. डॉ वल्लभ ने बताया कि दुनिया के सबसे पुराने बल्ब का कांच बनाने वाली कंपनी का शेयर 10 साल पहले एक डॉलर पर आ गया था. कंपनी डूबने लगी थी. उस समय एचआर हेड में बदलाव किया गया. एचआर हेड ने सबसे पहले कंपनी के रिसर्च और अनुसंधान विंग के पास जाकर दो साल का समय दिया, कहा कुछ नया खोजें.
पुराने प्रोडक्ट की मार्केटिंग बंद कर दें. अनुसंधान विंग में कई नयी बहालियां भी की गयी. अाज स्थिति है कि कंपनी का शेयर 36 डॉलर के अासपास हो गया है. कंपनी ने एलइडी, सीफएएल आदि बल्बों के लिए कांच की खोज की. इस कारण एचआर को हमेशा कस्टमर के हितों का ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए.

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