फिलहाल, सरकार ऑनलाइन परमिट देने, वाहनों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस के लिये ऑनलाइन आवेदन करने जैसी योजनाओं को मूर्त रूप देने का काम शुरू भी नहीं कर सकी है. मामले में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का गठन नहीं हुआ. एसटीए और आरटीए में कंप्यूटराइजेशन का काम आरंभ नहीं हुआ. हालांकि, सरकार ने एनआइसी को कार्य सौंपा है. विभागीय अधिकारियों ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में इन योजनाओं पर काम करने की उम्मीद जरूर जतायी है.
इधर, परिवहन विभाग द्वारा ताम-झाम से शुरू किये गये मोबाइल एप्स ने भी दम तोड़ दिया है. एंड्रायड मोबाइल के लिये सरकार द्वारा तैयार किये गये एप्स में किसी भी वाहन का नंबर डाल देने पर उसके निबंधन की पूरी जानकारी प्राप्त हो जाती थी. इस एप्स का इस्तेमाल बड़ी तादाद में आम लोग भी कर रहे थे. पिछले कुछ महीनों से उस एप्स ने अचानक काम करना बंद कर दिया. विभागीय अधिकारियों को इस बात की जानकारी तक नहीं है. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने खुद को इससे अनभिज्ञ बताते हुये मामला देखने की बात कही.