भूमि का मुआवजा देने में कमीशनखोरी
भू अर्जन कार्यालय के सहायक के यहां से मिले 4.5 लाख नकद, 250 ग्राम सोना, डेढ़ किलो चांदी व पांच पासबुक
विकास, कोडरमा
जिला भू-अर्जन कार्यालय में एसीबी की छापामारी के दौरान यह भी पता चला कि रेलवे के लिए अधिग्रहित की गयी जमीन के बदले दिये जाने वाले मुआवजा की राशि में कमीश्न का धंधा चरम पर था. मुआवजे की राशि में से दस फीसदी कमीशन के रूप में लाभुकों के खाते से सीधे निकाल लिये जाते थे.
एसीबी टीम के डीएसपी प्राण रंजन, सुरेंद्र सलकर गुरुवार की देर रात तक इससे संबंधित जांच करते रहे़ टीम भू-अर्जन कार्यालय के सहायक सह नाजिर नवलेश कुमार को अपने साथ रांची ले गयी. टीम ने नवलेश के सुंदर नगर स्थित आलीशान मकान से साढ़े चार लाख रुपये नकद के अलावा 250 ग्राम सोना, डेढ़ किलो चांदी, अन्य आभूषण व विभिन्न बैंकों के पांच पासबुक जब्त किये है़
गुरुवार को नशे में थे डीएलओ, हुए फरार
गुरुवार की शाम पूछताछ के लिए बुलाये गये डीएलओ शारदा नंद देव से टीम पूछताछ नहीं कर पायी, क्योंकि वह नशे में थे. सहायक ने पूछताछ के दौरान एसीबी को बताया है कि कमीशन में डीएलओ व अन्य अधिकारियों को भी हिस्सा मिलता था़ डीएलओ से शुक्रवार को पूछताछ की तैयारी थी, पर डीएलओ कोडरमा में मिले नहीं. जिला मुख्यालय स्थित उनके कार्यालय में ताला लटका हुआ मिला़ एसीबी डीएसपी ने बताया कि नवलेश से पूछताछ की जा रही है. बैंकों की भूमिका की भी पड़ताल हो रही है़ बैंकों में हड़ताल के कारण अभी पूरा डाटा नहीं मिल पाया है़ कोडरमा-हजारीबाग रेल लाइन परियोजना में चंदवारा मौजा की अधिग्रहित की गयी जमीन के मालिकों से प्रभात खबर ने बातचीत की तो कई नये खुलासे हुए. कई लाभुकों ने कमीशन के रूप में राशि लेनी की बात कही.
दो करोड़ के मुआवजे में से 25 लाख कमीशन
पिपराडीह स्टेशन रोड स्थित महेंद्र कुश्वाहा की करीब 78 डिसमिल जमीन अधिग्रहित हुई है़ इसके बदले उन्हें पहली किस्त के रूप में एक करोड़ 86 लाख 53 हजार रुपये बीओआइ के बैंक खाते में 22 सितंबर 2015 को दिये गये. इसके अगले दिन खाते से कमीशन की राशि के रूप में 25 लाख 22 हजार रुपये निकाल लिये गये. महेंद्र कुश्वाहा ने बताया कि उन्हें जमीन के बदले 2 करोड़ 52 लाख रुपये मुआवजा मिलना था.
बाद में नाजिर ने बताया कि 12 प्रतिशत कमीशन देना पड़ेगा़ मुझे यह नहीं पता था कि बैंक के खाते से राशि निकालने के फाॅर्म पर भी अंगूठा लगवा लिया गया है. नवलेश ने अपने घर पर ही बुला कर खाता खुलवाया था. जमीन में उसका भाई महरू महतो भी हिस्सेदार है़ जमीन मां स्व राधा देवी के नाम थी. मुआवजे की राशि में से 50 लाख रुपये उसने फिक्सड डिपॉजिट कराया है़ लाभुकों ने बताया कि कई लोगों की जमीन गयी है़ करीब सात करोड़ रुपये बतौर कमीशन सरकारी बाबुओं ने ले लिये हैं.
खाता में पैसा आने के साथ कट जाता था कमीशन
चंदवारा के देवी मंडप रोड निवासी देवानंद रजक ने बताया कि मां रुनिया देवी पति रघुनाथ रजक की 6.14 डिसमिल जमीन अधिग्रहित हुई़ उन्हें 21 लाख मुआवजा मिलना था. मुआवजे की 75 प्रतिशत राशि 15 लाख 75 हजार 500 रुपये उनके बीओआइ के खाते में 17 अक्टूबर 2015 को आयी, पर 10 प्रतिशत कमीशन के रूप में 2 लाख 10 हजार 300 रुपये उसी दिन निकाल लिये गये.
उनका खाता बीओआइ में नवलेश ने अपने घर पर ही खुलवाया था़ नवलेश के घर पर ही बैंककर्मी भी आया था़ उसकी फुआ कुषमा देवी पति कुलेश्वर रजक की जमीन 6.4 डिसमिल अधिग्रहित की गयी. मुआवजे के लिए उन्हें करीब 21 लाख मिलने हैं, पर नवलेश ने 30 दिसंबर को ही अपने घर पर 15 प्रतिशत कमीशन मांगा़ इसके बाद एसीबी नेे शिकायत के आधार पर गुरुवार को कार्रवाई की़