डीअाइपीपी की ओर से राज्यों में सुधार के लिए अपनाये गये कदम के अनुसार दिये जाते हैं अंक
अंतिम रूप से साल में एक बार वर्ल्ड बैंक की ओर से किया जाता है मूल्यांकन
अॉनलाइन नक्शा पास करने व सभी जगह के मास्टर प्लान न बनने से अंक तालिका में अभी भी पीछे
विभिन्न विभागों में अपनाये गये सुधार के उपाय के तहत 165 अंक मिले
रांची : इज अॉफ डूइंग बिजनेस के तहत झारखंड का अंक पहले की तुलना में फिर बढ़ा है. 23 नवंबर 2015 तक झारखंड ने इस मामले में 75 फीसदी अंक हासिल किये थे. छह जनवरी 2016 को झारखंड को कुल 93 फीसदी अंक मिले हैं. हालांकि इसका अंतिम रूप से मूल्यांकन साल में एक बार वर्ल्ड बैंक द्वारा किया जाता है. अभी डिपार्टमेंट अॉफ इंडस्ट्रीयल पॉलिसी एंड प्रमोशन(डीअाइपीपी) द्वारा अंक राज्यों में सुधार के लिए अपनाये गये कदम के अनुसार दिये जाते हैं.
झारखंड को पिछले नवंबर माह में विभिन्न विभागों में अपनाये गये सुधार के उपाय के तहत 124 अंक मिले थे, जो अब बढ़कर 165 अंक हो गये हैं, वहीं प्रक्रिया शुरू करने के मामले में 73 अंक मिले हैं. झारखंड को अभी तक कुल 340 अंक मिले हैं. जिसमें श्रम विभाग को 116 अंक, वाणिज्यकर विभाग को 57, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को 49, औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार को 23, उद्योग विभाग को 22, राजस्व एवं निबंधन को 16, बिजली वितरण निगम को 12 अंक इस तरह अलग-अलग विभागों को मिलाकर 340 अंक मिले हैं.
नगर विकास विभाग के कार्यों में पीछे
झारखंड अभी भी कई मामलों में पीछे है, खासकर नगर विकास विभाग के कार्यों में. नगर विकास विभाग द्वारा अॉनलाइन नक्शा पास कराने की प्रक्रिया पूरे राज्य में शुरू नहीं की गयी है.
वहीं रांची को छोड़ अन्य शहरों का मास्टर प्लान नहीं बन पाया है, जिस कारण अभी तक नगर विकास के मामले में झारखंड ने एक भी अंक अर्जित नहीं किया है. भूमि सुधार विभाग के तहत डाटा के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है. 60 फीसदी तक काम हो चुका है, जिस कारण इस मामले में भी अंक नहीं दिया गया है. उद्योग विभाग के सूत्रों ने बताया कि यदि सारे विभाग झारखंड में लागू होनेवाले सारे सुधारों को अपना लेता है, तो अगले वर्ष झारखंड इज अॉफ डूइंग बिजनेस में पहले स्थान पर भी आ सकता है.