रांची: ग्रामीण कार्य विभाग विशेष प्रमंडल, रामगढ़ में पदस्थापित रहे कार्यपालक अभियंता यादवेंद्र सिंह चौहान ने सरकारी योजना के लिए आवंटित राशि की निकासी कर पत्नी के नाम अरगोड़ा में मकान में खरीद लिया है.
इसमें कार्यपालक के साथ दूसरे इंजीनियर और लेखापाल भी शामिल हैं. इसमें सहायक अभियंता सुधीर कुमार सिन्हा, सहायक अभियंता प्रमोद सिन्हा, कनीय अभियंता विनोद कुमार, शिवनंदन, चंद्रभूषण पासवान और सुरेंद्र सिंह (सभी तत्कालीन ग्रामीण कार्य विशेष प्रमंडल रामगढ़), अजय कुमार पांडेय (तत्कालीन सहायक अभियंता लघु विभाग), जितेंद्र कुमार (लेखापाल), अरुण कुमार (कनीय लेखापाल) और कनीय लेखापाल ललन शर्मा भी शामिल हैं. इससे संबंधित शिकायत सरकार से की गयी थी.
इसके बाद सरकार ने निगरानी जांच का आदेश दिया था. निगरानी ने सभी के खिलाफ जांच के लिए प्रारंभिक जांच संख्या (30/13) के अंतर्गत मामला दर्ज जांच शुरू कर दिया है.
योजना के लिए आवंटित हुए थे 11 करोड़ रुपये
निगरानी के अफसरों के अनुसार शिकायत करनेवाले का आरोप है कि कुछ वर्ष पूर्व सरकार ने ग्रामीण कार्य विशेष प्रमंडल, रामगढ़ को आइएपी योजना के अंतर्गत 11 करोड़ दिये थे. आवंटित रुपये में से पतरातू में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रामगढ़ में इंडोर स्टेडियम और उत्क्रमित मध्य विद्यालय का निर्माण कराना था, लेकिन कार्य पूरा नहीं हुआ. कार्यपालक अभियंता यादवेंद्र सिंह चौहान ने प्राप्त राशि को रामगढ़ स्थित एक्सिस बैंक के अकाउंट में जमा करवा दिया. इनमें 5.50 करोड़ रुपये कार्यपालक अभियंता ने संवेदक को भुगतान कर दिया, जबकि शेष राशि उन्होंने धीरे-धीरे कर निकाल अपनी पत्नी के नाम पर अशोक नगर में एक बड़ा मकान खरीदा लिया. निगरानी के अधिकारियों के अनुसार अब अभी सिर्फ शिकायतकर्ता द्वारा लगाये गये आरोप की जांच होगी. जांच के दौरान सभी को नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया जायेगा. जांच के दौरान आरोप सही साबित होने पर आगे की कार्रवाई होगी.