प्राथमिकी में वसूली करने के लिए अभियंताओं, व्यवसायियों को मंत्रिमंडल निगरानी और एसीबी चीफ के नाम से फरजी नोटिस भेजने और फोन कर पैसे की वसूली करने का आरोप लगाया गया है. एसीबी सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र पांडेय राजस्व पर्षद से पहले स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर था. वह एक वरिष्ठ आइएएस का भी करीबी रहा है.
वह आइएएस जिस विभाग में जाते थे, उसे अपने साथ ले जाते थे. इन कारणों से वह सरकारी कामकाज के तरीकों का जानकार है. कंप्यूटर का बेहतर इस्तेमाल भी वह कर लेता है. इन जानकारियों के आधार पर ही नरेंद्र पांडेय ने एक अभियंता को नोटिस भेजा था. अभियंता उसे अच्छी तरह जानता था. जब नरेंद्र ने अभियंता को फोन किया, तो अभियंता ने उसकी आवाज पहचान ली. अभियंता ने इसकी सूचना एसीबी को दी. इसके अलावा एक चिकित्सक ने भी एसीबी को नोटिस मिलने की शिकायत की. नरेंद्र पांडेय ने धनबाद में भी कुछ लोगों को फरजी नोटिस भेजा. इसकी सूचना भी एसीबी को मिली थी. इसके अलावा नरेंद्र ने एसीबी में चल रहे जांच के कई आरोपियों को भी नोटिस भेज कर वसूली की.